88 वर्षीय सावित्री नाम की महिला की अंतिम इच्छा को पूरा किया, उनके बच्चों ने उनके शरीर को दान किया
-जनसेवा दल के सचिव चमन गुलाटी का का कहना – नर सेवा ही नारायण सेवा है
BOL PANIPAT : ब्यास आश्रम को मानने वाली सावित्री के परिवार में बेटा राजेंद्र प्रसाद मुकेश और उनकी बेटीयां बिमला रानी, कमलेश रानी, उषा रानी, नीलम रानी ने अपनी मां की अंतिम इच्छा को पूरा किया.मरणोपरांत उनके शरीर को दान किया. जीते जी मानवता के बहुत सारे कार्य किए भजन सिमरन किया संत सतगुरु हमेशा निष्काम सेवा के कार्य सिखाते हैं उसी रहा पर चलते हुए मां जी का पार्थिव शरीर इसराना मेडिकल कॉलेज को दान में दे दिया ताकि उनका शरीर मानवता के कार्य किए काम आए. इसमें कम से कम 10 डॉक्टर तैयार होते हैं.
जनसेवा दल के सचिव चमन गुलाटी का कहना है हम लोग धन दौलत इकट्ठी करते हैं बैंक बैलेंस इकट्ठा करते वो जरुरी है मगर उसे ज्यादा जरूरी निष्काम सेवा के कार्य है जो हमारे साथ जाते हैं. बैंक बैलेंस हमारे साथ नहीं जाता. प्रधान किशन मनचंदा का कहना है कि जीते जी रक्तदान करें इस परिवार द्वारा मां जी की आंखों का दान माधव आई बैंक करनाल द्वारा जन सेवा दल के सहयोग से आंखों का दान किया गया. जिस दो घरों में रोशनी मिलेगी राजकुमार मनोचा का कहना है कि पानीपत में जनसेवा दल एक ऐसा आशियाना बनाया गया है जहां पर बुजुर्गों की मंदबुद्धि विकलांग लोगों की सेवा की जाएगी. अशोक मिगलानी ने कहा जनसेवा दल जो 40 वर्षों से सेवा का कार्य कर रहा है आप सभी लोग इनका सहयोग करें
आसन कला बाबा जो सच्चा गुरुद्वारा से आए भाई सतनाम ने सावित्री के पार्थिव शरीर को ले जाने से पहले अरदास की. सारी संगत को प्रेरणा दी की निष्काम सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं होती . जनसेवा दल के सभी साथियों ने प्रधान कृष्ण मनचंदा चमन गुलाटी, कैलाश ग्रोवर, राजकुमार मनोचा, श्याम लाल, कमल गुलाटी,कपिल मल्होत्रा, यश बांगा,अशोक मिगलानी, गुलशन, अशोक अरोड़ा राजू कथूरिय जनसेवा के सभी कार्यकर्ता मिलजुल कार्य सेवा करते हैं और इस परिवार को इस महान कार्य के लिए आज जोड़कर नमन किया गया क्योंकि पानीपत में शरीर दान की बहुत बड़ी सेवा है
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