एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र सात दिवसीय विशेष एनएसएस कैंप का ओजपूर्ण आगाज़
कालेज के 110 एनएसएस स्वयंसेवक काबड़ी ग्राम में दिन-रात के आवासीय कैंप में ले रहे हिस्सा
देश का गौरवपूर्ण और संस्कार युक्त इतिहास हर एनएसएस स्वयंसेवक के लिए प्रेरणा का स्रोत: दिनेश कुमार, स्टेट एनएसएस ऑफिसर, उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार
जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा का भेदभाव किए बिना लोगों की मदद करना ही एनएसएस का मूल भाव: डॉ आनंद कुमार, एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र
BOL PANIPAT , 01 मार्च. एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के एनएसएस पाठ्यक्रम के अनुसार 1 से 7 मार्च तक चलने वाले सात दिवसीय विशेष एनएसएस कैंप की विधिवत शुरुआत मुख्य अतिथि (1) उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार से पधारे स्टेट एनएसएस ऑफिसर दिनेश कुमार और मुख्य अतिथि (2) डॉ आनंद कुमार एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र ने की. विशिष्ट उपस्थिति में अमित कुमार स्टेट एनएसएस सेल ने उद्घाटन सत्र में शिरकत की. मेहमानों का स्वागत कॉलेज प्रधान पवन गोयल, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, कॉलेज में एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर एवं वाईआरसी अधिकारी डॉ राकेश गर्ग और डॉ संतोष कुमारी ने पौधे- रोपित गमले भेंट करके किया. रात-दिन चलने वाले आवासीय कैंप में कालेज के लगभग 110 एनएसएस (2 यूनिट्स) कार्यकर्ता भाग ले रहे है.
इस बार के कैंप का थीम ‘स्वावलंबी भारत और युवा’ है और कैंप के प्रतिभागी कार्यकर्ता सात दिनों में ग्राम काबड़ी जाकर वहां सामाजिक सरोकार के विषयों पर अपना और ग्रामीणों का ज्ञानवर्धन तथा मार्गदर्शन करेंगे. कैंप के दौरान प्रमुख समाज सेवी और विषयों के पारंगत विद्वान स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करेंगे. उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथियों ने वर्ष 2022 में मनाली (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के बेस्ट एनएसएस कार्यकर्ताओं प्रतिभा और शिल्पा तथा कुरुक्षेत्र विश्वविधालय में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के बेस्ट एनएसएस कार्यकर्ताओं सौरभ और ख़ुशी को सम्मानित किया और 66 एनएसएस स्वयंसेवकों को मेरिट सर्टिफिकेट्स दिए गए. सत्र 2022 की उपलब्धियों पर डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गई.
मंच संचालन डॉ संतोष कुमारी ने किया. उद्घाटन सत्र में एनएसएस कार्यकर्ताओं में नया जोश और उमंग भरने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये गए जिसमे नेहा ने कविता पाठ और सुमित एवं मोनिया ने गीत पेश किये. हर्ष राणा, रिया, साहिल, शोभित और साहिल द्वारा किये गए नृत्य आकर्षण का केंद्र रहे. ‘नशे के विरुद्ध लड़ाई’ विषय पर एक लघु नाटिका दिखाई गई जिसे कैंप के दौरान ग्रामीणों और अन्य लोगों को दिखाया जाएगा ताकि समाज में बढती नशे की प्रवृति पर अंकुश लग सके.
मुख्य अतिथि दिनेश कुमार स्टेट एनएसएस ऑफिसर उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने कहा कि हर कार्यकर्ता को एनएसएस के लक्ष्य गीत से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत के गौरवपूर्ण इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मी बाई, सावित्री बाई फूले, डॉ बीआर अम्बेडकर आदि जैसे महान व्यक्तित्वों से त्याग की भावना और दूसरों के लिए अपने जीवन को कुर्बान करने का भाव खुद में पैदा करने का आह्वान किया. यही गुण एनएसएस हम में पैदा करता है. हमारे देश ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव को ह्रदय से अपनाया है और भूकंप ग्रस्त तुर्किये की मदद में सबसे पहले आगे आकर अपने वैश्विक कर्तव्य का निर्वाह किया है. यही गुण एनएसएस हमें देती है.
