आर्य पीजी कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
-महिला सशक्तिकरण: एक मिथक या वास्तविकता के विषय पर हुआ संवाद सत्र का आयोजन
BOL PANIPAT , शनिवार 08 मार्च 2025,आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महाविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा महिला सशक्तिकरण: एक मिथक या वास्तविकता के विषय पर संवाद सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहुँचने पर कॉलेज के एनएसएस इकाई के प्रभारी प्रो. विवेक गुप्ता व डॉ. मनीषा डुडेजा ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कॉलेज प्राचार्य ने प्रो. विवेक गुप्ता एवं डॉ. मनीषा डुडेजा को बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने कविता पाठ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके साथ ही एनएसएस इकाई द्वारा एक इंटरैक्टिव सेशन भी आयोजित किया गया जिसमें गेस-द-वूमन जैसे खेल व सफल महिलाओं की जीवनी पर विद्यार्थियों के साथ वार्ता की गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं सशक्त होगी तो समाज और ज्यादा सशक्त होगा और राष्ट्र भी उन्नति करेगा। उक्त जानकारी देते हुए कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि इस अवसर पर छात्रा खुशी, सुषमा और संजीव ने कविता पाठ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। साथ ही उन्होंने कहा की इस तरह की गतिविधियों से युवाओं को अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए एक मंच मिलता है जहां वह अपनी बात निर्भीकता के साथ रख सकते है।
वहीं, कॉलेज की एनएसएस इकाई के प्रभारी प्रो. विवेक गुप्ता ने बताया कि यह दिन न केवल महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और योगदान को पहचानने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि हमें महिला सशक्तिकरण को लेकर कई सारे कदम उठाने की जरूरत है।
इस अवसर पर कॉलेज की एनएसएस इकाई की पीओ डॉ. मनीष डुडेजा ने कहा की महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सम्मान देना है। महिलाओं ने इतिहास में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है चाहे वह शिक्षा हो, राजनीति हो, विज्ञान हो या खेल का मैदान। उन्होंने कहा की हमारे शस्त्रों में भी कहा गया है जहां नारी का सम्मान होता है, वहीं देवता विराजते है। उन्होंने कहा की महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है, क्योंकि आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास आता है और आत्मविश्वास से जीवन संवरता है और नारी सशक्तिकरण से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है।
वहीं, प्रोफेसर आस्था गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में समानता लाने के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना जरूरी है। नारी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि का आधार है। वह जीवनदायिनी है, प्रेम की मूर्ति और रिश्ते संवारने वाली शक्ति है। भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति, ममता, और त्याग का स्वरूप माना गया है।
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