पाइट में हुआ नेशनल इनोवेशन अवार्ड. डॉ.किरण बेदी ने विजेताओं को सम्मानित किया.
पाइट में जयपुर के अथर्व की टीम ने जीता अवार्ड, जान बचाने वाला जूता बनाया
BOL PANIPAT : समालखा – पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी (पाइट) में नेशनल इनोवेशन अवार्ड का आयोजन किया गया। देश के अलग-अलग राज्यों से 110 टीमों ने इस प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। जयपुर के विद्या आश्रम प्रताप नगर स्कूल की टीम ने यह अवार्ड जीता। पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल एवं देश की पहली महिला आइपीएस अफसर डॉ.किरण बेदी ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया। प्रथम विजेता जयपुर के अथर्व की टीम ने ऐसा जूता बनाया है, जो संकट के समय न केवल जान बचाता है, बल्कि सुबूत भी एकत्र करता है।
डॉ.किरण बेदी ने कहा कि बच्चों को नए प्रयोग करने दें। उन्हें आगे बढ़ाएं। जब तक हमारे देश के बच्चे नवाचार नहीं करेंगे, पेटेंट नहीं करेंगे तब तक देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने 38 वर्ष पूर्व नवज्योति फाउंडेशन की स्थापना की थी। यह संस्था झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को स्किल एजुकेशन दे रही है। अब पाइट के साथ मिलकर बच्चों को एआर-वीआर की ट्रेनिंग दी जाएगी। नेशनल इनोवेशल अवार्ड में जितने भी बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट बनाए हैं, इन सभी को संबंधित मंत्रालयों में भेजा जाना चाहिए। बच्चों को उत्साह बढ़ाएं। साथ ही शिक्षकों को भी सम्मानित करें, ताकि वे प्रतिभाशाली बच्चों को आगे लेकर चलें। पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने बताया कि इन सभी मॉडल को क्लब किया जा रहा है। मंत्रालयों को भेजा जाएगा। पाइट में ही बच्चों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सचिव सुरेश तायल ने कहा कि विजेता बच्चों को पूरा सहयोग दिया जाएगा। अगर स्टार्टअप करना चाहेंगे तो उनकी मदद करेंगे। साइबर सिक्योरिटी विभाग की अध्यक्ष डॉ.शक्ति अरोड़ा ने बताया कि स्टार्टअप सेल एवं इनक्यूबेशन सेंटर की तरफ से नेशनल इनोवेशन अवार्ड का आयोजन किया गया। इसमें नवज्योति फाउंडेशन, विख्यात ग्लोबल, कनन, पिकल, स्कूल्ज एलाई का सहयोग रहा। निदेशक डॉ.शक्ति कुमार ने पेटेंट और रचनात्मकता का महत्व बताया। इस अवसर पर चेयरमैन हरिओम तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, डीन डॉ.बीबी शर्मा भी मौजूद रहे।
इनको मिला नेशनल इनोवेशन अवार्ड
जयपुर के अथर्व की टीम सेफ स्पार्क ने पहला पुरसकार जीता। टीम को 31 हजार रुपये नकद दिए गए। अर्थव और उनकी टीम ने ऐसा जूता बनाया है, जिसमें जीपीएस सिस्टम लगा होगा। कैमरा और स्पार्क सिस्टम होगा। अगर कोई व्यक्ति हमला करता है तो जूते की मदद से हमलावर को रोका जा सकता है। पैर से ही बटन दबाकर अपने तीन स्वजनों तक संदेश भेजा जा सकता है। जूते से ही हमलावर का फोटो और वीडियो बन जाएगा। अर्थव को यह आइडिया कोलकाता दुष्कर्म एवं हत्याकांड के बाद आया था। उन्होंने बेटियों की सुरक्षा के मद्देनजर इसे बनाया। जयपुर में ही सौ लोगों पर इस जूते को टेस्ट भी किया गया है। इसके अलावा एसजीटी गुरुग्राम की टीम पॉकेट माइक्रोस्कॉप को दूसरा पुरस्कार दिया गया। इस टीम ने ऐसा सिस्टम बनाया है, जिससे अपराधस्थल पर ही सुबूत जुटाए जा सकते हैं। लैब से परिणाम आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दिल्ली एमएसआइटी की टीम सारथी को तृतीय पुरस्कार मिला। इन्होंने राडर बेस सिस्टम बनाया है, जिससे गाड़ियों के हादसे खत्म किए जा सकते हैं। इसके अलावा स्कूल से ऑप्टीनव टीम को द्वितीय और पाइट सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनएफएल की एग्रीटेक पॉयनर टीम को पहला स्थान हासिल हुआ। प्रतिस्पर्धा में 400 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
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