पर्व एवं त्योहार सूची तैयार करने हेतु ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया
BOL PANIPAT : इण्स्ट्रियल एरिया स्थित मदन डुडेजा के प्रतिष्ठान पर श्री सनातन धर्म संगठन (रजि.) पानीपत की ओर से विक्रमी सम्वतसर 2082 के लिए पर्व एवं त्योहार सूची तैयार करने हेतु ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें शहर के प्रतिष्ठित एवं विद्वान ब्राह्मणों ने भाग लिया।
सम्मेलन की शुरूआत हनुमान चालीसा के पाठ से हुई। वयोवृद्ध ब्राह्मण युधिष्ठिर शर्मा को सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि पर्व एवं त्योहारों की सूची कितना महत्त्व रखती है इसका उदाहरण देतेे हुए उन्होंने कहा कि आज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर 40 करोड़ लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं वे सिर्फ पंचाग में लिखे पर्व त्योहारों की सिर्फ एक लाईन पढ़कर आ रहे हैं अतः पर्व एवं त्योहारों का निर्णय एक गंभीर तथा परिश्रमजन्य कार्य है। तत्पश्चात डा. महेन्द्र शर्मा ने कहा कि हमारे देश में क्षेत्र के अनुसार 80 से 85 पंचांग प्रचलित हैं और पूरे भारत में 1660 के करीब त्योहार विभिन्न स्थानों पर मनाए जाते हैं। इसलिए पर्व सूची को एकरूपता देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली गणना के अनुसार 21 अक्तूबर की है लेकिन फिर भी दीपावली 20 या 21 अक्तूबर में से किस दिन मनाई जाएगी इसके सम्बंध में शंकराचार्य महामहिम स्वामी श्री निश्चलानंद जी के अनुसार धर्म संसद में जो भी निर्णय होगा उसके अनुसार दीपावली मनाई जाएगी। और सनातन धर्म संगठन भी उसी मत के अनुसरण करेगा उन्होंने पानीपत के सभी हनुमत स्वरूप धारण करने वाले व्रतधारियों से आग्रह किया कि वे कृपया चलैया व्रत पर बैठने से पूर्व अपने यज्ञोपवीत संस्कार एवं सूतक पातक से बचने के लिए नान्दी मुख श्राद्ध अवश्य करवायें। उन्होंने कहा कि सूची के निर्माण का एक उद्देश्य राष्ट्र की एकता और अखण्डता को मजबूत करना भी है। उन्होंने कहा 30 मार्च को आरंभ होने वाले विक्रमी सम्वतसर 2082 का नाम -सिद्धार्थ, सम्वत का राजा -सूर्य, सम्वत का मंत्री- सूर्य, सम्वत का वास-राजक के घर, सम्वत का वाहन-अश्व और रोहिणी का वास तट पर होगा। सम्मेलन में पर्व एवं त्योहारों की सभी तिथियों पर गहन मंथन हुआ और अंत में सर्वसम्मति से सूची पर सभी ने अपनी सहमति व अनुमोदन किया। श्री सनातन धर्म संगठन के प्रधान कृष्ण रेवड़ी ने इस अवसर पर कहा कि ‘एक त्योहार-एक दिन’ के अनुसार होगा। किसी भी त्योहार की दो तारीख बिल्कुल नहीं होंगी और दीपावली का त्योहार अयोध्या, राष्ट्र और धर्म संसद में जो निर्णय होगा उसी के अनुसार मनाया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधान कृष्ण रेवड़ी, वेद शर्मा, युद्धवीर रेवड़ी, ब्रह्मर्षि जी महाराज, वेद प्रकाश गोस्वामी, आचार्य जयभगवान शर्मा, पं. सतनारायण शर्मा, डा. रमेश चुघ, अशोक नारंग, कैलाश लूथरा, चन्द्रभान वर्मा, सुरेन्द्र पुष्करणा, सोनू शर्मा, जे.पी. शर्मा, अशोक शर्मा, प्रमोद शर्मा, विजय वशिष्ठ, किशन शर्मा, कृष्ण मनचंदा, वेद पाराशर, पिंकल शर्मा, सतीश शर्मा, रूद्र जटाधारी, उमेश शास्त्री, पं. कालीचरण आदि उपस्थित थे।
विक्रमी सम्वत 2082 के मुख्य पर्व एवं त्योहार
नव संवत्सर 30 मार्च
श्री दुर्गाष्टमी 5 अप्रैल
श्री राम नवमी 6 अप्रैल
भगवान परशुराम जयंती 29 अप्रैल
निर्जला एकादशी 6 जून
शिवरात्रि 23 जुलाई
रक्षा बंधन 9 अगस्त
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त
श्री कृष्ण जन्मोत्सव 16 अगस्त
श्री राधाष्टमी 31 अगस्त
श्री दुर्गाष्टमी 30 सितम्बर
दशहरा 2 अक्तुबर
दिवाली 21 अक्तुबर
श्री गुरु नानक देव ज0 5 नवंबर
श्री गुरु गोविंद सिंह ज0 27 दिसंबर
मकर संक्रांति 14 जनवरी 2026
महाशिवरात्रि 15 फरवरी 2026
होली 3 मार्च 2026

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