एनएसएस शिविर के छठे दिन पॉक्सो एक्ट व कौशल विकास विषय पर हुआ विस्तार व्याख्यान का आयोजन
-प्रातःकालीन सत्र में किया गया प्रेरणादायक फिल्म ‘श्रीकांत’ की स्क्रीनिंग का आयोजन
BOL PANIPAT , बुधवार 26 मार्च 2025, आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर का छठा दिन का आयोजन कौशल विकास और प्रेरणदायिक फिल्म ‘श्रीकांत’ पर केंद्रित था। शिविर में “यूथ फ़ॉर मॉय भारत एवं यूथ फ़ॉर डिजिटल लिटरेसी” विषय के अंतर्गत प्रातःकालीन स्तर में विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक फिल्म ‘श्रीकांत’ की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। साथ ही सांयकालीन सत्र में बाल विवाह, पॉक्सो एक्ट व स्किल डेवलपमेंट जैसे गंभीर विषयों पर जागरूक करने के लिए विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वास्तुकुल इनोवैशन अकादेमी के प्रशिक्षक धर्मेन्द्र कुमार व कम्यूनिटी स्ट्रैटिजिस्ट प्रदीप कुमार ने और साथ ही एमडीडी इंडिया फाउंडेशन के जिला प्रबंधक संजय कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में पहुँचने पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया व विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने एनएसएस इकाई के प्रभारी प्रो. विवेक गुप्ता व डॉ. मनीषा डुडेजा को सफलतापूर्वक चल रहे शिविर के लिए बधाई दी और भविष्य में ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है।
सांयकालीन सत्र में स्टार्टअप व कौशल विकास पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें वास्तुकुल अकादेमी से कम्युनिटी स्ट्रेटेजिस्ट प्रदीप कुमार व धर्मेन्द्र कुमार ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि वास्तुकुल भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्टार्टअप पहल है, जो आर्किटेक्चर और योजना शिक्षा पर केंद्रित है और छात्रों को अनुभवात्मक शिक्षण और कौशल विकास का मंच प्रदान करता है। प्रदीप कुमार ने स्वयंसेवकों को स्वरोजगार शुरू करने और अपने कौशल को निखारने के विषय में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत युवाओं को कुशलता प्रदान कर उनके अनुरूप काम मुहैया करा कर रोजगार दिलाने का कार्य किया जाता है।
वहीं, इसके पश्चात एमडीडी इंडिया फाउंडेशन के जिला प्रबंधक संजय कुमार ने बाल विवाह व पॉक्सो अधिनियम पर विस्तार व्याख्यान दिया और इन सामाजिक मुद्दों की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों के अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रो. विवेक गुप्ता और डॉ. मनीषा डोडेजा ने बताया कि यह फिल्म श्रीकांत भोला नामक एक वास्तविक व्यक्ति के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने नेत्रहीन होते हुए भी अपने जीवन की कठिनाइयों का साहसपूर्वक सामना किया और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्में छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
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