फार्मेसी में एआइ से स्वास्थ्य क्षेत्र में आएगी क्रांति : डॉ.रामकृष्ण
-उत्तर भारत में पहली बार पाइट में फार्मास्यूटिकल कांफ्रेंस, देशभर से पहुंचे विद्यार्थी और विशेषज्ञ
BOL PANIPAT : समालखा – आर्टिफिशल इंटेलीजेंस यानी एआइ की इस समय सबसे अधिक चर्चा है। एआइ का किसी एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में अपना असर बढ़ रहा है। फार्मेसी में अगर एआइ का उपयोग किया जाए तो स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी क्रांति आ सकती है। मरीज का इलाज करना और आसान हो जाएगा। यह बात देश के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया डॉ.ए रामकृष्ण ने कही। दरअसल, यहां पाइट कॉलेज में इंडियन फार्मास्यूटिकल संगठन विद्यार्थी फॉर्म की 13वीं तीन दिवसीय कांग्रेस का आयोजन हुआ। समापन अवसर पर वह मुख्य अतिथि रहे। उत्तर भारत में पहली बार यह कांग्रेस हुई।
डॉ.ए रामकृष्ण ने कहा कि फार्मेसी बहुत अच्छा प्रोफेशन है। इस प्रोफेशन में आप आजीवका के साथ समाज की सेवा भी कर सकते हो। आज की जरूरत के हिसाब से हमें अपने पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है। विद्यार्थियों को अपने समय का सदुपयोग करते हुए प्रतिभा को तराशने की जरूरत है।
इंडियन फार्मास्यूटिकल संगठन के अध्यक्ष प्रो. टीवी नारायण ने कहा कि आप फार्मेसी फील्ड से अलग-अलग एरिया में काम कर सकते हो। अच्छी आय हासिल कर सकते हो। डॉ. हरीश दूरेजा, मुझईदिन, सतीश कुमार, डॉ. गोकुल ने भी अपने विचार रखे। पाइट के सचिव सुरेश तायल ने कहा की लोगों को दवाइयां के बारे में अभी भी पूरी जानकारी नहीं है। बहुत सारे व्यक्ति बिना किसी डॉक्टर या फार्मासिस्ट के परामर्श के खुद व खुद दवाई लेते हैं। आप सभी विद्यार्थियों को इस फील्ड में और ज्यादा जानकारी लेने की जरूरत है ताकि आप अपने आसपास सभी लोगों को इसके लिए अच्छे से मार्गदर्शन कर सको। इस कांग्रेस में विशेषज्ञों और छात्र-छात्राओं ने शोध पत्र प्रसतुत करके बताया कि फार्मेसी फील्ड में और कौन सी तकनीक आ चुकी हैं। मरीज का अच्छा इलाज कैसे किया जा सकता है। इस अवसर पर पाइट के चेयरमैन हरिओम तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, निदेशक डॉ.जेएस सैनी, प्रिंसिपल डॉ.गौरव अग्रवाल, डॉ.दीपक भागवत भी मौजूद रहे।
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