पीडि़त को न्याय के लिए माता-पिता का सहयोग नही मिला तो पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट बनी अभिभावक: पुनित लिम्बा(प्रिंसीपल मैजिस्ट्रेट जुनाईल जस्टिस बोर्ड)
-जुनाईल बोर्ड में मैजिस्ट्रेट ने सुनाया अहम फैसला, तीन वर्ष के जुनाईल को दिया न्याय, सरकार देगी पीडि़त को तीन लाख रूपये का फिक्स डिपोजिट, दोषी जुनाईल को 6 महीने तक रखा जाएगा प्रोबेशन पर
BOL PANIPAT , 24 फरवरी। थाना सनौली में तीन वर्ष के बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुराचार करने पर 20 मई 2023 को एक जुनाईल के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 व पोक्सो-6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। यह जुनाईल 15 वर्षीय पीडि़त के ताऊ का लडक़ा था। इस मामले में पीडि़त बच्चे के माता-पिता ने अपने ब्यानों में उनके तीन वर्षीय बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुराचार होने की रिपोर्ट थाने में की थी। पुलिस द्वारा दोषी जुनाईल पर एफआईआर दर्ज की गई और रिपोर्ट एफएसएल में भेजी गई। परिणामस्वरूप एफएसएल की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। परन्तु अपने ब्यानों में पीडि़त के माता-पिता ने अपने ब्यानों को बदलते हुए कहा कि उनके बच्चे के साथ कुछ नही हुआ है। जबकि एफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार पीडि़त के साथ अपराध हुआ था।
ऐसे में जुनाईल जस्टिस बोर्ड के प्रिंसीपल मैजिस्ट्रेट पुनित लिम्बा ने बताया कि एफएसएल की रिपोर्ट पर दोषी को सजा सुनाई गई है। जिसमें वह 8 मास की सजा काट चुका है और उसे आने वाले 6 मास के लिए दोषी को प्रोवेशन पर रखा गया है। कोर्ट ने पीडि़त को न्याय देते हुए हरियाणा सरकार को लिखा है कि पीडि़त को तीन लाख रूपये की राशि 18 साल की उम्र तक उनके खाते में एफडीआर के रूप में जमा की जाए।
प्रिंसिपल मैजिस्ट्रेट ने बताया कि ऐसे मामले में बच्चा बहुत छोटा था जोकि अपने न्याय के लिए ब्यान देने योग्य नही था। बच्चे के अभिभावकगणों ने अपने ब्यानों को बदल दिया जोकि गलत है। ऐसे में कोर्ट ने निर्णय लिया कि पीडि़त जुनाईल को न्याय मिले उसके लिए कोर्ट सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। माता-पिता वाला सारा फर्ज बोर्ड अदा करेगा ताकि पीडि़त को न्याय मिल सके और दोषी को उचित सजा।
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