चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया
ईमानदारी से ड्यूटी करें वरना कानून सभी के लिए बराबर : एसपी शशांक कुमार सावन
BOL PANIPAT : पानीपत के चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है. इनमें एक एसआई, एक एएसआई, एक मुंशी और एक सिपाही शामिल है. चारों को तीन अलग-अलग मामलों में बर्खास्त किया है. महकमे के सभी पुलिसकर्मियों को कड़ी चेतावनी दते हुए एसपी ने कहा कि सभी ईमानदारी से ड्यूटी करें वरना कानून सभी के लिए बराबर है. कोताही करने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
एसपी शशांक कुमार सावन ने एसआई सतबीर और मुंशी प्रदीप को निंबरी गांव मर्डर केस में बर्खास्त किया है. निंबरी गांव में कुछ शराब ठकेदारों ने जयकरण नाम के शख्स का अपहरण कर लिया था. इसके बाद उन्होंने उसकी हत्या कर दी. एसपी ने इसी केस में सदर थाना के पूर्व प्रभारी एसआई सतबीर और थाने के मुख्य सिपाही प्रदीप को बर्खास्त किया है. इन पुलिसकर्मियों पर इतनी बड़ी वारदात में आरोपियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं किए जाने और मिलीभगत कर मामले में समझौता करवाने का आरोप है. इस मामले की जांच एएसपी पूजा वशिष्ठ ने की थी. एएसपी की जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए.
ये पूरा मामला 13 मार्च 2021 का है. यहां एक शराब ठेकेदार ने शहरमालपुर गांव के प्रदीप, गौरव और राजपाल, जोशी गांव के अजीत, छाजपुर के रोहित और सोनीपत के गामड़ी गांव के सुरजीत के साथ मिलकर निंबरी गांव के रहने जयकरण का अपहरण कर लिया था. इसके बाद इन सभी आरोपियों ने जयकरण की डंडों से पिटाई कर दोनों पैर तोड़ दिए थे. आरोपी जयकरण को मृत समझकर भाग गए थे. शराब ठेकेदारों के कथित रूप से थाना सदर से मिलीभगत के चलते घायल जयकरण इतना डर गया था कि उसने अपने दोनों पैर टूटने की घटना को हादसा बताया था. पुलिस के सामने उसने कहा था कि वो बाइक से जा रहा था. सामने से एक कुत्ता आ गया था. इससे बाइक फिसल गई और वह घायल हो गया. इधर जयकरण का मामला मीडिया में उछलने के बाद एसपी शशांक सावन की पहल पर आरोपियों पर थाना सदर पुलिस ने केस दर्ज किया था. हालांकि इलाज के दौरान जयकरण की मौत हो गई थी. इसके बाद थाना सदर पुलिस ने मामले में हत्या की धारा जोड़ी थी.
दूसरा मामला पानीपत अशोक विहार कॉलोनी का है. यहां रहने वाली एक महिला ने किला थाने में शिकायत दी कि 26 मई 2021 की सुबह 11 बजे उसकी 22 साल की बेटी का इरशाद ने अपहरण कर लिया है. इस साजिश में आरोपी की भाभी भी शामिल है. 27 मई को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में की जांच कर रहे जांच अधिकारी एएसआई धर्मबीर ने इरशाद के भाई के ससुर की फैक्ट्री में काम कर रहे 55 साल के अयूब को पूछताछ के लिए पकड़ा. अयूब से पुलिसवालों ने अपहरण के आरोपी इरशाद के ठिकानों का पता पूछा. एएसआई ने बुजुर्ग अयूब पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया. उसे तपती गर्मी में नग्न कर पीटने का आरोप है. जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ी और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी से करवाई गई तो सामने आया कि आरोपी एएसआई धर्मबीर ने एक पक्ष से 10 हजार रुपए रिश्वत ली थी. आरोपी एएसआई तीन दिन तक अयूब को थाने ले जाता और गाली-गलौज व मारपीट करता. हादसे वाली शाम शराब के नशे में एएसआई धर्मबीर अयूब को घसीटकर थाने ले आया और उसे थर्ड डिग्री देकर मार डाला. इस मामले में आरोपी के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. फिलहाल आरोपी जेल में बंद है. उसे एसपी ने बर्खास्त कर दिया.
तीसरा मामला पानीपत के सेक्टर 13-17 थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति को किसी अज्ञात ने जान से मारने की धमकी दी थी. इस मामले में पीड़ित ने एसपी से अपनी सुरक्षा की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने सिपाही पंकज को पीड़ित की सुरक्षा में बतौर गनमैन लगा दिया. गनमैन लगने के दूसरे दिन ही पंकज ने अपनी वर्दी का रौब और किसी पर नहीं बल्कि पीड़ित पर ही दिखाना शुरु किया. सिपाही ने पीड़ित को ही प्रताड़ित करना शुरु कर दिया. उससे शराब, सिगरेट, नॉनवेज आदि की मांग की. इतना ही नहीं उसने शराब के नशे में पीड़ित से ही अभ्रदता करते हुए पिस्तौल दिखाई और जान से मारने की धमकी दी. इस मामले की शिकायत पीड़ित ने एसपी को सबूत देते हुए की. सबूतों के आधार पर एसपी ने जांच डीएसपी को सौंपी. डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने तत्काल प्रभाव से गनमैन सिपाही पंकज को बर्खास्त कर दिया.
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