Friday, April 18, 2025
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आई.बी.(पी.जी.) कॉलेज में एन.एस.एस. शिविर के छठे दिन का आयोजन.

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at March 11, 2025 Tags: , , , , ,

BOL PANIPAT : 11 मार्च, 2025: आई.बी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत में चल रहे सात दिवसीय एन.एस.एस. शिविर के छठे दिन की शुरुआत योग और एरोबिक्स से हुई। स्वयंसेवकों ने ऊर्जा और उत्साह के साथ योगाभ्यास किया, जिससे उनका दिन सकारात्मकता से भरा रहा। नाश्ते के उपरांत स्वयंसेवकों के लिए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें कॉलेज के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रवीन कौशिक ने “लाइब्रेरी एंड लिटरेसी: ऐन एन.एस.एस. इनिशिएटिव” विषय पर चर्चा की । उन्होंने स्वयंसेवकों को NDLI पर पंजीकृत भी कराया और बताया कि, “NDLI छात्रों के लिए एक विशाल डिजिटल संसाधन है, जहाँ लाखों पुस्तकें, शोध-पत्र और अध्ययन सामग्री निःशुल्क उपलब्ध हैं। हर विद्यार्थी को इसका लाभ उठाकर अपने ज्ञान का विस्तार करना चाहिए।”

इसके पश्चात, कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शशि प्रभा मलिक द्वारा एक विशेष मुहिम के तहत सभी स्वयंसेवकों को कॉलेज की पत्रिका एवं भगवद गीता भेंट स्वरूप प्रदान की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा में ले जाने वाला अमूल्य ज्ञान है। स्वयंसेवकों को इसके उपदेशों से प्रेरणा लेनी चाहिए और निष्काम कर्म, त्याग एवं सेवा की भावना को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। यही राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य है।”

एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी सुश्री खुशबू ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित किया और कहा, “गीता हमें समाज सेवा और निस्वार्थ कर्म की प्रेरणा देती है, जो एन.एस.एस. का मुख्य उद्देश्य भी है। यदि हम गीता के सिद्धांतों को अपनाएं, तो समाज और राष्ट्र के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।”

इसके बाद डॉ. जोगेश ने “एन.एस.एस. का सामाजिक विकास में योगदान” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा, “एन.एस.एस. केवल एक सेवा कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। यह युवा शक्ति को समाज के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाता है, जिससे वे देश के विकास में योगदान दे सकें।”

इसके उपरांत डॉ. सुनीता अरोड़ा, उप-प्राचार्या, डॉ. बी.आर. अंबेडकर (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने “ध्यान और एकाग्रतावर्धन” विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने ध्यान के महत्व को समझाते हुए कहा, “ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि एकाग्रता और स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है। यह विद्यार्थियों और युवा स्वयंसेवकों के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह तनाव को कम करता है और कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा सकता है। यदि हम प्रतिदिन कुछ समय ध्यान के लिए निकालें, तो हमारे विचार स्पष्ट होते हैं और हम अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगा सकते हैं।”

शाम को एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान देशभक्ति गीतों, लोकनृत्यों और नाटकों की प्रस्तुति से वातावरण जीवंत हो उठा। पूरे दिन के कार्यक्रम ने स्वयंसेवकों में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।

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