आंगनवाड़ी केंद्रों व स्कूलों में पोषण की जागरूकता को लेकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन
BOL PANIPAT : 15 सितंबर-महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों व स्कूलों में पूरा महीना पोषण की जागरूकता को लेकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। डीसी सुशील सारवान ने बताया कि विभाग की ओर से महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के स्तर को कम करने के लिए और उसे कुपोषण से पोषण की ओर ले जाने के लिए से जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे पोषण अभियान के तहत किशोरियों को स्वच्छता, खान-पान, महिलाओं एवं बच्चों में रक्त की कमी से होने वाले अनीमिया रोग से बचाव के साथ-साथ खून की कमी को दूर करने के बारे विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि विभाग की सभी अधिकारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हर घर में पोषण की अलख जगाने के लिए कहा है। हमें अपने शरीर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता को अपनाने से हम संक्रामक रोगों के बच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को विशेष तौर पर किस प्रकार से कुपोषण से पोषण की ओर लेकर जाना है, इसके लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इस अभियान से जन सामान्य को जोडऩे के लिए उन्हें कम लागत में पौष्टिक आहार किस प्रकार से बनाया जाए , इसकी जानकारी दी जा रही है। पौष्टिक आहार के लिए मंहगे पदार्थों की आवश्यकता नहीं है, केवल सही मात्रा में पोषण से ही आहार को पूर्ण पोषक आहार बनाया जा सकता है। यदि ग्रहणी को पोषण की सही जानकारी हो तो वह घर में उपलब्ध साग, सब्जियां, दालों, फलाहार से ही पौष्टिक आहार तैयार कर सकती है।
महिला एवम बाल विकास विभाग द्वारा चलाए गए पोषण अभियान की जिला समन्वयक डॉ श्रेया मिड्ढा ने जानकारी देते हुए बताया कि एनीमिया को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सरसों, मैथी, बथुआ और गाजर चुकंदर आदि का सेवन करना चाहिए। इनके साथ भोजन में विटामिन-सी एवं ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नींबू, मौसमी, आवंला और संतरा आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, घर में लोहे से बने बर्तन जैसे कढ़ाई का प्रयोग करना चाहिए, लोहे की बनी कढ़ाई में हरी पत्तेदार सब्जी बनानी चाहिए। पत्तेदार, हरी सब्जी को पहले धोना चाहिए। आयरन की कमी होने पर बच्चों को आयरन एवं कैल्सियम की गोलियां खिलाई जा सकती है।
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