पीआरपीसी में ऑनसाइट आपदा ड्रिल का अभ्यास सफलतापूर्वक सम्पन्न.
BOL PANIPAT : पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में संभावित खतरों, जैसे आग और गैस रिसाव, से निपटने के लिए नियमित रूप से आपदा ड्रिल का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में, 21 मार्च 2025 को एक ऑनसाइट आपदा ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न की गई, जिसका उद्देश्य निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का मूल्यांकन करना था।
इस आपदा ड्रिल के लिए परिदृश्य “वन्स थ्रू हाइड्रोक्रेकर यूनिट (ओ एच सी यू ) के स्ट्रिपर (C-501) के आउटलेट स्ट्रीम से ओवरहेड वेसल (V-501) तक पूर्ण बोर रिलीज, जिसके परिणामस्वरूप हाइड्रोकार्बन और हाइड्रोजन सल्फाइड का रिसाव” निर्धारित किया गया था।
सुबह 11:18 बजे जैसे ही फायर अलार्म बजा, मुख्य अग्निशमन केंद्र और सैटेलाइट अग्निशमन केंद्र से दमकल गाड़ियाँ तत्काल मौके पर पहुँचीं, स्थिति का आकलन किया और प्रभावित क्षेत्र में वोटर करटेइन बनाना शुरू किया। सभी अग्निशमन कर्मी इस दौरान स्व-निहित श्वासयंत्र (एस सी बी ए) पहने हुए थे। फायर एवं सेफ्टी विभाग के शिफ्ट इंचार्ज ने यूनिट के शिफ्ट इंचार्ज से समन्वय स्थापित कर वेसल V-501 और फर्नेस के जल स्प्रे सिस्टम को संचालित कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। यूनिट इंचार्ज, डीजीएम (प्रॉडक्शन), डीजीएम (फायर एण्ड सेफ़्टी) तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मेंटेनेंस विभाग भी तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे।

स्थिति का आकलन करने के बाद, F&S समन्वयक और यूनिट इंचार्ज ने इसे “मेजर इमरजेंसी” घोषित किया और सुबह 11:32 बजे एल -1 सायरन बजाया गया। सायरन सुनते ही फायर एंड सेफ्टी के महाप्रबंधक, साइट इंसीडेंट कंट्रोलर (एस आई सी), चीफ इंसीडेंट कंट्रोलर (सी आई सी) और अन्य आपातकालीन समन्वयक घटनास्थल पर पहुँचे। इस बीच, रिसाव के कारण गैस डाउनविंड दिशा में फैलने लगी। जब स्थिति और अधिक गंभीर हो गई, तो सुबह 11:43 बजे सीआईसी ने कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख (ईडी & आरएच) को सूचना दी। (ईडी & आरएच) के परामर्श से सीआईसी ने इस घटना को “ऑनसाइट डिज़ास्टर (एल-2)” घोषित किया।
इसके बाद, आपदा प्रबंधन योजना सक्रिय की गई और आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं आपदा प्रबंधन योजना के तहत समन्वयक अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर तैनात हो गए। आसपास की यूनिट्स और फैब्रिकेशन यार्ड से कर्मियों का सुरक्षित निकास कराया गया। ओ एच सी यू यूनिट का आपातकालीन शटडाउन डीसीएस से शुरू किया गया, और उत्पादन कर्मियों ने डिप्रेसराइज़ेशन प्रक्रिया शुरू की। घटना की गंभीरता को देखते हुए एम.एल. डहरिया, कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख भी मौके पर पहुँचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लिया। निरंतर प्रयासों के बाद, लगभग एक घंटे में स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में लाया गया, और दोपहर 12:35 बजे “ऑल क्लियर” घोषित किया गया।
इस आपदा ड्रिल के दौरान विभिन्न आपातकालीन समन्वयकों ने अपनी भूमिकाएँ अत्यंत प्रभावी ढंग से निभाईं। रिफाइनरी के परस्पर सहयोगी संगठनों, पानीपत थर्मल पावर स्टेशन एवं नेशनल फर्टिलाइज़र लिमिटेड से भी अग्निशमन दल को सतर्क किया गया और वे रिफाइनरी परिसर में पहुँच गए।
इस आपदा ड्रिल के बाद समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में आपातकालीन तैयारी योजना में और सुधार के लिए आपातकालीन समन्वयकों द्वारा दी गई रिपोर्ट की समीक्षा एम.एल. डहरिया तथा संबन्धित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की गई। एम.एल. डहरिया ने इस मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के लिए किए गए प्रयासो की सराहना करते हुए इसमें और अधिक सुधार लाने के लिए नवीन उपयोगी सुझाव भी दिए।
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