अनुसूचित जाति के व्यक्ति 10 दिन का प्रशिक्षण उपरांत स्थापित करें अपना रोजगार: डीसी
विभाग द्वारा मछली व्यवसाय पर दिया जा रहा है अनुदान: डीसी
BOL PANIPAT , 27 अप्रैल। डीसी सुशील सारवान ने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा समय-समय पर मछली पालन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के लोगों लिए विभाग द्वारा विशेष योजना चलाई जा रही है जिसके तहत प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के प्रशिक्षु को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है। पंचायती तालाब भी पट्टे पर दिलवाए जाते है।
उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा 10 दिन के प्रशिक्षण के लिए 100 रूपए एक बार आने के लिए और प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपए भी दिए जाते है। प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थियों को पंचायती तालाब मछली पालन हेतु तालाब पट्टे पर लेना है तो मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रथम वर्ष के पट्टे की धनराशि का 50 हजार या पट्टïनामें की राशि का 50 प्रतिशत जो भी कम हो प्रार्थी को अनुदान प्रदान किया जाता है तथा अनुदान के साथ 2 हेक्टेयर या एकड़ तक ही सीमित है। इसी प्रकार दूसरे और तीसरे वर्ष की पट्टी राशि का 25 हजार या पट्टानामा राशि का 25 प्रतिशत जो भी कम हो का अनुदान अनुसूचित जाति के प्रार्थी को दिया जाता है। यह अनुदान भी 2 हेक्टेयर की सीमा पर उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि प्रार्थी मछली पकडऩे तथा जाल खरीद कर रोजगार फार्म करता है तो मत्स्य पालन विभाग जाल की खरीद पर 10 हजार रुपए या जाल की कीमत का 50 प्रतिशत जो भी कम हो का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि प्रार्थी अधिसूचित पानियों का ठेका लेता है तो उसे विभाग द्वारा स्वीकृत बोली का 50 प्रतिशत या 3 लाख रुपए जो भी कम हो का अनुदान के रूप में प्रदान किया जाता है।
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