हिट एंड रन योजना पर कार्य न करने वाले अस्पताल संचालकों के हो सकते है लाइसेंस रद्द: पुलिस अधीक्षक लोकेन्द्र सिंह
-बैठक में गैर हाजिर रहेे अस्पताल संचालकों को भेजे जाएंगे नोटिस
-दुर्घटनाग्रस्त लोगों के लिए महत्वकांक्षी है सरकार की हिट एंड रन योजना
-योजना को पूरी तरह अमल में लाने को लेकर लिया जायेगा व्हाटसप ग्रुप का सहयोग
BOL PANIPAT , 3 मार्च। जिला सचिवालय के सभागार में सोमवार को पुलिस अधीक्षक लोकेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में केंद्र व रा’य सरकार की विकटम ऑफ हिट एंड रन मोटर एैक्सीडेंट स्कीम के बेहतर तरीके से लागू करवाने को लेकर पुलिस विभाग व जिले के विभिन्न अस्पतालों के संचालकों की बैठक हुई। जिसमें पुलिस अधीक्षक ने उन अस्पताल संचालकों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए, जो संचालक न तो मीटिंगो का हिस्सा बन रहे न ही सरकार की इस योजना को तरतीब से लागूू कर रहे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह योजना उन लोगों के जीवन से जुड़ी योजना है जिसमें दुर्घटना के बाद उनकी जान को पुलिस व अस्पताल कैसे बचा सकते है। इस पर हमें गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जो अस्पताल पैंनल पर है उन्होने भी इस योजना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। कुछ अस्पताल ऐसे भी चिन्हित किये है जिन्होंने योजना को लागू करने को कार्य तो शुरू किया है लेकिन उसे पूर्ण नहीं किया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कई ऐसे अस्पताल भी है जिन्होंने अभी तक कार्य भी प्रांरभ नहीं किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे व्हाटसप ग्रुप बनाकर इस योजना की गाइड लाइन को किस तरह से साझा करें व किस तरह से इस योजना का लाभ दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मिल सकता है स्वयं जाने व इसका ’यादा से ’यादा प्रचार करें। इस योजना पर ठीक से अमल न होने की स्थिति में उन अस्पताल संचालकों के खिलाफ भी एफआईआर भी दर्ज हो सकती है जिन्होंने दुर्घटना के बाद दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का उपचार नहीं किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का ईलाज शुरू करने के लिए सरकार द्वारा डेढ लाख रूपये का प्रावधान है। इसमें पहले दिन उपचार फ्री देना होगा।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी अस्पताल संचालकों को एक नंबर सभी के साथ साझा करना होगा। जिस पर किसी भी तरह की दुर्घटना घटने पर ईलाज सुलभ करवाया जा सके। इस योजना के तहत प्रावधान है कि विकटम की आईडी भी अपलोड करनी होगी। नोडल अधिकारी को घटना से संबंधित जानकारी पोर्टल पर देनी होगी। उन्होंने अस्पताल संचालकों को इस महत्वकांक्षी योजना पर गंभीरता से कार्य करने का आहवान किया।
सीएमओ जयंत आहुजा व पुलिस उप अधीक्षक सुरेश सैनी टे्रफिक ने कहा कि इस योजना में 74 अस्पताल नोमिनेट किये गए है। जिसमें इस योजना का दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को लाभ मिलता है। इनमें 27 अस्पताल अभी तक इस योजना पर पूरा कार्य नहीं कर पायें व 8 अस्पताल इस योजना को अभी तक शुरू भी नहीं कर पाये है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 6 घंटे के अंदर पुलिस को वैरीफाई करना होता है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति इस योजना के दायरे में आता है या नहीं।
सीएमओ ने बताया कि इस योजना के तहत 108 व 112 नंबर को लिंक किया गया है। इससे सडक़ दुर्घटना की सुरक्षा सुनिश्चित होगी व यह नंबर लिंक होने से दुर्घटनाग्रस्त लोगों को लाभ मिल पायेगा। इस मौके पर पुलिस उप अधीक्षक राजबीर सिंह के अलावा विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर व संचालक मौजूद रहे।
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