Thursday, September 19, 2024
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“युवा प्रेरणा कार्यशाला” का आयोजन किया

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at December 2, 2021 Tags: , , , , ,

BOL PANIPAT : स्थानीय आई.बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पूर्व छात्रसंघ पूर्व  छात्र समिति व विवेकानंद प्रकोष्ठ में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (पानीपत शाखा)के संयुक्त तत्वावधान में “युवा प्रेरणा कार्यशाला” का आयोजन किया | पूर्व छात्र पानीपत शाखा के संयोजक सुशील कुमार इस कार्यशाला के सूत्रधार रहे |

उन्होंने बच्चों में एकाग्रता व आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अनेक शारीरिक व बौद्धिक गतिविधियों का आयोजन किया | कार्यक्रम के प्रारंभ में विवेकानंद केंद्र (पानीपत शाखा) के संयोजक सुशील कुमार,सह-संयोजिका श्रीमती रजनी शर्मा व सभी अतिथियों को पिटुनिया का पौधा भेंट कर अभिनंदन किया गया | तत्पश्चात मां सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित  किया गया | श्रीमती गुंजन व कुमारी अस्मिता ने देश भक्ति से ओत – प्रोत गीत की प्रस्तुति दी |

इस अवसर पर पूर्व छात्रसंघ के प्रधान श्रीयुत रवि गोसाईं जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का नाम सामने आते ही मन में श्रद्धा और स्फूर्ति  का संचार हो जाता है | उन्होंने भारत के नैतिक जीवन मूल्यों को दुनिया के कोने- कोने मे पहुंचाया | प्राचार्य महोदय डॉ.अजय कुमार गर्ग ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व थे | उनके विचारों को अपनाने से जीवन को एक नई दिशा मिलती है | उन्होंने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर जोर दिया |

कार्यशाला की आयोजिका श्रीमती रजनी शर्मा जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं की शिक्षा में उनके चरित्र गठन को ही सर्वोपरि उद्देश्य बताया था | उन्होंने बताया कि विदेशी शासन में स्वामी विवेकानंद वह प्रथम भारतीय थे जिन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रतिनिधि के रुप में  पश्चिम को सम्मोहित कर लिया |

पूर्व छात्र संघ की संयोजिका डॉ. शशि प्रभा ने बताया कि इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाना व लक्ष्य प्राप्ति के लिए जागरूक करना है | स्वामी विवेकानंद जी ने भी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा है उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल न मिले। कार्यशाला के सहयोगी अमित जीने विवेकानंद केंद्र का परिचय देते हुए “एक जीवन एक ध्येय” पर प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया | श्रीयुत संजीव त्यागी जी ने  “राष्ट्र चुनौतियां व मेरा योगदान” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आज आर्थिक रुप से सुविधाजनक स्थिति प्राप्त करने के सिवाय और कोई मूल्य नहीं माने जाते | चारित्रिक सांस्कृतिक पतन का इस मानसिकता से सीधा सम्बन्ध है | आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, चेतना देना ही शिक्षा का मेरुदंड है | 

उन्होंने विवेकानंद जी के जीवन और विचारों पर प्रकाश डालकर छात्रों को उन्हें आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया | छात्रों ने इस विषय पर गणशः मंथन करते हुए कार्यशाला पर अपने अनुभव सांझा किए | छात्रों ने विस्मृत योद्धाओं का स्मरण किया | इस अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं को शपथ भी दिलाई गई |

मंच संचालन डॉ. निधि मल्होत्रा ने किया व कार्यक्रम के आयोजनमें अहम् भूमिका  वहन की | कार्यक्रम के अंत में विवेकानंद प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सुनीता ढांडा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचार आधुनिक समय में और भी अधिक प्रासंगिक बन पड़े हैं | अपने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व सुधार के लिए हम भविष्य में भी समय-समय पर वर्कशॉप का आयोजन करते रहेंगे | इस कार्यशाला में प्रो. पी. के. नरूला, डॉ. रामेश्वर दास, डॉ. किरन मदान,डॉ. सुनित शर्मा, डॉ. पूनम मदान, प्रो. सोनिया,प्रो. पवन, लेफ्टिनेंट राजेश, डॉ. जोगेश, प्रो. माधवी, प्रो. विनय भारती, प्रो. रुहानी शर्मा, प्रो. सोनल, प्रो. वंदना, प्रो. निशा , प्रो. नीतू भाटिया, प्रो. रंजू गंधीर , प्रो. सुरेंदर , प्रो. पूजा मलिक , प्रो. प्रिया शर्मा आदि उपस्थित रहे |

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