Saturday, January 25, 2025
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सभी बैंकर्स उपभोक्ताओं के प्रति बने जवाबदेह: उपायुक्त

By LALIT SHARMA , in DIPRO PANIPAT PRESS RELEASE , at December 30, 2021 Tags: , , , , ,

-जिला ऋण योजना के तहत वर्ष 2022-23 के लिए 8809 करोड़ रूपये का रखा गया लक्ष्य

BOL PANIPAT , 30 दिसम्बर। डीसी सुशील सारवान ने गत देर सांय लघु सचिवालय के सभागार में बैंको की जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी बैंकों के प्रतिनिधि अपने व्यवहार में कुशलता लाए और बैंकों में आने वाले उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें और सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दें। इस बैठक मेंं जिला ऋण योजना के तहत सभी बैंको के लिए 8809 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है जिसमें कृषि के लिए 3469 करोड़ रूपये, एमएसएमई के लिए 3942 करोड़  और दूसरे क्षेत्र के लिए 1407 करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा गया है। एलडीएम कमल गिरीधर ने बैठक में सम्बंधित प्रस्ताव रखे जिस पर उपायुक्त सहित अन्य अधिकारियों ने अपनी सहमति प्रदान की।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों और सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं को आम आदमी तक पंहुचाना उनकी प्राथमिकता है क्योंकि ग्रामीण विकास केन्द्र, प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि कमजोर और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के जीवन को सुदृढ बनाने के लिए वे लीक से हटकर काम करेंगे। यह एक सामाजिक दायित्व भी है।

डीसी सुशील सारवान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास में नाबार्ड बैंक की अहम भूमिका रही है। उन्होंने इस मौके पर नाबार्ड के क्रेडिट प्लान 2022-23 की लोंचिंग करते हुए कहा कि नाबार्ड द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए मूलभूत प्रस्ताव तैयार किया गया है। सभी बैंक नाबार्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों की पालना करें। उन्होंने कहा कि जो भी योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जाती है उनका केवल एक ही उद्ेश्य होता है कि वे योजनाएं जिस क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित कर बनाई गई है क्योंकि कोरोनाकाल में लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना बहुत जरूरी है और इसमें केन्द्र व प्रदेश सरकार बहुत खुले मन से योजनाएं बना रही है ताकि लोगों को जीवन स्तर बेहतर हो सके।

एलडीएम कमल गिरधर ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि जिला में कुल 36 बैंकों के तहत 265 ब्रांच काम कर रही हैं और जिला ऋण योजना के तहत कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र, एमएसएमई, प्राथमिक क्षेत्रों के लोन जैसे हाऊसिंग लोन, एजुकेशन लोन और अन्य रिटेल लोन के लिए लक्ष्य निर्धारित करने हेतु सभी बैंकों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और निर्धारित समय में इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।

नाबार्ड के एजीएम कुशल दीप ने बैठक में सबको सरकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि प्राथमिकता क्षेत्र में जो भी ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है उसे सभी बैंक गम्भीरता से लें। स्वयं सहायता समूह के लिए ऋण देने राशि को बढ़ाया गया है। प्राय देखने में आया है कि स्वयं सहायता समूहों को बैंक ऋण देने में आनाकानी कर देते हैं इसलिए कोई भी बैंक स्वयं सहायता समूह को ऋण देने में संकोच ना करे यह सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि यदि स्वयं सहायता समूह के सदस्य में से किसी के परिवार का सदस्य बैंक का डिफाल्टर भी है तो भी उसे बैंक ऋण देने से मना नही कर सकता।

आरबीआई की एजीएम शालिनी जैन ने आरबीआई की ओर से जारी गाईडलाईन्स को बताते हुए सभी बैंकों से अपील की कि वे सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं को आगे बढ़ाने और गरीब लोगों के आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में आगे आए और उसमें कोई भी संकोच ना करें। बैठक में एडीसी वीना हुड्डा, ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी शर्मा, एसबीआई के मुख्य प्रबंधक ललित कुमार और पीएनबी के उपप्रबंधक महेन्द्र कुमार के साथ-साथ विभिन्न बैंक शाखाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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