चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशन के नियमों का पालन करें प्रिंटिंग प्रैस मालिक: डीसी
-पब्लिक प्रॉपर्टी पर चुनाव सामग्री लगाने पर होगी डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत कार्रवाई
BOL PANIPAT , 26 सितंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर वीरेन्द्र दहिया ने जिले भर के प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे बिना जांच पड़ताल व नियमों के विरूद्ध जाकर कोई भी चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशित न करें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि छापना जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए का उल्लंघन है और ऐसा करने वाले प्रिंटर के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि विधानसभा चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छापें।
उन्होंने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग ने विधानसभा उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है इसलिए यह जरूरी है कि उनके पम्पलेट व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब किताब रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि उसी स्थिति में छापें जब सामग्री छपवाने वाला व्यक्ति हलफनामे के साथ दो गवाह दें और उनके हस्ताक्षर भी लेने जरूरी हैं। ऐसे पोस्टर व पम्पलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी और राज्य स्तर पर मुख्य चुनाव अधिकारी को कॉपी भेजकर यह बताना होगा कि अमुक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर अथवा पम्पलेट छपवाएं है और उनके खर्च का भी विवरण देना होगा। उन्होंने कहा कि पब्लिक प्रोपर्टी पर किसी प्रकार की चुनाव प्रचार सामग्री लगाने पर डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
Comments