एसडी पीजी कॉलेज पानीपत की वाईआरसी महिला कार्यकर्ताओं ने छः दिवसीय राज्य स्तरीय यूथ रेडक्रॉस ट्रेनिंग कैंप में किया शानदार प्रदर्शन
–हरियाणा रेडक्रॉस सोसाइटी चंडीगढ़ द्वारा हरिद्वार (उत्तराखंड) में किया गया कैंप का आयोजन
–हमें एक ही धरती मिली है और इसकी चिंता हमें ही करनी होगी : डॉ अनुपम अरोड़ा
BOL PANIPAT , 12 फरवरी,
एसडी पीजी कॉलेज पानीपत की चार वाईआरसी महिला कार्यकर्ताओं ने हरियाणा रेडक्रॉस सोसाइटी चंडीगढ़ द्वारा नंगली बेला आश्रम हरिद्वार (उत्तराखंड) में 5 से 10 फरवरी तक आयोजित छः दिवसीय राज्य स्तरीय यूथ रेडक्रॉस ट्रेनिंगकैंप में शानदार प्रदर्शन किया और प्रकृति एवं पर्यावरण को नजदीक से महसूस कर इसे संरक्षित करने के गुण खुद में विकसित किये । नीरू, नेहा, शीतल और स्वीटी ने कॉलेज वाईआरसी का प्रतिनिधित्व करते हुए इस आवासीय कैंप में हिस्सा लिया जिसमें हरियाणा प्रदेश अन्य कालेजों के 120 कार्यकर्ता शामिल रहे । कैंप के सफल समापन के उपरान्त कॉलेज पहुँचने पर सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, डॉ राकेश गर्ग, प्रो प्रवीन आर खेरडे, डॉ पवन कुमार, डॉ मुकेश पुनिया, डॉ एसके वर्मा, डॉ (लेफ्टिनेंट) बलजिंदर सिंह, प्रो मनोज कुमार और अन्य प्राध्यापकों ने किया । विदित रहे कि इस कैंप में भाग लेने के लिए हरियाणा प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के वाईआरसी कार्यकर्ताओं को चयनित किया गया था जिन्हें इस आवासीय कैंप के माध्यम से प्रकृति और पर्यावरण को जानने और समझने का अवसर प्रदान किया गया । प्राकृतिक आपदाओं और कार्यकर्ताओं के मन में छुपे डर को बाहर निकालना भी इस ट्रेनिंग कैंप का एक उद्देश्य था । कैंप में आयोजित विविध प्रकार की गतिविधियों जैसे ट्रेकिंग, जिपलाइनिंग, रॉकक्लाइमिंग, रिवर क्रासिंग, रस्साकशी, कमांडो नेट क्लाइमिंग, मंकी करोलिंग, रेपलिंग, फर्स्ट ऐड ट्रेनिंग आदि में कार्यकर्ताओं ने जोश और जूनून के साथ हिस्सा लिया । सांयकालीन सत्र में विविध सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें नृत्य और सर्वश्रेष्ठ वाईआरसी कार्यकर्ता का पुरस्कार शीतल को मिला और उन्हें ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र डॉ मुकेश अग्रवाल जनरल सेक्रेटरी ने दिया जो अंतिम दिन के मुख्य अतिथि रहे ।
दिनेश गोयल कॉलेज प्रधान ने अपने सन्देश में कहा कि हमें अपने चारों ओर के वातावरण को संरक्षित करने का तथा हमारे जीवन के अनुकूल बनाए रखने का निरंतर प्रयास करना चाहिए । पर्यावरण और प्राणी एक दूसरे पर आश्रित हैं और यही कारण है कि भारतीय चिन्तन में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना यहाँ की मानव जाति का इतिहास है । इस कैंप ने वाईआरसी कार्यकर्ताओं को इसी तथ्य का बोध कराया है ।
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि हमें एक ही धरती मिली है और इसकी चिंता हमें ही करनी होगी । इस प्रकार के कैंप के आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के प्रति सभी की चेतना को जागृत करना है । अगर हमने पर्यावरण में संतुलन बनाए रखा होता और इसका अर्थहीन दोहन न किया होता तो जो हालात धरती पर आज पैदा हो गए है वह कभी न होते । प्रकृति हमे बार-बार चेतावनी देती आई है कि हम उससे अनवांछित छेडछाड़ न करे और उसके साथ भी उचित व्यवहार करे । वाईआरसी कैंप का उद्देश्य पर्यावरण के साथ सदभाव में रहना सिखाना और इस की सुरक्षा के प्रति सभी की चेतना को जागृत करना है ।
डॉ राकेश गर्ग ने कहा कि इस प्रकार के एडवेंचर कैंप छात्र-छात्राओं में छिपी प्रतिभा को बाहर निकालकर उनमें साहस और रोमांच की भावना का विकास करते हैं । इससे कार्यकर्ताओं में निर्णय लेने और सीमित संसाधनों में जीवन-यापन करने के गुण विकसित होते हैं और विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं । छः दिवसीय कैंप में वाईआरसी कार्यकर्ताओं को फ्लाइंग फोक्स, मंकी क्रोलिंग, कमांडों क्रासिंग, आरचरी, शूटिंग, लेडर ब्रिज, ब्रह्मा ब्रिज, रोप वाक, फर्स्ट ऐड आदि का प्रशिक्षण दिया गया जो उनके आगे के जीवन में बहुत काम आएगा । इस कैंप में विद्यार्थियों को विपत्ति के समय अपना बचाव करने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया । आग लगने की स्थिति में अपना बचाव, बिना ब्रिज के नदी को पार करना, पहाड़ों की चढ़ाई, शूटिंग का ज्ञान, कमांडो ट्रेनिंग आदि जैसे प्रशिक्षण जीवन में बहुत काम आने वाले हैं ।
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