एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में विश्वविधालय स्तरीय सात दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप का सारगर्भित एवं ओजपूर्ण समापन
• रंगोली में मोहित एवं भाषण में सौरभ एसडी पीजी कॉलेज पानीपत, गायन में नितिन गुरु नानक खालसा कॉलेज करनाल, नृत्य में रवि राणा दयाल सिंह कॉलेज करनाल, काव्य पाठ में शिवानी आईजी महिला महाविधालय कैथल और मेहँदी प्रतियोगिता में नीतू सीआईएसकेएमवी ढांड (कैथल) ने बाजी मार पाया पहला स्थान
• युवाओं के व्यक्तित्व में निखार लाना, उनमें नेतृत्व के गुण विकसित करना और उन्हें ज़िम्मेदार नागरिक बनाना एनएसएस का मूल उद्देश्य: डॉ आनंद कुमार
• सामाजिक सरोकारों को निभाने में राष्ट्रीय सेवा योजना की भूमिका सर्वोपरि है: दिनेश गोयल
BOL PANIPAT , 11 मार्च, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में चल रहे विश्वविधालय स्तरीय सात दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप का सारगर्भित समापन हो गया जिसके अंतिम दिन 52 कॉलेजों से पधारे 202 स्वयंसेवकों को कैंप में भाग लेने के उपरान्त सर्टिफिकेट्स और विभिन्न विधाओं में स्थान पाने वाले स्वयंसेवकों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया । समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कैंप समन्वयक डॉ आनंद कुमार कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र ने शिरकत की और प्रतिभागियों का हौंसला बढाया । माननीय मेहमान का स्वागत कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, कैंप सेक्रेटरी डॉ राकेश गर्ग और डॉ संतोष कुमारी ने किया । कैंप की समीक्षा रिपोर्ट राजकीय महाविधालय बहरामपुर (बापौली) की छात्रा मीनू और डीएन महिला महाविधालय कुरुक्षेत्र की छात्रा सिमरन ने प्रस्तुत की । मंच संचालन डॉ संतोष कुमारी ने किया । ‘गणेश वंदन’, ‘लावणी’, गीतों और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समापन समारोह में समां बंध गया ।
कैंप के सातवें दिन की शुरुआत प्रात: 5 बजे योग और आध्यात्म शिविर से हुई जिसके बाद व्यायाम युक्त खेलों के माध्यम से सभी स्वयंसेवकों ने स्वास्थ्य लाभ हासिल किया । इससे पहले कल कैंप के छठे दिन रात्री की बेला में सांस्कृतिक और मार्गदर्शन आयोजन में दिनेश कुमार राज्य एनएसएस ऑफिसर (एसएनओ) हरियाणा ने शिरकत की और सभी प्रतिभागियों का हौंसला बढाया ।
सात दिवसीय कैंप का हिस्सा बने पंकज परशुराम कॉलेज कुरुक्षेत्र ने अपनी स्व-रचित कविता के माध्यम से कैंप के खट्टे-मीठे अनुभवों को वर्णित किया ।
राजकीय महिला महाविधालय अम्बाला शहर से पधारी बीकॉम तृतीय वर्ष की छात्रा नंदिनी पाण्डेय ने कहा कि उन्होनें अनुशासन, योग और समूह में काम करने का जो अनुभव यहाँ प्राप्त हुआ है उसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगी । उनके अनुसार यह कैंप हर मायने में सर्वश्रेष्ठ था । उन्होनें कभी नहीं सोचा था कि उनमें इतनी क्षमता छिपी है । उन्होनें केवल मात्र मेरिट सर्टिफिकेट पाने के लिए इस शिविर में हिस्सा नहीं लिया है बल्कि वे वास्तव में समाज के वंचितों और समस्याओं से ग्रसित लोगों की मदद करना चाहती है । पढ़ा-लिखा युवा वर्ग आगे आकर दूसरों की मदद नहीं करेगा तो फिर कौन करेगा?
