बहुआयामी नाट्य कार्यशाला का विधिवत आगाज
- एसडी पीजी कॉलेज में 3 मार्च से 1 अप्रैल 2022 तक एक माह चलने वाली ‘नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा’ नई दिल्ली द्वारा बहुआयामी नाट्य कार्यशाला का विधिवत आगाज
- बिजली विभाग हरियाणा सरकार के सहयोग एवं शुरुआत समिति के माध्यम से आयोजन
- रंमंच बेहतर मनुष्यके निर्माण का सबसे मजबूत माध्यम है: आरके सिंह, कमिश्नर नगर निगम
- हरियाणा के सर्व समाज में देश प्रेम की भावना के लिए यह कार्यशाला बहुआयामी साबित होगी: पीके दास,आईएएस एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव
- देश की अनकही कहानियों कोआत्मसात करने वाली यह कार्यशाला इतिहास गौरव के संस्कार नई पीढ़ी में पैदा करेगी: डॉ अर्चना गुप्ता
BOL PANIPAT : एसडी पीजी कॉलेज में सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकारके अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संस्थान नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा’’नई दिल्ली द्वारा एक माह तक चलने वाली नाट्य कार्यशाला का विधिवत आगाज आर के सिंह कमिश्नर नगर निगम पानीपत और पानीपत भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ अर्चना गुप्ता ने किया.कार्यशाला के प्रेरणा श्रौत पीके दास आईएएस एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवबिजली विभाग हरियाणा सरकार ने भी अपना सन्देश प्रतिभागियों को संप्रेषित किया.कार्यशाला एनएसडी के निदेशक प्रोफ़ेसर दिनेश खन्ना के मार्गदर्शन में आयोजित हो रही है. कार्यशाला के कैंप डायरेक्टर लोकेन्द्र त्रिवेदी और असिस्टेंट डायरेक्टर सत्येन्द्र मलिक है जिनके निर्देशन में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. कार्यशाला के को-कोर्डिनेटर राजीव रंजन पीआरओ बिजली विभाग पंचकूला है. सभी माननीय मेहमानों का स्वागत एसडी पीजी कॉलेज प्रधान पवन गोयल और प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने पुष्प रोपित पौधे और शाल भेंट कर किया.3 मार्च से 1अप्रैल 2022 तक चलने वाली यह कार्यशाला शुरुआत समित के माध्यम से और बिजली विभाग हरियाणा सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है. प्रदेश में उभरते लेखकों और रंग-मंच कलाकारोंकी युवा पीढ़ी तैयार करने की दिशा में आयोजित यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण कड़ीहै जिसमे प्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ “हल्दी घाटी की रचना” पर नाटक तैयार किया जाएगा जिससे युवा पीढ़ी में देश प्रेम के साथ-साथ इतिहास गौरव के गुण विकसित हो सके. एक महीने चलने वाली इस कार्यशाला में पानीपत जिलेआईटीआई स्कूलों के लगभग 80छात्र-छात्राओ ने अपना पंजीकरण करवाया. नाटक विधा के बहुआयामी पक्षों से जुड़े विषय विशेषज्ञ और कलाकारविभिन्नविधाओंमेंइनविद्याथियों को प्रशिक्षित कर उन्हें निपुण बनायेंगे. मंच संचालन श्री राजीव रंजन और डॉ संतोष कुमारी ने किया.
विदित रहे की राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय विश्व के अग्रणी नाट्य प्रशिक्षण संस्थाओं में से एक हैऔर भारत में अपनी तरह का यह एक मात्र संस्थान है. इसकी स्थापना संगीत नाटक द्वारा उसकी एक इकाई के रूप में वर्ष 1959 में की गई और वर्ष 1975 में यह एक स्वतंत्र संस्था बनी. नाट्य विद्यालय में दिया जाने वाला प्रशिक्षण गहन, संपूर्ण एवं व्यापक होता है जिसमें सुनियोजित पाठ्यक्रम होता है जो कि रंगमंच के हर पहलू को समाहित करता है और जिसमें सिद्धांत व्यवहार से संबंधित होते हैं. प्रशिक्षण के एक अंश के रूप में छात्रों को नाटक तैयार करने होते हैं जिनको कि बाद में जन समूह के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. कॉलेज को इस संस्था के साथ जुड़ने का कई वर्षों का गौरव प्राप्त है.
