एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों के लिए वित्तीय शिक्षा, निवेशक जागरूकता और साइबर धोखाधड़ी विषय पर कार्यशाला का आयोजन
–कार्यशाला बीएसई, एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स द्वारा प्रायोजित
–वित्तीय शिक्षा वित्तीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में मदद करती है: विश्वदीप शर्मा, सेबी स्मार्ट प्रशिक्षक
BOL PANIPAT , 31 मार्च, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों के लिए वित्तीय शिक्षा, निवेशक जागरूकता और साइबर धोखाधड़ी विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य वक्ता विश्वदीप शर्मा सेबी स्मार्ट प्रशिक्षक ने शिरकत की और विद्यार्थियों के सामान्य ज्ञान के आधार को बढ़ाया और उन्हें बचत के महत्व को समझाया । मंच संचालन डॉ दीपिका अरोड़ा मदान ने किया । माननीय मेहमान का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, डॉ पवन कुमार और वाणिज्य विभाग के प्राध्यापकों ने किया । कार्यशाला में 40 विद्यार्थियों के दो बैच बनाकर उन्हें अलग-अलग प्रशिक्षण दिया गया । कार्यशाला में एमकॉम, बीकॉम, बीकॉम आनर्स और बीबीए के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया । कार्यशाला के अंत में विद्यार्थियों ने विश्वदीप शर्मा से विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे । विदित रहे कि विश्वदीप शर्मा वित्तीय शिक्षा संसाधन व्यक्ति (एफईआरपी) एवं प्रमाणित प्रशिक्षण संकाय के रूप में वित्तीय शिक्षा और निवेशक जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के लिए सेबी के स्मार्ट ट्रेनर के साथ सूचीबद्ध है और इस क्षेत्र में विश्वदीप का लम्बा अनुभव है ।
विश्वदीप शर्मा ने कहा कि वित्तीय शिक्षा, निवेशक जागरूकता और साइबर धोखाधड़ी वर्तमान युग में अत्यंत महत्वपूर्ण विषय बन गए हैं । वैश्वीकरण और डिजिटल प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ लोगों की वित्तीय आदतों में भी बदलाव आया है । हालांकि इन परिवर्तनों ने नए अवसरों के साथ-साथ कई जोखिम भी प्रस्तुत किए हैं जिनमें साइबर धोखाधड़ी प्रमुख है । वित्तीय शिक्षा का तात्पर्य उन कौशलों और ज्ञान से है जो किसी व्यक्ति को अपने वित्तीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में सहायता करता हैं और इसमें बजटिंग, निवेश, ऋण प्रबंधन, कर योजना और धन संचय जैसी अवधारणाएँ शामिल होती हैं । वित्तीय साक्षरता होने से हम समझदारी से अपने वित्तीय निर्णय ले सकते है और इससे हम अनावश्यक ऋण लेने से बचने और समय पर कर्ज चुकाने के गुण भी सीख पाते है । वित्तीय शिक्षा से हम अपनी सेवानिवृत्ति और दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए बेहतर योजनाए बना सकते हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात कि एक जागरूक व्यक्ति वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकता है । वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार को स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा को अनिवार्य बनाना चाहिए । सरकार और वित्तीय संस्थानों को चाहिए कि वे जागरूकता अभियान चलाएँ और ऑनलाइन संसाधनों एवं मोबाइल ऐप्स के माध्यम से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दे । निवेश के महत्त्व पर बोलते हुए उन्होनें कहा कि निवेश का मुख्य उद्देश्य धन को बढ़ाना और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है । परंतु निवेश से जुड़े जोखिमों को समझना और जागरूक रहना भी नितांत आवश्यक है । निवेशक जागरूकता पर बोलते हुए उन्होनें कहा कि किसी भी निवेश को करने से पहले हमें उसके संभावित लाभ और जोखिमों को समझना जरुरी है । पोर्टफोलियो में विविधता लाने से हम जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते है । अवैध स्कीमों, पोंज़ी योजनाओं और अन्य धोखाधड़ी से बचने के लिए हमें सतर्क रहना चाहिए । हमें सेबी और आरबीआई जैसे संस्थानों द्वारा बनाए गए नियमों को भली-भाँती समझना चाहिए । साइबर धोखाधड़ी के बारे में बोलते हुए उन्होनें कहा कि फिशिंग, विषाणु और मालवेयर, रैंसमवेयर, सोशल इंजीनियरिंग और क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी आदि साइबर फ्रॉड के कुछ तरीके है । साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए हमें मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए, दो-चरणीय प्रमाणीकरण को सक्रिय करना चाहिए, संदिग्ध ईमेल और लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए, अपने सॉफ़्टवेयर और एंटीवायरस को अपडेट और सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सतर्क रहना चाहिए ।
डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि वित्तीय शिक्षा, निवेशक जागरूकता और साइबर धोखाधड़ी एक-दूसरे से जुड़े हुए विषय हैं जो आज के डिजिटल और आर्थिक युग में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं । वित्तीय रूप से शिक्षित व्यक्ति न केवल अपने निवेश को सुरक्षित रख सकता है बल्कि साइबर धोखाधड़ी से भी बच सकता है । सरकार, वित्तीय संस्थान और आम जनता को मिलकर इन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित वित्तीय भविष्य की ओर बढ़ने की आवश्यकता है । डॉ दीपिका अरोड़ा मदान ने सुरक्षित निवेश के लिए सुझाव देते हुए कहा कि हमें निवेश करने से पहले अच्छी तरह से शोध कर लेना चाहिए । हमें केवल अधिकृत और विश्वसनीय वित्तीय संस्थानों के साथ निवेश करना चाहिए और किसी भी ‘अत्यधिक लाभ’ देने वाली योजना से सतर्क रहना चाहिए । साइबर धोखाधड़ी डिजिटल युग का एक गंभीर खतरा है जिसमें अपराधी तकनीकी उपकरणों और इंटरनेट का उपयोग कर लोगों के वित्तीय संसाधनों को चुराने की कोशिश करते हैं ।
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