दयाल सिंह कॉलेज करनाल की छात्रा विधि ने अपने भाव अपनी कविता ‘ये मेरा एनएसएस कैंप है’ के पाठन से व्यक्त किये ।
एमपी महाविधालय मुलाना (अम्बाला) की छात्रा मुस्कान ने कहा कि सात दिन घर से दूर रहकर भी उन्होनें खुद को कभी घर से बिछुड़ा हुआ महसूस नहीं किया । सभी प्रोग्राम ऑफिसर्स का व्यवहार और मार्गदर्शन बिल्कुल परिवार के सदस्यों की तरह रहा । उन्होनें कैंप में पायें अनुभवों और ज्ञान को बहुत ही प्रासंगिक बताया । उन्होनें कहा कि इन सात दिनों ने उनके व्यक्तित्व में सकारात्मक और गुणात्मक परिवर्तन ला दिया है ।
डीएवी पीजी कॉलेज करनाल के प्रदीप ने कहा कि कॉलेज के स्टाफ के व्यवहार को देखकर वे अब अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई इसी कॉलेज से करने की इच्छा रखते हैं । पढ़ाई के साथ-साथ ऐसी गतिविधियाँ युवाओं के लिए अत्यंत लाभदायक होती है । विश्वविधालय और कॉलेज प्रबंधन दोनों ही बधाई के पात्र है कि उन्होनें इस प्रकार का अनुभव युवाओं को उपलब्ध कराया है । वे आगे चलकर इसी क्षेत्र में कार्य करना चाहते है ।
एसडी कॉलेज (लाहौर) अम्बाला कैंट के यश ने कविता और राजकीय महाविधालय की काजल ने ‘स्वागत’ गीत के माध्यम से कैंप के अनुभवों को प्रकट किया । बाहर से आये प्रोग्राम ऑफिसर्स प्रो मदन लाल एपीट एसडी इंडिया फरीदपुर, प्रो दीप्ति गाबा राजकीय महाविधालय पानीपत, प्रो अशोक अदि ने भी सात दिवसीय कैंप और इसमें उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की प्रसंशा की ।
डॉ आनंद कुमार ने कहा कि राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र के प्रति अनन्य निष्ठा और राष्ट्रहित जैसे गुण सच्चे एनएसएस स्वयंसेवक की पहचान है । युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । भारत में युवाओं की संख्या अन्य देशों से अधिक और यहाँ की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है । सरकार का पूरा ध्यान युवाओं के माध्यम से विकास लाने पर केन्द्रित है और यही विकसित भारत का मूल सूत्र है । इसलिए युवाओं को भी चाहिए कि वे देश के विकास में अपना सक्रिय योगदान करें और केवल मात्र देश का एक हिस्सा बनकर न रहे । विश्वविधालय एनएसएस भी इसी दिशा में प्रयासरत है और युवाओं की क्षमताओं को पहचान कर उन्हें हर संभव अवसर प्रदान कर रहा है ताकि वे सशक्त बने और देश को भी मजबूत बनाएं । युवाओं के व्यक्तित्व में निखार लाने, उनमें नेतृत्व के गुण विकसित करने एवं उनमें ज़िम्मेदार नागरिक के गुण और स्वयंसेवा की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से ही इस सात दिवसीय कैंप को कार्यान्वयित किया गया है । उन्हें उम्मीद है कि हर कार्यकर्ता कुछ न कुछ इस कैंप से सीखकर अवश्य जाएगा और फिर उसे समाज में फैलाएगा ।
दिनेश गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना सामाजिक सरोकारों को निभाने में सबसे आगे रहती है । सामाजिक सेवा को शिक्षा के साथ जोडऩा ही एनएसएस का मूलभूत सिद्धांत है । गांवों की तस्वीर बदलनी हो या फिर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाना हो ऐसे हर कार्य में बेमिसाल भूमिका निभाने का काम एनएसएस कर रहा है । कैंप में भाग लेने वाला एक-एक प्रतिभागी स्वयंसेवक बधाई का पात्र है ।
