यदि आप शास्त्रों द्वारा निर्देशित एवं आध्यात्मिक गुरु द्वारा प्रमाणित अपनी भक्तिमय सेवाओं एवं कर्तव्यों को धैर्यपूर्वक करते हैं तो निश्चिन्त रहिये आपकी सफलता निश्चित है:- देवी चित्रलेखाजी
BOL PANIPAT : हमें धैर्य एवं उत्साहपूर्वक भक्ति करनी चाहिए । उत्साहात् निश्चयात् धैर्यात् तत्-तत् कर्म प्रवर्तनात्। हमें उत्साही होना…