लड़कियों को खुलकर जीने दें. उन्हें बाल विवाह की बेड़ियों में न बांधे – संजय कुमार
BOL PANIPAT : एमडीडी ऑफ इंडिया द्वारा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उरलाना कलां और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोंधापुर में स्कूली छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देकर उनको बाल विवाह की रोकथाम करने और किसी भी बाल विवाह में शामिल न होने की शपथ दिलाई गई।
आज दिनांक 27 फरवरी को पानीपत के उरलाना कलां में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोंधापुर में एम डी डी आफ इंडिया के जिला समन्वयक संजय कुमार द्वारा बाल विवाह मुक्त जिला बनाने को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अक्तूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक निर्णय के दिशानिर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और एमडीडी ऑफ इंडिया, बाल विवाह निषेध अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग , शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है ताकि पानीपत जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
जिला समन्वयक संजय कुमार ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या उसको बढ़ावा देता है या उसमें सहायता करता है तो 112 नम्बर व 181नम्बर पर फोन करके सुचित करें। बाल विवाह करवाने वाले को 2 साल की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माना भी लग सकता है या दोनों भी हो सकते हैं। बाल विवाह रूपी बुराई को जड़ से खत्म करना जरूरी है , तभी लड़कियों के सपने साकार होंगै। बाल विवाह होने से लड़कियों का बचपन भी उनसे छिन जाता तथा जल्द शादी से लड़किया शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो जाती है,ऐसे में बाल विवाह के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है; तभी लड़कियां अपने बचपन को अपने इच्छा अनुसार जी पाएगी। इस मुहिम में शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे अपने समुदाय में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करें और उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर उनका लाभ दिलाएं ताकि बाल विवाह को खत्म किया जा सके। एम डी डी ऑफ इंडिया पिछले कई वर्षों से बालाधिकारों को लेकर कार्यरत है और “न्याय तक पहुंच” कार्यक्रम के अंतर्गत बाल विवाह, बाल दुर्व्यवहार व बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए हुए है।
सभी ने एक स्वर से शपथ ली कि वे किसी भी ऐसी शादी में शामिल नहीं होंगे जिसमें वर या वधु की उम्र कम हो और ऐसी शादियां रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे ताकि बच्चों के भविष्य को बचाया जा सके।
प्रिंसिपल अलका लांबा ने कहा कि एमडीडी ऑफ इंडिया की यह मुहिम बेहद सराहनीय है क्योंकि बाल विवाह लड़कियों की खिलाफ एक सामाजिक अपराध है और उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। हमें मिलकर इस कुरीति को जड़ से खत्म करना होगा।
स्वास्थ्य सखी अभियान के तहत राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उरलाना कलां में हेल्थ काउंसलर कुलदीप ने छात्राओं को मासिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी और उन्हें साफ सफाई एवं पौष्टिक आहार संबंधी जानकारी दी।
‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान 200 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों का गठबंधन है जो 2030 तक बाल विवाह के खात्मे के लिए पूरे देश में काम कर रहे हैं। ये सभी सहयोगी संगठन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक समग्र रणनीति ‘पिकेट’ पर अमल कर रहे हैं जिसमें नीति, संस्थान, संम्मिलन, ज्ञान, परिवेश, तकनीक जैसी चीजें शामिल हैं। धार्मिक नेताओं और समुदायों के साथ साझा प्रयासों से इसने इस अपराध के खात्मे के लिए 4.90 करोड़ लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है।
Comments