एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के यूथ रेड क्रॉस स्वयंसेवकों ने राज्य स्तरीय युवा रेड क्रॉस (पुरुष) प्रशिक्षण कैंप में किया शानदार प्रदर्शन
श्री अनंत प्रेम आश्रम हरिद्वार (उत्तराखंड) में आयोजित कैंप में राज्यके6विश्वविधालयों और 35 कालेजों के 220 स्वयंसेवकों ने लिया हिस्सा
मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता है रेड क्रॉस के मूलमंत्र: डॉ अनुपम अरोड़ा
BOL PANIPAT , 01 फरवरी : एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के छःयूथ रेड क्रॉस (पुरुष) स्वयंसेवकों को श्री अनंत प्रेम आश्रम हरिद्वार (उत्तराखंड) में एक सप्ताह तक चलने वाले राज्य स्तरीय युवा रेड क्रॉस प्रशिक्षण कैंप में सांस्कृतिक और सामजिक हित के लिए की गई गतिविधियों के सम्मान स्वरूप पुरस्कारों से अलंकृत किया गया.इस कैंप में बीकॉम द्वितीय से सौरभऔर ललित, एमए अंग्रेजी द्वितीय से साहिल, बीए द्वितीय से शोभित और रोहित कुमार और बीए तृतीय से राम ने कैंप में हिस्सा लिया. कैंप 24 से 31 जनवरी तक आयोजित किया गया.कॉलेज के युवा रेड क्रॉस कार्यकर्तासाहिल ने एकल नृत्य में दूसरा औरभाषण में सौरभ ने दूसरा स्थान प्राप्त किया. इसके अलावा युवाकार्यकर्ताओंनेबेस्ट लकी स्टार,ग्रुप डांस, लघु नाटिका और क्विज प्रतियोगिता में भी इनाम जीत कर कॉलेज का मान बढ़ाया. इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की हरियाणा स्टेट ब्रांच पंचकुला के तत्वाधान में राज्य स्तरीय युवा रेड क्रॉस प्रशिक्षण कैंप का आयोजन जनवरीमाह में ऋषिकेश मार्ग पर स्थित श्री अनंत प्रेम आश्रम हरिद्वार (उत्तराखंड) में हुआ जिसमे हरियाणा प्रदेश के 6विश्वविधालयों और उनसे सम्बद्ध 35कालेजों के 220यूथ रेड क्रॉस स्वयंसेवकोंने हिस्सा लिया. कॉलेज के लिए सबसे अधिक गौरवकी बात यह रही कि इस प्रशिक्षण शिविर के लिए सबसे अधिक कार्यकर्ता एसडी पीजी कॉलेज से चयनित हुए. कॉलेज पहुँचने पर सभी विजेता यूथ रेड क्रॉस क्लब के स्वयंसेवकों का स्वागत प्राचार्य प्रधान पवन गोयल,डॉ अनुपम अरोड़ा,डॉ राकेश गर्ग(वाईआरसी नोडल अधिकारी)एवं अन्य प्राध्यापकों ने उत्साह के साथ किया.
विदित रहे किइस साप्ताहिक प्रशिक्षण कैंप में युवा पुरुष वाईआरसी कार्यकर्ताओं को टीबी, मलेरिया, एचआईवी/एड्स, हिपेटाईटिस बी और सी, रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वार्मिंग, राष्ट्रीय एकता, ड्रग डी-एडिक्शन, भ्रूण हत्या, वरिष्ठ नागरिक और हमारे दायित्व, स्वच्छ पेयजल, आपदा प्रबंधन, अंग दान, फर्स्ट ऐड, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, संतुलित भोजन और बिमारियों से बचाव, एनीमिया आदि जैसे विषयों पर विस्तृत एवं व्यवहारिक ज्ञान और प्रशिक्षण दिया गया. कार्यकर्ताओं के मानसिक और व्यक्तित्व के विकास हेतू उन्हें भ्रमण और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेने के प्रेरित किया गया.
एसडी कॉलेज प्रधान पवन गोयल ने अपने सन्देश में कहा कि सौरभ, ललित, साहिल,शोभित, रोहित कुमार और राम की उपलब्धि ने उन्हें बहुतप्रभावित किया है. कॉलेज चाहता है किआज के युवा जो कल का भविष्य है हर मायने में तंदुरस्त और सेहतमंद रहे और इसी प्रकार सामाजिक हित के कार्य करते रहे.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने रेड क्रॉस के बारे में बताते हुए कहा किमानवता को बचाने वाली सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था का नाम ही रेड क्रॉस है.रेड क्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसे युद्ध में घायल होने वाले सैनिकों की सहायता के लिए बनाया गया था परन्तु आज इसका कार्य क्षेत्र और भी व्यापक हो गया है.इसकाउद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना हैचाहे वो युद्ध हो या अन्य आपदाएं. हेनरी ड्यूनेंट नामक व्यक्ति ने 1867 में इससंगठन की शुरुआत की थी.रेड क्रॉसमानवता की सेवा करने वाली सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है.उन्होनेंसभी युवाओं से अपील की कि वे भी मानवता की सेवा करने का भाव खुद में पैदा करे.रेड क्रॉस से जुड़ा व्यक्ति सैदेव अच्छे कार्य करता है जिससे उसे आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है.रेड क्रॉस मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता जैसे सिद्धांतो पर चलती है.सौरभ, ललित, साहिल,शोभित, रोहित कुमार और राम की उपलब्धि पर उन्हें गर्वहै. एक कॉलेज के सारे ही कार्यकर्ताओं का मैडल और स्थान पाना अपने आप में सराहनीयउपलब्धि है.
डॉ राकेश गर्ग यूथ रेडक्रॉस क्लब नोडल अधिकारी ने कहा कि किसी भी देश में कोई न कोई आपदा आती रहती है. जब भी किसी देश में कोई मुसीबत या परेशानी आती है तो उस देश की सरकार के द्वारा बचाव कार्य करके लोगों की जान बचाई जाती है. रेड क्रॉस भी ऐसे ही लोगों की सहायता करती है. रेड क्रॉस संस्था लोगों के खाने-पीने, चिकित्सा और उनके रहने की व्यवस्था करती है. किसी भी देश में मुसीबत के दौरान यह संस्था सामने आकर ज़्यादा से ज़्यादा मानव जीवन की रक्षा करती है. भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के दौरान की गई थी और आज भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की 700 से भी ज्यादा शाखाएं है.
इस अवसर पर डॉ एसके वर्मा, डॉ मुकेश पुनिया, दीपक मित्तल उपस्थित रहे.
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