Tuesday, October 28, 2025
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मेहमानों को भा रहा घी बूरा, ,बाजरे की रोटी, मक्खन, सरसों का साग दे रहा ठेठ देसी स्वाद.

By LALIT SHARMA , in SOCIAL , at November 7, 2022 Tags: , ,

पट्टी कल्याणा में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय गोष्ठी एवं महिला सम्मेलन का दूसरा दिन

BOL PANIPAT , 7 नवंबर : पट्टी कल्याणा में संस्कृतभभारती के अखिल भारतीय गोष्ठी एवं महिला सम्मेलन का दूसरा दिन प्रांत गोष्ठी, पदाधिकारियों का कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श के नाम रहा। पहले सत्र में संस्कृत पठन पाठन व्यवस्था प्रबंधन, प्रचार प्रसार में स्त्री विषयक पर चर्चा हुई। दूसरे सत्र में महिलाओं के कामकाज में आने वाली बाधाएं और उनके निवारण में क्या किया जा सकता है,इस पर चर्चा की गई। तीसरे सत्र में कुटुंब शिक्षा विषय पर टी प्रभाकर शास्त्री ने अपनी ओज वाणी से महिलाओं को अपनी आंतरिक शक्ति जागृत करने का आह्वान किया। 

सम्मेलन में देशभर के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कार्यकर्ता और प्रतिनिधि यहां के खानपान और आतिथ्य से गदगद हैं। उनका कहना था कि हरियाणा के बारे में जैसा सुना था यहां आकर उससे ज्यादा महसूस हुआ है। ट्रेन, बसों की लंबी यात्रा कर यहां पहुंचे कार्यकर्ता यहां की व्यवस्था से काफी प्रभावित दिखे। उनका कहना है कि यहां का माहौल अपनेपन से भरा है। समय किस प्रकार व्यतीत हो रहा है, पता ही नहीं चल रहा। 

तेलंगाना प्रांत के भाग्यनगर से यहां पहुंची जाहन्वी और हैमवती ने कहा कि महिला सम्मेलन का उनका यह दूसरा अनुभव है। वे मियापुर में बालकेंद्र संचालिका है। उनका कहना था कि आतिथ्य में हरियाणा जैसा दूसरा कोई नहीं है। सब कुछ व्यवस्थित है।

कर्नाटक के उडुपी से पधारी सुधा आर शणेय और शकुंतला ने कहा कि यहां का खाना लाजवाब है। ओदनम,( चावल,) के क्या कहने। अलग ही स्वाद है। इतनी ज्यादा मात्रा में बनने के बावजूद प्राकृतिक स्वाद में कोई कमी नहीं है। 

भोपाल से पहुंची ज्योति सोलंकी ने बताया कि वे साप्ताहिक मेलन प्रमुख है। संस्कृत भारती से 12वर्षों से जुड़ी हुई हैं। हरियाणा बिलकुल घर जैसा लग रहा है। आचार व्यवहार सब बेमिसाल है।

असम के दौड़ंग और तेजपुर जिले से पहुंची स्वर्णलता ,फुलेश्वरी देवी, विनीता,दीपाली ने कहा कि यहां आकर जीवन में पहली बार बाजरा रोटी को घी बूरा के साथ खाकर देखा है। इसके स्वाद का कोई मोल नहीं है। 

रोजाना बदल रहा है मीनू

संस्कृत भारती की तरफ से पाकशाला का दायित्व संभाल रहे पुष्पेंद्र आत्रेय ने कहा कि हमारा प्रयास है कि मेहमानों की इच्छानुसार भोजन खिलाया जाए। विशेष रूप से बाजरे की रोटी, मक्की की रोटी, सरसों का साग, बेसन गट्टे, खीर, कढ़ी, राजमा चावल, अरबी की सब्जी, तीन तरह की दाल ,मिक्स वेज आदि बनाए जा रहे है। देशी ठाठ देते हुए काउंटर पर ही घी बूरा, घी शक्कर आदि रखे जा रहे हैं। जलपान में पोहा, अंकुरित मूंग चने, दूध दलिया आदि दिया जा रहा है। 50 से अधिक हलवाई लगातार सेवा में लगे हुए है।

60 कार्यकर्ताओं की टीम संभाल रही वितरण कार्य

सम्मेलन में करीबन ढाई हजार से अधिक कार्यकर्ता और प्रतिनिधि पहुंचे हुए है। इन्हे किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके लिए बाकायदा टीमों का गठन किया हुआ है। वितरण प्रमुख डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि एक साथ ही सभी को भोजन और जलपान कराया जा रहा है। सभी के लिए फीकी मीठी चाय, कॉफी, गर्म पानी की 24 घंटे व्यवस्था है। संस्कृत भारती के कार्यकर्ता सेवाभाव से लबरेज रहते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद कोई दिक्कत या अव्यवस्था नहीं बनती है।

आगंतुकों का ज्ञानवर्धन कर रही प्रदर्शनी

प्राइड ऑफ इंडिया,आंग्लदेशे ,जर्मनी, यूके, यूएई,यूरोप, ओमान, चीन देश में संस्कृत शिक्षण की जानकारी दी जा रही है। इसके माध्यम से आगंतुकों को बताया जा रहा है कि सम्पूर्ण विश्व में भारत से अतिरिक्त 146 अन्य देशों में संस्कृत का पठन और पाठन हो रहा है। इनमें एशिया में 22,अफ्रीका में 1,आस्ट्रेलिया में 12,यूरोप में 66,उतरी अमेरिका में 44 तथा दक्षिणी अमेरिका में 1देश शामिल है।  

प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया है कि जर्मनी की वर्ज्बर्ग यूनिवर्सिटी, जोहनेस गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी, मुनिस्तर यूनिवर्सिटी, एबरहार्ड यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी, मेलबर्न की ला ट्रॉब यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, लंदन के सेंट जेम्स इंडिपेंडेंट स्कूल, जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी, म्यांमार की डेगोन यूनिवर्सिटी, यूरोप में यूनिवर्सिटी ऑफ हेलनस्की, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन, यूनिवर्सिटी ऑफ वियना, घेंट यूनिवर्सिटी, इंडोनेशिया की इस्टीट्यूट हिन्दू धर्म नगरी, मेहेंद्रदत्ता यूनिवर्सिटी, उदायना यूनिवर्सिटी, अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा, यूनिवर्सिटी ऑफ हवाले, यूनिवर्सिटी ऑफ लॉवा, 

के साथ चीन की पिंकिंग यूनिवर्सिटी में भी संस्कृत पढ़ाई जा रही है।

दूसरी तरफ खोगोलिय नीति में संस्कृत की उपादयेता, इंजिनीयरिंग, गणित, विज्ञान, चिकित्सा आदि विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृत के महत्त्व को बताते चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। इसी गैलरी में विभिन्न सूक्तों और संस्कृत श्लोको के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं का निवारण, नियम और न्याय, शस्त्रों के प्रकार , अर्थशास्त्र का राजमंडलीय सिद्धांत, व्यापार, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।

तीसरी गैलरी में वाहन के प्रकार, तिथि और नक्षत्र, वैदिक गणित, भौतिकी ,रसायन, आदि विषयों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जल निस्तारण, वेद और उनका विस्तार, वैमानिकी, युद्ध और युद्धनीति,जलसिंचन के बारे में भी चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। 

चौथी गैलरी में भरत मुनि नाट्यशास्त्र, रस, स्वर, वाद्य,गान,अभिनय के साथ साथ पहले नाट्यशास्त्र की सर्वसमांवेशकता की जानकारी दी गई है। 

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