जो विद्यार्थी आज में जीयेंगे अभी में जीयेंगे उनके जीवन में किसी भी तरह की चुनौती नहीं आयेंगी : मंत्री महीपाल ढांडा
-परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम 2025 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने देखा लाइव व जमकर बजाई तालियां
-विद्यार्थी तनाव मुक्त होकर दे परीक्षा, कोई भी परिस्थिति एक जैसी नहीं होती
-बच्चों में एक नई उम्मीद जगा गया परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम 2025
BOL PANIPAT, 10 फरवरी। हरियाणा के उच्च शिक्षा, अभिलेखागार, संसदीय मामले व स्कूल शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सिवाह के सभागार में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम 2025 के लाइव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्कूली बच्चों के साथ की गई वार्ता व सवाल जवाबों को दर्शक बन कर पूरा कार्यक्रम इतमिनान से सुना व बाद में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक घंटे के इस कार्यक्रम बच्चों को खुला आसमान देने व अच्छी लेखनी के साथ तनाव पूर्ण माहौल से दूर रहकर परीक्षा देने की बात की सराहना की ।
प्रधानमंत्री ने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में बच्चों को समझाया कि चुनौती के पार निकलना है। अच्छी तरह से समय का सदुपयोग करना है। लीडरशीप की भावना के साथ आगे बढऩा है। सम्मान कमाना है मांगना नहीं है। उन्होंने कहानियों व कुछ उदाहरणों के जरिये भी बच्चों को आने वाली परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षा को पार करना है उससे डरना नहीं है। परीक्षा चुनौती जरूर है लेकिन ऐसा नहीं है कि उसे पार नहीं पाया जा सकता। इसके लिए अच्छे प्रबंधन की आवश्यकता है। कभी भी निराशा को साथ नहीं रखना है। तनाव मुक्त होकर परीक्षा देनी है। कोई भी परिस्थिति एक जैसी नहीं होती।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जीवन का अंग ही समस्या है। एक स्टेच्यू बनाकर सोचना है। ऐसा निरंतर प्रयास करने से काफी हद तक अपने आप को चिंता से मुक्त कर लेंगे। उन्होंने अकबर के राज्य के दौरान की एक घटना को बच्चों के सामने एक उदाहरण के रूप में रखा। जिसका सारांश यही निकलता था कि ये वक्त भी गुजर जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंहकार में मत आना। जीवन के यह अहम पल हमारे जीवन को नई दिशा देने जा रहे है। इनका सदुपयोग करना। अलग अलग रूप में चुनौतियां आती है उनसे घबराना नहीं, ये कभी भी रूकती नहीं। ये जहां परेशानी लेकर आती है वहीं खुशियां भी लेकर आती है। हमें दोनों परिस्थितियों में अपने आप पर नियंत्रण करना है व पार जाना है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बगैर शिक्षक के कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता। शिक्षक ही आदर सम्मान का केंद्र बिंदु है। उन्होंने गुरू की महिमा का मंडन करने हुए कहा कि गुरू हमेशा अपने बच्चों में कभी भेदभाव नहीं करते व उनके जीवन को समृद्घ व खुशहाल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमें आज के मध्यनजर कार्य करना चाहिए। हमें आज में जीना है। जो आज में जीयेंगे, अभी में जीयेंगे उनके सामने किसी भी तरह की चुनौती नहीं आयेंगी। जीवन को संकल्प लेकर जीने वाले दुनिया में विजेता बनते है व मुक्कदर खुद लिखते है। मंत्री ने कहा कि परीक्षा पर चर्चा में उन्हें भी बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे उम्मीद है बच्चे इस कार्यक्रम से प्ररेणा पाकर बेहतर परिणाम देंगे।
इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, सरपंच रणदीप आर्य, खंड शिक्षा अधिकारी बिजेन्द्र हुडडा, स्कूल प्रिंसीपल सुरेन्द्र कादियान, एलडीएम राजकुमार, प्राध्यापक यशपाल, सेठपाल के अलावा स्कूली छात्रों की अभिभावक भी मौजूद रहें।
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