Friday, October 17, 2025
Newspaper and Magzine


शास्त्रों की बातें केवल ज्ञानी हीं नहीं करते अपितु नासमझ लोग भी शास्त्रों की बातें कर डालते हैं : स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ जी

By LALIT SHARMA , in RELIGIOUS , at October 17, 2025 Tags: , , ,

BOL PANIPAT : 17 अक्तूबर 2025, कथाओं में आने वाले चरित्रों को बड़ी गंभीरता से लेना चाहिए तभी जीवन में उत्कर्ष के द्वार खुलेंगे। यह प्रवचन श्री सनातन धर्म महाबीर दल पानीपत द्वारा हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिकोत्सव में तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य गीता व्यास डा. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने चार दिवसीय कथा के दूसरे दिवस पर कही। सर्वप्रथम कथा की शुरूआत मुख्य अतिथि अशोक नारंग, उल्लास नारंग द्वारा दीप जलाकर हुई। स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ जी ने कथा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि रोज-2 उन्हीं धार्मिक बातों को सुनते रहना ही कथा सुन लेना नहीं। शायद इसी कारण से विशेष चरित्र साधारण लगने लग गए हैं। जैसे हनुमान जी जिनका अवतार ही राम काज के लिए हुआ है। ‘‘राम काज लगि तव अवतारा’’ और राम जी का कार्य है आदर्श राम राज्य के रूप में धर्म की प्रतिष्ठा करना और आसुरी प्रवृत्ति का नाश करना। ऐसे में हनुमान जी एक सेवक के रूप में दास्य भक्ति का मूर्त रूप हुये। अतुलित बलशाली, कुशल वक्ता, निष्ठावान, पूर्ण ज्ञानी, समर्पित ही अच्छा सेवक हो सकता है न कि कोई भी सेवक हो जाये। यह ठीक है कि सत्संग सौभाग्य से मिलता है किन्तु यह सब तभी ठीक होगा यदि हमारे पास सत्संग श्रवण करने की सूक्ष्म कला भी हो। क्योंकि शास्त्रों की बातें केवल ज्ञानी हीं नहीं करते अपितु नासमझ लोग भी शास्त्रों की बातें कर डालते हैं। उनके अर्थ उनकी मर्जी वाले होते हैं। वे नहीं होते जो यथार्थ में होने चाहिए और ऐसे ही लोग धीरे-धीरे मत मजहब बना लेते हैं और यथार्थ में धर्म क्या है लोग भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अंग्रेजी वर्णमाला के तीन टी पर नियंत्रण जरूरी है यह हैं टाईम (समय), थोट (विचार) और टंग (जीभ) यदि कोई व्यक्ति इन तीन पर नियंत्रण करना सीख जाता है तो वहीं ज्ञानी है वहीं श्रेष्ठ है। इस अवसर पर प्रधान हेमन्त लखीना, पंकज सेठी, अशोक चुघ, संत लाल जुनेजा, महिंद्र जुनेजा, अमित जुनेजा, तरुण नारंग, विनोद चुघ, वेद सेठी, महेश जुनेजा, पंकज ढींगड़ा, श्रवण लखीना, राकेश आहूजा, कमल रामदेव, हार्दिक रामदेव, अशोक जुनेजा आदि उपस्थित थे। मंच संचाल अश्विनी लखीना ने किया।

Comments


Leave a Reply