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि एनएसएस को अपनाकर स्वयंसेवक बहुत अच्छे और पुनीत कार्य कर सकते हैं । हर स्वयंसेवक को खुद पर गर्व होना चाहिए कि वे दूसरों के लिए मिसाल है और समाज के प्रति कितने सचेत है । युवा किसी भी राष्ट्र के विकास का आधार होते हैं । वे राष्ट्र की सबसे ऊर्जावान इकाई हैं और इसलिए उनसे इस देश को बहुत उम्मीदें हैं । सही मानसिकता और क्षमता के साथ युवा राष्ट्र के विकास में योगदान कर सकते हैं और इसे आगे बढ़ा सकते हैं । युवा ऊर्जा से भरी नदी की तरह है जिसके प्रवाह को एक सही दिशा देने की आवश्यकता है और यही दायित्व इस सात दिवसीय कैंप ने निभाया है ।
डॉ राकेश गर्ग प्रोग्राम ऑफिसर कहा कि 5 से 11 मार्च तक चलने वाले इस आवासीय कैंप में कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र से सम्बद्ध 54 कालेजों के 205 स्वयंसेवकों और प्रोग्राम ऑफिसर ने भाग लिया जिसमें राजकीय महाविधालय, एडिड कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज आदि की एनएसएस यूनिट्स के स्वयंसेवक शामिल रहे । पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, जगाधरी, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत जिलों के कॉलेजो से पधारे कार्यकर्ताओ ने कैंप में शिक्षा, समाजसेवा, खेल, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां एवं ख्याति प्राप्त विद्वानों से मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने ज्ञान और अनुभव में वृद्धि की । कैंप में एनएसएस कार्यकर्ताओं को समाज को सही दिशा दिखाने तथा बुराइयों के खिलाफ लड़ने के लिए जागरुक और प्रेरित किया गया ।
सात दिवसीय कैंप में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे:
गायन
प्रथम नितिन गुरु नानक खालसा कॉलेज करनाल
द्वितीय स्वाति चौधरी ईश्वर सिंह कन्या महाविधालय पूंडरी
तृतीय विधी दयाल सिंह कॉलेज करनाल
एकल नृत्य
प्रथम रवि राणा दयाल सिंह कॉलेज करनाल
द्वितीय हर्ष कुमार एमडीएसडी कॉलेज अम्बाला शहर
तृतीय दिव्या सीआईएसकेएमवी ढांड (कैथल)
भाषण
प्रथम सौरभ एसडी पीजी कॉलेज पानीपत
द्वितीय मुस्कान महाराणा प्रताप नेशनल कॉलेज मुलाना
तृतीय अर्पणा राजकीय महिला महाविधालय, सेक्टर-14 पंचकूला
रंगोली
प्रथम मोहित कुमार एसडी पीजी कॉलेज पानीपत
द्वितीय ज्योति रानी सीआईएसकेएमवी ढांड (कैथल)
तृतीय वंदना रानी डीएन महिला महाविधालय कुरुक्षेत्र
काव्य पाठ
प्रथम शिवानी इंदिरा गाँधी महिला महाविधालय कैथल
द्वितीय साहिल लठवाल पंडित चिरंजीलाल राजकीय महाविधालय करनाल
तृतीय मीनू राजकीय महाविधालय बहरामपुर (बापौली)
मेहँदी प्रतियोगिता
प्रथम नीतू सीआईएसकेएमवी ढांड (कैथल)
द्वितीय निकिता राजकीय महिला महाविधालय करनाल
तृतीय नीरू एसडी पीजी कॉलेज पानीपत
समापन समारोह में प्रो अशोक कुमार, डॉ एसके वर्मा, डॉ मुकेश पुनिया, प्रो मनोज कुमार, प्रो विशाल गर्ग, प्रो आशीष गर्ग, प्रो सोनिका शर्मा, प्रो पूजा धींगडा, दीपक मित्तल आदि उपस्थित रहे ।
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