राखीगढी, हड़प्पा, तक्षशिला और नालंदा की सभ्यता ने इस बात को प्रामाणिक कर दिया है कि हमारा देश किसी भी मायने में कमतर नहीं है. देश के गौरवपूर्ण और संस्कार युक्त इतिहास पर हर एनएसएस स्वयंसेवक को गर्व होना चाहिए और उन्हें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए. जाति, धर्म, वर्ण और रंग के कोई भेद एनएसएस कार्यकर्ता में नहीं होता है.
कोविड आपदा के दौरान समाज की सबसे अधिक मदद एनएसएस स्वयंसेवकों ने की है और इस कैंप में वे इसी जज्बे को बरक़रार रखेंगे ऐसी उन्हें पूरी उम्मीद है. डॉ आनंद कुमार एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र ने अपने आशीर्वचन में कहा कि समुद्र की मजबूत लहरों की तरह हमारे युवाओं में भी ऊर्जा और जोश की कोई कमी नहीं है. इसी ऊर्जा का सकारात्मक बोध और प्रयोग वे इस कैंप में सीखेंगे.
राष्ट्र में रहने वाले निवासियों के बीच जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा का भेदभाव किए बिना उनकी मदद करना और उनके दुखों को कम करना ही एनएसएस का मूल भाव है. राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों की सामाजिक चेतना को जागृत करना और उन्हें विशेष अवसर प्रदान करना है ताकि वे लोगों के साथ मिलकर कार्य करके समाज का भला करें.
इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी और वे जीवन जीने का सलीका भी सीख पायेंगे. एनएसएस जन सेवा करने का सबसे सशक्त माध्यम है. सात दिवसीय एनएसएस शिविर से युवाओं को समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाने का अवसर मिलेगा जिससे वे भविष्य में समाज और देश हित के कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे. पवन गोयल प्रधान ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों को कैंप में सिखाई जाने वाली बातों को मनोयोग से लागू करना होगा.

समाज को सही दिशा दिखाने तथा बुराइयों के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों को जागरूक करने में एनएसएस कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. सात दिवसीय शिविर में जो जानकारी और अनुभव उन्हें मिलेगा उसका लाभ उठाकर वे समाज हित के कितने ही कार्य आसानी से कर सकते है. प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि आज हमारे देश का नाम कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी, परमाणु शक्ति और अंतरिक्ष तकनीक में दुनिया के श्रेष्ठ पांच देशों की श्रेणियों में लिया जाता है. परन्तु सामाजिक विकास और आमजन की समस्याओं को कम करने में अभी भी अन्य देशों से पीछे है. इस समस्या का समाधान आज की युवा पीढ़ी के पास है.
स्वरोजगार अपना कर तथा सिर्फ सरकारी नौकरी के चक्कर में न पड़कर वे समाज को एक नई दिशा दिखा सकते है. स्टार्टअप जैसे कितने ही विकल्प उनके पास मौजूद है. इससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिलेगा बल्कि वे दूसरों को रोजगार देने वाले भी बनेंगे. एनएसएस भी विद्यार्थियों को समाज की सेवा करने की प्रेरणा और जज्बा देता है और उनकी बहुमुखी प्रतिभा का विकास करता है. सामुदायिक सेवा के माध्यम से ही छात्रों के व्यक्तित्व का विकास होता है और उनमें सामुदायिक समझ की भावना पैदा होती है. आज के को चाहिए कि वह समय रहते समुदाय की समस्याओं को पहचानें और उन्हें सुलझाने में अपनी भूमिका निभाये.
एनएसएस व्यक्ति और समुदाय की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने में मदद करता है. सामूहिक जीवन और जिम्मेदारियों के बंटवारे के लिए आवश्यक क्षमता का विकास भी एनएसएस से विकसित होता है. डॉ राकेश गर्ग प्रोग्राम ऑफिसर ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से प्राप्त प्रमाण पत्र स्वयंसेवकों के अच्छे भविष्य के निर्माण में सहायक होंगे. छात्र शासकीय तथा गैर- शासकीय सेवाओं को पाने में इन प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर सकते हैं.
इस अवसर पर डॉ एसके वर्मा, डॉ पवन कुमार, प्रो इंदु पुनिया, दीपक मित्तल, साहब सिंह और छात्रा पूजा, पिंकी, नेहा आदि उपस्थित रहे.

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