डॉ अर्चना गुप्ता पानीपत भाजपा जिलाअध्यक्ष ने कहा की देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी क्रअमृत महोत्सव के शुभवसर पर देश के वीरों की अनकही कहानियों को आत्मसात करने वाली यह कार्यशाला इतिहास गौरव के संस्कार नई पीढ़ी में पैदा करेगी ऐसा उन्हें पूर्ण विश्वास है.आजादी का अमृत महोत्सव मतलब आजादी की ऊर्जा का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव मतलब स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव पर हमें नए विचारों कोजाननेऔर सिखने का मौका मिलेगा.यह कार्यशाला विद्यार्थियों को नए संकल्प और आत्मनिर्भरता का पाठसिखाएगी.यदि इन संकल्पों का ध्यान हर प्रतिभागी इस कार्यशाला में रखेगा तो कोई आश्चर्य नहीं कि सभी यहाँ से निश्चित सीखकर और कुछ पाकर जायेंगे.
आरके सिंह कमिश्नर नगर निगम पानीपत ने कहा की रंमंच बेहतर मनुष्यके निर्माण का सबसे मजबूत माध्यम है और हरियाणा बिजली विभाग की यह पहल अत्यंत सराहनीय है.साहित्य और नाटक के बिना समाज की कल्पना और उत्थान हो ही नहीं सकता. मानवीय मूल्यों के बिना समाज की प्रगति का कोई अर्थ नहीं है और ऐसे में इस प्रकार की कार्यशाला का औचित्य और अधिक बढ़ जाता है. केवल पाठ्यक्रम पढ़ कर हमारा पूरा विकास नहीं हो सकता बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व और बहुआयामी विकास के लिए ऐसे मंचो और नाटकों का होना भी नितांत आवश्यक है.कलाओं से सम्पन्न व्यक्ति ही जीवन में आगे बढ़ सकता है. नाटकना सिर्फ समाज का दर्पण है बल्कि यहआत्म-मंथन और आत्म-उत्थान का भी माध्यम है.
अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा की नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा नई दिल्ली के पाठ्यक्रम में उन महान रंगकर्मियों के कार्यों को दर्शाया जाता है जिन्होंने समकालीन रंगमंच के विभिन्न पहलुओं को साकार रूप देने में सहयोग किया. संस्कृत नाटक, आधुनिक भारतीय नाटक, पारंपरिक भारतीय रंगमंच रूपों, एशियन नाटक और पाश्चाात्य नाट्य प्रोटोकॉल के सुनियोजित अध्ययन और व्यावहारिक प्रस्तुतिकरण अनुभव छात्रों को रंगमंच कला इस कार्यशाला में मिलेगा ऐसा उन्हें अटूट विश्वास है. कॉलेज को इस संस्था के साथ जुड़ने पर गौरव की अनुभूति होती है.
एसडी पीजी कॉलेज प्रधान पवनगोयल नेकहा कि इस प्रकार के आयोजनों से हमें भविष्य के लिए भावी साहित्यकार और नाटककारअवश्य मिलेंगे.उन्होने विद्यार्थियो से आह्वान किया कि वे इस कार्यशाला में पूरे लगन के साथ भाग ले और अपनी जिज्ञासा हेतू प्रश्न अवश्य पूछे.
इस अवसर पर कार्यशाला के कैंप डायरेक्टर लोकेन्द्र त्रिवेदी और असिस्टेंट डायरेक्टर सत्येन्द्र मलिक ने प्रतिभागियों छात्र-छात्राओं को पुरे एक महीने चलने वाली कार्यशाला के विभिन्न आयामों से रुबरु करवाया.
इस अवसर पर स्टाफ सदस्यों में डॉ संगीता गुप्ता, डॉ सुरेन्द्र वर्मा, डॉ राकेश गर्ग, डॉ मुकेश पूनिया, दीपक मित्तल उपस्थित रहे.
Comments