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पानीपत रिफाइनरी में ऑन-साइट सह ऑफ-साइट आपदा ड्रिल का आयोजन

By LALIT SHARMA , in Business , at December 8, 2021 Tags: , , , , ,

BOL PANIPAT :- 8 दिसम्बर 2021विभिन्न आपातकालीन समन्वयकों, उनकी भूमिका, म्यूचुअल एड पार्टनर्स, जिला प्रशासन और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर पानीपत रिफाइनरी में आज औचक ऑनसाइट-सह-ऑफसाइट आपदा राहत पूर्वाभ्यास (ड्रिल) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया ।

योजना के अनुसार, ड्रिल को लगभग 11.35 बजे  सक्रिय किया गया। ड्रिल का परिदृश्य इस प्रकार था -“भरे हुए क्लोरीन टोनर को स्टैंडबाय बैंक से मुख्य बैंक में स्थानांतरित करते समय, टोनर चेन पुली ब्लॉक के लिफ्टिंग हुक से फिसल गया और क्लोरीन डोजिंग लाइन (1”) पर गिर गया, जिससे डोजिंग लाइन क्षतिग्रस्त हो गई और क्लोरीन टोनर के बॉडी में लगभग 20 मिमी की दरार हो गई जिसके परिणामस्वरूप क्लोरीन का भारी रिसाव हुआ और बाद में हवा के साथ इसका वाष्प बाउंडरी वाल से बाहर जाने लगा तथा आस- पास की आबादी को प्रभावित करने लगा।“   

फायर अलार्म बजते ही मेन फायर स्टेशन एवं सेटेलाइट फायर स्टेशन से दमकल गाड़ियाँ साइट पर पहुँची और क्लोरिन गैस के रिसाव को रोकने के लिए क्लोरिन इमरजेंसी किट को लगाने की कोशिश करने लगी परंतु दरार बड़ी होने की वजह से किट उपयोगी साबित नहीं हुयी। साथ ही साथ क्लोरिन गैस के प्रभाव को फैलने से रोकने के लिए हवा की दिशा में वॉटर कर्टन लगाए गए। 

मौसम की स्थिरता, हवा की गति और दिशा के आधार पर, पहले यह माना गया कि आपदा- स्थल के आसपास के क्षेत्र प्रभावित होंगे लेकिन बाद में यह विषैली गैस रिफाइनरी बाउंडरी वाल से बाहर जाने लगी। तदनुसार, जिला प्रशासन को स्थिति के बारे में सूचित किया गया ताकि नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें। तदनुसार, बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को तथा सड़क पर आने जाने वाले लोगों को सुरक्षित निकाल कर पुनर्वास केंद्र जो कि सीआईएसएफ़ कॉम्प्लेक्स में बनाया गया था, वहाँ भेजा गया।  जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ (NDRF) की टीम को भी बुलाया ताकि उनकी भी मदद ली जा सके। प्रभावित क्लोरिन टोन्नर पर स्थापित दिशा-निर्देशों (एसओपी)  के अनुसार नियंत्रण किया गया तथा गैस के रिसाव को बंद किया गया। विभिन्न जिला समन्वयकों ने यातायात, आसपास के ग्रामीणों, सड़क उपयोगकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभाई।

संपूर्ण ऑनसाइट- सह-ऑफसाइट आपदा ड्रिल  श्री धीरज चहल, एच.सी.एस. , उप-मंडल अधिकारी के नेतृत्व में किया गया। उनके साथ जिला प्रशासन  की ओर से श्री कुलदीप सिंह, तहसीलदार एवं श्री अशोक छिक्कारा, बीडीपीओ भी इस ड्रिल मे शामिल हुये। जिला प्रशासन की ओर से पुलिस विभाग, स्वस्थ्य विभाग, होम गार्ड, अग्निशमन विभाग की टीमों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई। इसके अलावा, पानीपत रिफाइनरी की ऑन-साइट डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान के विभिन्न समन्वयक जिनमें मुख्यत: मुख्य घटना नियंत्रक, प्रचालन एवं रखरखाव की टीम, अग्नि एवं सुरक्षा की टीम, मेडिकल की टीम, मानव संसाधन की टीम, सीआईएसएफ़ टीम और म्यूचुअल एड पार्टनर्स (जिला अग्निशमन विभाग, पानीपत थर्मल पावर स्टेशन, नेशनल फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड की टीमें भी शामिल हैं), ने मॉक ड्रिल में भाग लिया।

इस आपदा प्रबंधन में रिफाइनरी परिसर के उत्तर-पूर्व हिस्से मे रहने वाले लोगों को स्थानांतरित किया गया जिसमे झोंपड़ी मे रहने वाले लोग, बैचिंग प्लांट मे काम करने वाले लोग, दुकानदार एवं ट्रक ड्राइवर शामिल हैं। इस अभ्यास के दौरान रिफाइनरी के अंदर और बाहर की सभी जहरीली गैस से प्रभावित सड़कों को बैरिकेडिंग और डायवर्ट किया गया।

ड्रिल के बाद सम्मेलन कक्ष में एक डी-ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया, जहां आपातकालीन तैयारी योजना में और सुधार के लिए अवलोकनों की समीक्षा श्री गोपाल चंद्र सिकदर, कार्यकारी निदेशक  व रिफाइनरी प्रमुख, पीआरपीसी एवं श्री धीरज चहल, एच.सी.एस., उप-मंडल अधिकारी द्वारा की गई।

श्री सिकदर ने जिला प्रशासन को बताया कि पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स (पीआरपीसी) की एक व्यापक आपातकालीन बचाव तैयारी योजना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुर्घटना की स्थिति में, सार्वजनिक जीवन, आसपास के पर्यावरण, रिफाइनरी कर्मचारियों और संपत्तियों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने आगे बताया कि पीआरपीसी में विभिन्न प्रकार के ड्रिल नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।

श्री धीरज चहल, ने एक बेहद पेशेवर तरीके एवं पूर्ण कुशलता से आयोजित उद्देश्यपूर्ण और सफल ड्रिल के लिए टीम पीआरपीसी को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि कि हमें  हमेशा इस तरह के आपदाओं से निपटने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।  श्री सिकदर एवं उप-मंडल अधिकारी ने कई ठोस सुझाव भी दिये ताकि ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए और बेहतर ढंग से तैयारी  की जा सके।

गौरतलब है कि विभिन्न विभागों, सीआईएसएफ़ कर्मियों और पारस्परिक सहायता भागीदारों के साथ-साथ जिला अधिकारियों को शामिल करते हुए इस  ड्रिल को सफलता पूर्वक  आयोजित किया गया । रिफाइनरी के अंदर ऑनसाइट आपदा नियंत्रण गतिविधियों को ऑन-साइट आपदा प्रबंधन योजना के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया, जबकि जिला प्रशासन द्वारा विकसित जिला आपदा प्रबंधन योजना के दिशानिर्देशों के तहत जिला अधिकारियों द्वारा बाहरी नियंत्रण गतिविधियों को अंजाम दिया गया।

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