Wednesday, September 10, 2025
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टी.बी. का समाप्त करने में जनभागीदारी करनी होगी सुनिश्चित : डीसी

By LALIT SHARMA , in DIPRO PANIPAT PRESS RELEASE HEALTH , at April 10, 2022 Tags: , , , , , ,

BOL PANIPAT , 10 अप्रैल। डीसी सुशील सारवान ने कहा कि सरकार ने टीबी को वर्ष 2025 तक समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार के इस अभियान में जनभागीदारी की अपेक्षा करते हुए उन्होने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य को हासिल करने में पूरे समाज की भागीदारी हो। टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य बारे में पहले ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

डीसी सुशील सारवान ने कहा कि सभी विभागों को निर्देश दिए गए है कि वे अपने-अपने स्तर पर टीबी की जागरूकता के लिए प्रयास करें। वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक सामाजिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो सभी लिंग और पृष्ठभूमि के लोगों को जन आंदोलन में एक साथ लाए। उन्होंने सभी से बेहतर पोषण, स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के साथ ही बीमारी से जुड़ी भ्रांति को दूर करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया और कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश में हर साल 10 लाख से ज्यादा महिलाएं व लड़कियां और 3 लाख से ज्यादा बच्चे टीबी के शिकार हो रहे हैं। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद भ्रूण व शिशुओं पर प्रतिकूल प्रभाव के साथ ही महिलाओं में इस बीमारी के जोखिम से समस्या बढ़ जाती है।

ये लक्षण दिखाई दे तो अवश्य कराएं जांच :

जिला के सिविल सर्जन डॉ.जितेन्द्र कादियान ने कहा कि 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, रात के समय में बुखार आना, बलगम में खून आना, वजन का कम होना व रात को सोते समय पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी जांच केंद्र में अपनी टीबी की जांच करवानी चाहिए। टीबी पाए जाने पर मरीज को सरकार द्वारा मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करवाइ जाती है। अधिसूचित रोगी का जब तक उपचार चलता है, तब तक प्रतिमाह 500 रूपए वित्तीय सहायता प्रोत्साहन राशि निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है। समय-समय पर चलाए जाने वाले एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम में स्लम एरिया, हाई रिस्क एरिया और पहले से संभावित क्षेत्रों में टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है। एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम के तहत प्रत्येक गांव में आशा वर्कर द्वारा टीबी के संभावित मरीजों के नमूने लिए जाते है।

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