प्राथमिक उपचार विषय पर बौद्धिक कार्यक्रम किया गया ।
BOL PANIPAT : 01 जनवरी आज आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रंागण में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन प्राथमिक उपचार विषय पर बौद्धिक कार्यक्रम किया गया । समारोह के मुख्य अतिथि रैड क्राॅस सोसायटी की ओर से श्रीमती सोनिया शर्मा रही। । एन0 एस0 एस0 अधिकारी श्री दिनेश कुमार जी ने सात दिवसीय शिविर के दूसरे दिन की रूप रेखा बताई ।
समारोह के मुख्य अतिथि श्रीमती सोनिया शर्मा ने स्वयं सेवकों को प्राथमिक उपचार से अवगत करवाया। उन्होने बताया कि कोई व्यक्ति यदि दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो उसे बचाने के लिए कौन कौन से प्राथमिक सहायता दी जा सकती है। उन्होने अपने प्रशिक्षण के दौरान सी0 पी0 आर0, किसी व्यक्ति की हड््डी टूट जाने के कारण उसे किस प्रकार से प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है इससे जुडी़ महत्वपूर्ण जानकारियाॅ दी ।
प्राचार्य मनीष घनगस ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि रोगी को सही समय पर प्राथमिक चिकित्सा मिल जाए तो संबधित रोगी के जीवन को बचाया जा सकता है। प्राथमिक चिकित्सा का उद्धेश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना कि चोट ग्रस्त व्यक्ति को सही समय पर चिकित्सालय में पहुचाया जा सके तथा उसे कम से कम हानि हो। उन्होने मुख्य अतिथि महोदया का हार्दिक स्वागत और विद्यालय में पहुचने पर धन्यवाद किया।
कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार ने स्वयं सेवकों की तरफ से मुख्य अतिथि महोदया का हार्दिक धन्यवाद किया तथा बताया कि सांयकालीन सत्र में विद्यालय मे साफ सफाई का कार्य करवाया जाएगा।
इस अवसर पर कुशाल सहगल, सोनू वर्मा, संजय भारद्वाज, अनिल कुमार, जितेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।
समारोह के मुख्य अतिथि प्राचार्य मनीष घनगस ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि नैतिक मूल्यो का जीवन मेें विशेष महत्व होता है। अनुशासन, ईमानदारी वह नैतिक मूल्य है जो किसी व्यक्ति को जीवन में सफल बनाने में अहम योगदान देता है। नैतिक मूल्य अच्छे और बुरे कार्याें के बीच में अन्तर पैदा करने वाला मानक है। इन्ही नैतिक मूल्यों के द्वारा वह अपने व्यवहार और कार्याें पर नियन्त्रित करता है। नैतिक मूल्यों का समाज की उन्नति में विशेष योगदान होता है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि ओमदत्त भारद्वाज ने स्वंय सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कार मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। संस्कार मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने का कार्य करते हैं। संसार में किसी भी व्यक्ति का व्यवहार देखकर ही उसके परिवार के संस्कारांे के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होने एक उदाहरण के माध्यम से स्वयं सेवकों को बताया कि बच्चे का जीवन व मन एक कोरे कागज की भांति होता है। जब बच्चा छोटा होता है तभी से उसमें अच्छे संस्कार भरे जा सकते है। हर व्यक्ति को चाहिए कि हर बच्चे के कोरे मन मेे केवल संस्कारेां के ही भाव भरे ताकि बचपन में अच्छे संस्कार पाकर वह एक आदर्श व्यक्ति बन सके।
कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार ने सभी अतिथियों का विद्यालय का विद्यालय में पहुचने पर हार्दिक रूप से धन्यवाद किया । एन0 एस0 एस0 को सफल बनाने में विशेष सहयोग देने वाले विद्यालय के देव सिंगला और अरबाज. को भी सम्मानित किया गया । इस अवसर पर कुशाल सहगल , जितेन्द्र सिंह, अनिल कुमार, सोनू वर्मा, संजय भारद्वाज उपस्थित रहे। उन्होने बताया कि सायंकालीन सत्र में स्वय सेवकों द्वारा सफाई अभियान चलाया जाएगा।
Comments