वर्ष 2022-23 में मत्सय पालन से जुड़े किसानों के लिए 5 करोड़ 35 लाख 90 हजार रूपये खर्च किए जाएंगे
BOL PANIPAT , 30 दिसम्बर। नीली क्रांति को बढ़ावा देने व रोजगार सृजन के उद्ेश्य से चलाई गई प्रधानमंत्री मत्सय योजना के तहत जिला में स्वरोजगार को स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर मत्सय पालन करने वाले लोग काफी लाभ अर्जित कर अपना जीवन स्तर ऊपर उठा सकते हैं। जिला में वर्ष 2022-23 में विभिन्न योजनाओं के तहत मत्सय पालन से जुड़े किसानों के लिए 5 करोड़ 35 लाख 90 हजार रूपये खर्च किए जाएंगे इनमें 1 करोड़ 78 लाख 38 हजार रूपये केन्द्र सरकार और 1 करोड़ 18 लाख 92 हजार रूपये प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की गई है।
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि जिला में इन योजनाओं के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तिय सहायताओं में नए बीज के लिए बनाए जाने वाले तालाब के लिए 8 ईकाईयां, ग्रोआऊट पोंड के लिए 28 ईकाईयां स्थापित की जाएगी। इसी तरह फ्रेस वाटर एक्वाक्लचर के लिए भी अपनी यूनिट लगाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत स्वरोजगार स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति के लोगों के लिए 60 प्रतिशत और किसी भी जाति की महिला के लिए 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान रखा गया है। यह अनुदान 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
जिला मत्सय अधिकारी यशपाल सेतिया ने बताया कि मत्सय पालन के लिए बड़े प्रोजैक्ट लगाने के लिए भी अनुदान राशि दी जाती है। बड़े रीसर्कूलेटरी एक्वाक्लचर सिस्टम, बायोफलॉक टैंकों की यूनिट के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि छोटे स्तर पर ऋण स्थापित करने का भी प्रावधान रखा गया है। साईकिल पर आईस बॉक्स में मछली बेचने के लिए, रैफरीजरेटर व्हीकल के लिए, आईस बॉक्स सहित मोटरसाईकिल के लिए, तीन पहियां वाहनों के लिए अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।
यशपाल सेतिया ने बताया कि गत दिवस उपायुक्त सुशील सारवान ने प्रधानमंत्री मत्सय सम्पदा योजना के तहत जिला स्तरीय बैठक कर इस पर समीक्षा की थी निर्देश दिए कि योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए जो भी प्रावधान किया गया है उसका लाभ लाभार्थियों को समय पर दें। इस बैठक में जिला परिषद के सीईओ विवेक चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक विरेन्द्र देव आर्य, कृषि विज्ञान केन्द्र ऊझा के वरिष्ठ समन्वयक राजबीर सिंह इत्यादि भी उपस्थित रहे।
जिला के प्रगतिशील किसान बिजेन्द्र मलिक ने बताया कि उसने निम्बरी स्थित मत्सय पालन किया है और वर्तमान में वह बॉयोफलॉक सिस्टम ऑफ फिश कल्चर, एक्वाफोनिक्स के तहत मत्सय पालर कर रहा है। यही नही उसने 50 टन का कोल्ड स्टोर भी स्थापित किया है जोकि आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। भविष्य में वह इस काम को और बढ़ाना चाहता है और नई पद्धति के तहत काम करने का इच्छुक है। उन्होंने बताया कि वह उक्त योजना के तहत आवेदन करेगा ताकि अपने काम को आगे बढ़ा सके। डीएफओ यशपाल सेतिया ने बताया कि जिला के प्रगतिशील किसानों को आगे बढ़ाने के लिए विभाग कृत संकल्प है और उपायुक्त सुशील सारवान के निर्देशानुसार पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
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