आर्य कॉलेज में हुआ विस्तार व्याख्यान का आयोजन.
-साइबर क्राइम के प्रति लानी होगी जागरूकता- प्रो. सुमनजीत सिंह
-गांधी जयंती के उपलक्ष्य में महाविद्यालय में चलाया गया सफाई अभियान
BOL PANIPAT , मंगलवार 1 अकतूबर 2024, आर्य कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग एवं आईक्यूएससी के संयुक्त तत्वावधान में साइबर क्राइम विषय पर एक दिवसीय विस्तार व्याख्यान का आयोजन करवाया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के वाणिज्य विभाग के प्रो. सुमनजीत सिंह ने शिरकत की। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता व अर्थ शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सतबीर सिंह ने मुख्य वक्ता का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगच्छ दे कर स्वागत किया। वहीं प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अर्थशास्त्र विभाग के सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।
प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में युवा मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और आज सबसे ज्यादा क्राइम भी मोबाइल यानि साइबर क्राइम मोबाइल, इंटरनेट व कंप्यूटर पर ही हो रहे हैं। इससे हमें सावधान व जागरूक रहना होगा। डॉ. गुप्ता ने कहा कि हमें कभी भी किसी अनजान से नबंर से कॉल रिसीव नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी के साथ अपना ओटीपी शेयर करना चाहिए
प्रो.सुमनजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि साइबर अपराध विभिन्न रूपों में किये जाते हैं। कुछ साल पहले, इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों के बारे में जागरूकता का अभाव था। साइबर अपराधों के मामलों में भारत भी उन देशों से पीछे नहीं है, जहाँ साइबर अपराधों की घटनाओं की दर भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। साइबर अपराध के मामलों में एक साइबर अपराधी, किसी उपकरण का उपयोग, उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी, सरकारी जानकारी या किसी डिवाइस को अक्षम करने के लिये कर सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत में ‘सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000’ पारित किया गया जिसके प्रावधानों के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के प्रावधान सम्मिलित रूप से साइबर अपराधों से निपटने के लिये पर्याप्त हैं। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराएँ 43, 43ए, 66, 66बी, 66एफ, 67, 67ए, 67बी, 70, 72, और 74 हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित हैं। सरकार द्वारा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 जारी की गई जिसके तहत सरकार ने अति-संवेदनशील सूचनाओं के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र का गठन किया। इसके अंतर्गत 2 वर्ष से लेकर उम्रकैद तथा दंड अथवा जु़र्माने का भी प्रावधान है। विभिन्न स्तरों पर सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में मानव संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता परियोजन प्रारंभ की है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि युवाओं को पोर्न विडियों और अंजान विडियो कॉल से सतर्क रहना होगा और साइबर क्राइम के प्रति युवा को जागरूक होने के साथ-साथ अपने परिवार व आस-पडोस के लोगों को भी इस क्राइम के प्रति जागरूक करना होगा।
वहीं गांधी जंयती के उपलक्ष्य मे महाविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा कॉलेज प्रांगण में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य डॉ जगदीश गुप्ता ने कहा की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के सम्मान में हमे हमेशा स्थिरता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए हमेशा अगरसर रहना चाहिए। उन्होंने बताया की सभी को अपने आसपास भी सफाई अभियान चलाना चाहिए, ताकि हम अपने वातावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रख सकें। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हम सभी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए और उसे अपने जीवन में एक आदत की तरह अपनाना चाहिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की कॉलेज की एनएसएस द्वारा स्वयंसेवकों ने स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, पार्क, स्टोररूम व पुस्तकालय की अलमारियों की सफाई की और उन्हे व्यवस्थित करने का काम किया। कॉलेज की एनएसएस इकाई के प्रभारी प्रो. विवेक गुप्ता ने बताया कि गांधी जयंति के उपलक्ष्य में वह हर वर्ष स्वच्छता जागरूकता अभियान पखवाड़ा का आयोजन करते है। जिसके तहत सभी स्वयंसेवक गांधी जी के स्वच्छता ही सेवा अभियान को जारी रखने का काम करते है। उन्होंने कहा की स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है। वहीं डॉ. मनीषा ढुढेजा ने कहा यदि कोई व्यक्ति अपने आसपास स्वच्छता को बनाए नहीं रखता है, तो वह स्वस्थ भी नहीं रह सकता है। स्वस्थ मनोदशा से ही स्वस्थ चरित्र का विकास होता है। साथ ही उन्होंने कहा की हम सभी को हमेशा इस महाअभियान मे अपना योगदान देना चाहिए और एक बेहतर समाज का निर्माण करने मे अग्रणी रहना चाहिए। इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग के सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
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