Saturday, January 25, 2025
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पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में “अखिल भारतीय ई-कवि सम्मेलन” का भव्य आयोजन

By LALIT SHARMA , in Business SOCIAL , at January 11, 2022 Tags: , , , , , ,

BOL PANIPAT :- 11 जनवरी, 2022, पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स (पीआरपीसी) में विश्व हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय हिन्दी ई-कवि सम्मेलन का आयोजन 10 जनवरी, 2022 को साँय 07 बजे से आयोजित किया गया । इस कवि सम्मेलन का शुभारंभ आमंत्रित  कविगणों की उपस्थिति में श्री गोपाल चन्द्र सिकदर, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख,  पीआरपीसी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।  इस अवसर पर पीआरपीसी से विशेष रूप से श्रीमती महुआ बसु, मुख्य-महाप्रबन्धक  (मा. संसा.) श्री विवेक नारायण, महाप्रबन्धक (प्र.एवं क.) श्री वीरेंद्र सिंह रावत उप- महाप्रबन्धक  (प्र.एवं क.) तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेट स्तर से ऑनलाइन जुड़े सभी हिन्दी प्रेमियों का स्वागत किया गया तथा कवियों का परिचय कराया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये श्री गोपाल चन्द्र सिकदर, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख, पीआरपीसी ने कहा – “कविता हमारे मन के कोमल भावों का उद्गार है, यह वह साधन है, जो मानव के अंदर नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में अपना पूर्ण योगदान देती है।” कार्यक्रम में श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, डॉ. प्रवीण शुक्ल, श्री गजेन्द्र सोलंकी तथा सुश्री पद्मिनी शर्मा ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई एवं सभी दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया । कार्यक्रम में गीत, गजल, वीर, हास्य तथा प्रेम एवं श्रृंगार रस की कविताओं का पाठ किया गया ।

कार्यक्रम के दौरान कवियित्री सुश्री पद्मिनी शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से रिश्तों की गहराई को बयां किया । उनकी कविता “लकीरें खींच देता है, मेरे चेहरे पर वनमाली, मेरे काजल का दुश्मन है, मेरी आँख का पानी“ के माध्यम से मधुर गीत प्रस्तुत किया । श्री गजेन्द्र सोलंकी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव और वीर सैनिको को अपनी कविता के मध्यम से स्मरण दिलाकर सबको भावुक कर दिया। डॉ. प्रवीण शुक्ल जी ने सिंहावलोकन छंद में कविता सुनाई । इसके साथ ही उनकी कविता “कैसे कह दूँ कि थक गया हूँ मैं, जाने किस-किस का हौंसला हूँ मैं” के माध्यम से मन को आह्लादित कर दिया । वहीं वरिष्ठ कवि श्री लक्ष्मी शंकर वाजपेयी जी ने अपने गीतो एवं गजलों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । उन्होने अपनी गजल “जब मिले जख्म तो भरने का तरीका सीखें, सूरज से डूबकर फिर से उभरने का तरीका सीखें” के माध्यम से कोरोना की इस विकट परिस्थिति से उबरने के लिए सभी श्रोताओं का मनोबल बढ़ाया ।

अंत में श्रीमती वर्षा यादव, वरिष्ठ प्रबन्धक (क. सं.) ने सभी कवियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि अखिल  भारतीय स्तर पर इस तरह के आयोजन से न केवल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच बल्कि उनके परिवार के

सदस्यों के बीच भी कविताओं के विभिन्न रसों के प्रति प्रेम बढ़ता है । इस कार्यक्रम में पीआरपीसी से सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा इसके साथ ही कॉर्पोरेट कार्यालय, रिफाइनरी मुख्यालय तथा विभिन्न यूनिटों से बड़ी संख्या में श्रोतागण जुड़े । नराकास पानीपत के सदस्य कार्यालयों से भी लोगो ने कार्यक्रम में भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया । इस कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रीति साह ने किया ।

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