“इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर विकसित भारत” विषय पर चौथी दो दिवसीय इंटर नेशनल कांफ्रेंस का हुआ शानदार आयोजन
-फिजिक्स और कैमेस्ट्री वैज्ञानिक, नवाचारों की रीढ है- प्रो.ए.आर चौधरी
BOL PANIPAT : 21 मार्च 2025,
आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन विभाग द्वारा शुक्रवार को “इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर विकसित भारत विषय पर चौथी दो दिवसीय इंटर नेशनल कांफ्रेंस का उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरियाणा व ग्रीन कैमेस्ट्री नेटवर्क सेंटर, हिंदू कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, रॉयल सोयायटी ऑफ कैमेस्ट्री लंदन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कॉन्फ्रेंस में पहले दिन में लगभग 145 शोधार्थियों ने अपने शोध प्रस्तुत किए ।
कॉफ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि डीन ऑफ स्टूडेंटस वेल्फेयर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय,कुरूक्षेत्र से प्रो. ए.आर चौधरी ने शिरकत की। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला द्वारा की गई।
कॉलेज प्रबंधक समिति के माननीय सदस्यों व प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने महाविद्यालय प्रांगण में पहुंचे सभी अतिथियों का भव्य स्वागत किया व कॉन्फ्रेंस आयोजक और रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार व अन्य स्टाफ सदस्यों को इस शानदार व सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
मंच संचालन प्रो. आस्था गुप्ता ने किया।
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन के प्रथम सत्र का शुभारंभ डीन ऑफ स्टूडेंटस वेल्फेयर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय,कुरूक्षेत्र से प्रो. ए.आर चौधरी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे आर्य कॉलेज प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेंद्र शिंगला ने अपने वक्त्व्य में कहा कि इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस में विद्यार्थियों और शोधार्थियों को नए-नए विषयों की गहन जानकारियां तो मिलती ही हैं साथ ही प्रतिष्ठित वक्ताओं के जीवन के अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिलता है।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉफ्रेंस व वैज्ञानिक प्रदर्शनी से विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरूकता आती है और सांइटीफिक टैंपर को बढावा मिलता है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में समय-समय पर ऐसे कॉन्फ्रेंस,सेमीनार व व्याख्यानों का आयोजन करया जाता है, जिससे विद्यार्थियों की मानसिक औ बौधिक क्षमता का विकास हो सके।
कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि रहे प्रो. ए.आर चौधरी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत में हम किस तरह योगदान कर सकते हैं ताकि हमारा देश विकासशील ना रह कर विकसित बन जाए । उन्होंने कहा कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शोध के क्षेत्र में अधिक ध्यान देना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि केवल मंच पर बोलने से ही देश विकसित नहीं होगा। बल्कि सभी जन को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा। हमें हमारी सोच ऐसी बनानी होगी कि हम किस प्रकार से अपने आस-पास के लोगों की साहयता कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें इस विषय पर भी विचार करना चाहिए कि हम कैसे आम लोगों को वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते है। उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों से ये सवाल भी किया कि सिर्फ तीन सौ – चार सौ लोगों के विकसित होने क्या पूरा देश विकसित हो जाएगा। अंत में उन्होंने कहा कि भारत एक ग्राम प्रधान देश है और इसकी जडें गांव से ही जुडी हैं, ऐसे में हमें कृषि के क्षेत्र में और ज्यादा से ज्यादा शोध करने की आवश्यकता है। वहीं फिजिक्स और कैमेस्ट्री को उन्होंने सभी वैज्ञानिक,नवाचारों की रीढ कहा है।
मुख्य वक्ता रहे नाइस सोफिया एंटी पोलिस यूनिवर्सिटी, फ्रांस के डॉ. फ्रैडरिक गिटार्ड ने अपने संबोधन में कहा कि भारत युवाओं का देश है इसीलिए ये देश तीव्र गति से आगे बढ रहा है। आज भारत के युवा सांइस व टैक्नॉलाजी के क्षेत्र में नए-नए शोध कर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। आज विश्व की बडी-बडी टैक कंपनियों में भारतीय मूल के लोग उच्चत्म पद पर आसिन हैं। अंत में उन्होंने यह भी बताया कि वे 2008 से निरंतर हर वर्ष भारत आते हैं, और हर बार शानदार अनुभव अपने साथ लेकर जाते हैँ।
कॉन्फ्रेंस के वक्ता रहे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के रसायन विभाग के प्रो.अमलेन्दु पाल ने कहा कि यह विषय माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा युवाओं द्वारा नवाचार और परिवर्तन लाने की शक्ति पर जोर देने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व के माध्यम से विकसित भारत के उनके सपने से प्रेरित है। इसके आयोजन का उद्देश्य इसमें शामिल वैज्ञानिक मुद्दों के प्रति लोगों की समझ बढ़ाना, देश में वैज्ञानिक जागरूकता लाना, विज्ञान के बारे में जिज्ञासा और समझ को प्रोत्साहित करना तथा युवाओं को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना है।
रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री लंदन नॉर्थ इंडिया सेक्शन, रसायन विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो.आर.के शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम देश भर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध वैज्ञानिक संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और स्वायत्त वैज्ञानिक संस्थानों में शोध एवं वैज्ञानिकता के उत्सव को समर्थन, उत्प्रेरित और समन्वयित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के रसायन विभाग से प्रो. संजीव अरोड़ा ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि आज के समय में देश ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैँ। दुनिया में प्रौद्योगिकी आदान प्रदान और निवेश के लिए तमाम देशों को आकर्षित करने वाला हमारा देश सबसे पंसदीदा बन गया है।
पूर्व डीन, भौतिक विज्ञान संकाय, पूर्व विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान विभाग, पूर्व दिनदेशक और डीन यूनिवर्सिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से प्रो. एस.पी. खटकड़ ने हमारी भारतीय परंपरा और मूल्यों पर जोर दिया, जिसमें विज्ञान समाया हुआ है और कहा कि विज्ञान एक उत्सव है। उन्होंने आगे कहा कि विज्ञान उत्सव का उद्देश्य यह सोचना और लागू करना है कि प्रयोगशालाओं में विज्ञान कैसे समाज तक पहुंचे या उपलब्ध हो और आम जनता के लिए उपयोगी हो।
कॉन्फ्रेंस के दौरान लगभग 145 शोधार्थियों द्वारा मौखिक प्रस्तुति व पोस्टर प्रस्तुत किए गए। कॉन्फ्रेंस संयोजक व रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अनिल कुमार ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के पहले दिन लगभग 150 शोध पत्र व 145 शोधार्थियों ने कांफ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने सभी अतिथियों, मुख्य वक्ताओं व शोधार्थियों का कॉन्फ्रेंस में पहुंचने पर आभार व्यक्त किया।
कॉन्फ्रेंस में डॉ. गीताजंली धवन, डॉ. बलकार सिंह, प्रो शिखा गर्ग, प्रो. सुदेश, प्रो. अदीति मित्तल, प्राध्यापिका वंदना, लता, चित्रांश भटनागर, शशि रोहिला, अतुल त्यागी, अंकिता चावला, विकास काठपाल, प्रिया शर्मा, आरती, अंकित, विकास, रवि, समेत सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
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