पीडिता को न्याय के लिए माता-पिता का सहयोग नही मिला तो जुनाईल बोर्ड बना अभिभावक: पुनित लिम्बा, प्रिंसीपल मैजिस्ट्रेट जुनाईल जस्टिस बोर्ड
-जुनाईल बोर्ड में मैजिस्ट्रेट ने सुनाया अहम फैसला, 6 वर्षीय पीडिता को दिया न्याय, सरकार देगी पीडिता को तीन लाख रूपये का फिक्स डिपोजिट, दोषी जुनाईल को 1साल तक कम्यूनिटी सर्विस के तहत वृद्धाश्रम में करनी होगी सेवा दोषी इससे पहले 41दिन तक रहा ओब्जर्वेशन में
BOL PANIPAT, 1मार्च थाना तहसील कैंप में 6 वर्षीय पीडिता के साथ 13वर्षीय बच्चे ने दुराचार किया इसकी रिपोर्ट 24-3- 2022 को एक जुनाईल के खिलाफ 6 पोक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफ आई.आर.पर जुनाईल बोर्ड द्वारा सुनवाई की गई,! इस मामले में पीडिता के माता-पिता बोर्ड को दिए अपने ब्यानों में घटना से मुकर गए,
ऐसे में जुनाईल जस्टिस बोर्ड के प्रिंसीपल मैजिस्ट्रेट श्री पुनित लिम्बा ने बताया कि पीडिता बच्ची के 164सीआरपीसी के ब्यानों और एफएसएल की रिपोर्ट पर दोषी को सजा सुनाई गई है। जिसमें दोषी को एक साल तक कम्यूनिटी सर्विस के तहत चलाए गए वृद्धाश्रम में बुढों की सेवा करने के आदेश दिए है वही दोषी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए,दोषी का दाखिला अगली कक्षा में नेशनल ओपन स्कूल में करवाने के आदेश भी दिए , बता दे इससे पहले दोषी 41दिन आब्जर्वेशन होम में काट चुका है। बोर्ड ने पीडिता को न्याय देते हुए हरियाणा सरकार को लिखा है कि पीडिता को तीन लाख रूपये की राशि उनके खाते में जमा करवाए ।
प्रिंसिपल मैजिस्ट्रेट ने बताया कि ऐसे मामले में बच्चा बहुत छोटा था जोकि अपने न्याय के लिए ब्यान देने योग्य नही होता। बच्चे के अभिभावक अपने ब्यानों को बदल देते है,जोकि गलत है। ऐसे में कोर्ट ने निर्णय लिया कि पीडि़त जुनाईल को न्याय मिले उसके लिए कोर्ट सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। माता-पिता वाला सारा फर्ज बोर्ड अदा करेगा ताकि पीडि़त को न्याय मिल सके और दोषी को उचित सजा।
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