शहीद ए आजम भगत सिंह की 118 वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित की विचार गोष्ठी ।
BOL PANIPAT : 28 सितंबर 2025, आज भगत सिंह स्मारक स्वतंत्रता सेनानी कामरेड टीका राम सखुन सभागार में शहीद ए आजम भगत सिंह की 118 वीं जयन्ती के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई । विचार गोष्ठी सभा की अध्यक्षताअखिल भारतीय नौजवान सभा के युवा नेता जुनैद राणा,आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के नेता रुपेश सैनी,आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जिला प्रधान सतीश पवांर ने की। सर्व प्रथम शहीद भगत सिंह,राज गुरु व सुखदेव की प्रतिभाओं पर फूल मालाओं व पुष्पांजलि अर्पित करते हुए इंकलाब जिंदाबाद, समाजवाद जिंदाबाद, शहीद भगत सिंह,राज गुरु व सुखदेव जिंदाबाद व अमर रहे, शहीदों के स्वपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे आदि नारे लगाते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
विचार गोष्ठी सभा का मंच संचालन ए आई वाई एफ के वरिष्ठ नेता राम रतन सैनी एडवोकेट ने किया । सर्व प्रथम ए आई वाई एफ पुर्व राज्य महासचिव पवन कुमार सैनी एडवोकेट ने अपने संबोधन में कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह ने जिस तरह की आजादी का सपना लेकर अपना जीवन बलिदान किया था। वह सपना अधूरा ही रह गया।
सन19 47 में अंग्रेज साम्राज्यवादियों व भारतीय पूँजीपतियों के बीच समझौते से राज बदल गया। अंग्रेज सरकार भारतीय जनता को लम्बे समय तक दबा कर रखने के लिए दो काले कानून (1) इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट बिल व (2) पब्लिक सेफ्टी बिल लाई थी। जिसके विरोध में भगतसिंह व बी के दत्त ने संसद के अंदर खाली बैंचों पर बमों का धमाका करके अंग्रेज सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि देश की जनता इन काले कानूनों को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने पर्चों के माध्यम से कहा कि हम समाजवाद चाहते हैं। 23 मार्च 1931 को फांसी होने से पहले एक महान क्रांतिकारी ( जिन्होंने दुनिया में पहली बार पूंजीपतियों का राज रूस में उखाड़ फेंक कर मजदूर – किसानों का राज कायम किया था) लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे।
आजादी आंदोलन में जान की बाजी लगाने में एक से बढ़कर के एक क्रांतिकारी थे। लेकिन सोच विचार के मामले में दुश्मनों पर कब हमला किया जाए ? किस तरह से किया जाए? हमारा जो उद्देश्य है इन मामलों में भगत सिंह बाकी के क्रांतिकारियों से बहुत आगे बढ़े हुए थे। उन्होंने ही भारत की धरती पर सबसे पहले इंकलाब जिंदाबाद-साम्राज्यवाद मुर्दाबाद का नारा जेल के अंदर ही गुजां दिया। विचार गोष्ठी सभा को सी पी आई के वरिष्ठ नेता कामरेड सुरत सिंह देशवाल एडवोकेट ने संबोधित करते हुए कहा कि आज हमें भगत सिंह के सपने को साकार करने के लिए इस गली सड़ी पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना होगा। आज सरकार ने बढ़ती हुई महंगाई, घटते हुए रोजगार, भ्रष्टाचार, बहन बेटियों की इज्जत पर हमले, शिक्षा और इलाज, पीने के पानी को भी व्यापार बना दिया है। अभी हाल की बारिश ने फसलों को बर्बाद करके किसान और मजदूरों के ऊपर बड़ी आर्थिक मार मारी है । सरकार किसानों की फसलों के नुकशान की भरपाई करने की बजाय केवल बयानबाजी करके अपना काम पूरा समझ रही है। इसलिए हमें भगत सिंह के विचारों को समझ कर सभी समस्याओं की जननी व मानवता की दुश्मन मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंक कर समाजवादी व्यवस्था स्थापित करनी होगी। सभा को कामरेड माम चंद सैनी , श्री गोविन्द सैनी सी ए,व रुपेश सैनी ने कहा कि आज के समय में छात्रों व नौजवानों को शहीद भगतसिंह के विचारों को आत्मसात करने की परम आवश्यकता है। श्री सतीश पवांर प्रधान एटक ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार व राज्य सरकारों ने सरकारी संस्थानों को कारपोरेट घरानों को बेच कर मजदूरों व कर्मचारीयों को बड़े पैमाने पर नुक्सान पहुंचाया। ए आई वाई एफ के नेता श्री राम रतन एडवोकेट ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले जी एस टी टेक्स लगा कर लम्बे समय तक गरीब जनता को लूट कर बड़े पैमाने पर नुक्सान पहुंचाया तथा जी एस टी कम करने का नाटक कर जनता को मुर्ख बना कर उत्सव मना रही हैं। गरीब जनता को शिक्षा चिकित्सा से महरूम किया जा रहा है व नोजवानों बेरोज़गारी का दंश झेलना पड़ रहा है, नोजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों को बंद कर शिक्षा का नीजिकरण कर अनपढ़ बनाया जा रहा है। सरकारी संस्थानों में नये कर्मचारीयों को व अस्पतालों में डाक्टरों को भर्ती न गरीब जनता को तंग व परेशान किया जा रहा है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह व उनके साथियों के सपनों को साकार करने के लिए उनके विचारों को आत्मसात कर उन पर अमल करना जरूरी है। विचार गोष्ठी सभा में उपस्थित सभी सतीश कुमार ,शादाब राणा, शाहबाज शीश राम, ओम प्रकाश कश्यप,राज कुमार, नीरज शहगल , राजेन्द्र हरियाणा रोडवेज,सनोवर राणा,भानू प्रताप सिंह, सतीश, देवेन्द्र, सुभाष समालखा,वंश सपड़ा,देव कालड़ा,सुरज सैनी,राज पाल, ट्विकंल मेहरा,आकाश कुमार,ओम सिंह, सतीश यादव आदि ने भी शहीद भगत सिंह को नमन किया और उनके विचारों को आत्मसात कर प्रचारित प्रसारित करने पर जोर दिया ।
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