Saturday, June 14, 2025
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घर बैठे बुढापा पेंशन शुरु होने का सरल माध्यम बना परिवार पहचान पत्र: उपायुक्त

By LALIT SHARMA , in DIPRO PANIPAT PRESS RELEASE , at April 5, 2023 Tags: , , , , ,

पानीपत में पीपीपी ऑटो मोड से बनी 2283 बुजुर्गो की घर बैठे पेंशन

BOL PANIPAT , 5 अप्रैल। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पानीपत जिला में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत 2283 बुुजुर्गो की घर बैठे ही स्वत: ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन बनी है। नागरिकों को सरल व सुगम माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना का अब धरातल पर असर दिखने लगा है।
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि वृद्धावस्था  पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोडऩे के बाद अब बुजुर्गो को राहत मिली है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में जब से सरकार की यह फ्लैगशिप योजना शुरू हुई है, तब से आयु व आय के निर्धारित मापदंडो को पूरा करने वाले बुजुर्गो की परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्घावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बन रही है। अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्घावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला पानीपत में 2283 पात्र बुजुर्गो की पेंशन पीपीपी के माध्यम से बन चुकी है। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जिला पानीपत के 74 हजार 549 बुजुर्गो को प्रत्येक माह 2500 रुपये की राशि वृद्धावस्था सम्मान पेंशन के रूप में उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इसमें 250 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। यानि अब बुजुर्गो के खाते में अप्रैल माह की पेंशन 250 रुपये बढक़र 2750 रुपये आएगी। उपायुक्त ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति-पत्नि की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है, उनका डेटा क्रिड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से समाज कल्याण विभाग को भेज दिया जाता है। परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती है, उसी समय विभाग को क्रिड की ओर से सूचि दी जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता है, यदि वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है। उन्होंने बुजुर्गो से आह्वïान किया कि वे वृद्घावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी विभाग के कार्यालय में चक्कर न लगाएं। इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी स्वयं ही आपके पास आएंगे।

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