Saturday, April 19, 2025
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एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में रील मेकिंग स्किल कोर्स की विधिवत शुरुआत 

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at March 28, 2025 Tags: , , , ,

श्री शीतल दास जैन फाउंडेशन के तत्वाधान और सहयोग से चलाया जा रहा रील मेकिंग स्किल कोर्स 

श्री शीतल दास जैन फाउंडेशन उच्च शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक प्रतिभावान परन्तु आर्थिक अभाव से जूझ रहे विद्यार्थियों की मदद को सैदेव तत्पर: कपिल जैन

डिजिटल युग में क्रिएटिव करियर में रील मेकिंग स्किल बेहद महत्वपूर्ण है: आदित्य सेठ   

रील्स का नया और अलग कंटेंट हमेशा ज्यादा पसंद किया जाता है: डॉ अख्लाख अहमद उस्मान  

BOL PANIPAT, 28 मार्च, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में रील मेकिंग कोर्स की विधिवत शुरुआत हुई जिसमें कॉलेज के लगभग 300 छात्र-छात्राओं ने रूचि के साथ बढ़-चढ़ कर भाग लिया । विद्यार्थियों को व्यावहारिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण नॉएडा से पधारे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्म मेकर आदित्य सेठ और डॉ अख्लाख अहमद उस्मान ने दिया । कोर्स में बतौर बिशिष्ट मेहमान कपिल जैन मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शीतल दास जैन फाउंडेशन और टीपी गोयल डायरेक्टर स्कालरशिप विभाग श्री शीतल दास जैन फाउंडेशन ने शिरकत की और प्रतिभागियों का हौंसला बढाया । मेहमानों का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा और कोर्स-कोऑर्डिनेटर डॉ मोनिका खुराना ने पौधे रोपित गमलें भेंट करके किया । विदित रहे कि सोशल मीडिया के दौर में रील मेकिंग एक बेहद लोकप्रिय और क्रिएटिव स्किल बन चुकी है । इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब शॉर्ट्स और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म पर शॉर्ट वीडियो का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है । अगर कोई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना चाहता हैं, डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाना चाहता हैं, या केवल क्रिएटिविटी के लिए वीडियो बनाना पसंद करता हैं तो रील मेकिंग कोर्स उसके लिए बहुत फायदेमंद है । आज की कार्यशाला में रील मेकिंग कोर्स क्या है, इसमें क्या सिखाया जाता है, इसके ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प कौन से है,  इसके आवश्यक टूल्स कौन से है और इसमें करियर की क्या-क्या संभावनाएं है: ऐसे अनेक विषयों पर विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को टिप्स दिए ।

आदित्य सेठ ने बताया कि रील मेकिंग कोर्स एक ऐसा ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसमें विद्यार्थियों को शॉर्ट-फॉर्म वीडियो क्रिएशन की पूरी प्रक्रिया सिखाई जाती है । इस कोर्स में विद्यार्थी वीडियो शूटिंग की तकनीक, एडिटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन, क्रिएटिव ट्रेंड्स और स्टोरीटेलिंग, सोशल मीडिया एल्गोरिदम और वायरल वीडियो स्ट्रेटेजी, ऑडियो इफेक्ट्स और ट्रांजिशन का सही उपयोग जैसी तकनीकों को समझते है । यह कोर्स शुरूआती सिखने वालों से लेकर एडवांस लेवल तक सभी के लिए फायदेमंद होता है । रील मेकिंग कोर्स में  वीडियो शूटिंग एवं प्रोडक्शन, मोबाइल एवं कैमरा से हाई-क्वालिटी वीडियो शूट करना, लाइटिंग सेटअप एवं फ्रेमिंग टेक्निक्स, स्टेबलाइज़ेशन एवं कैमरा मूवमेंट,  वीडियो एडिटिंग एवं पोस्ट-प्रोडक्शन, बेस्ट वीडियो एडिटिंग ऐप्स और सॉफ्टवेयर (जैसे कैपकट, वीएन, एडोब प्रीमियर प्रो, फाइनल कट प्रो), ट्रांजिशन एवं स्पेशल इफेक्ट्स, म्यूजिक एवं साउंड इफेक्ट्स जोड़ना,  कंटेंट प्लानिंग एवं स्क्रिप्टिंग जैसे तरीके सिखाये जाते है ।

डॉ अखलाख अहमद ने समझाया कि रील मेकिंग सीखने के लिए हमारे पास ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं । अच्छी रील बनाने के लिए हेमिन कुछ जरूरी टूल्स की आवश्यकता पड़ती है जैसे कैमरा, मोबाइल, आई-फ़ोन या उच्च गुणवत्ता का एंड्राइड फ़ोन, डीएसएलआर या मिररलेस कैमरा, स्टेबिलाइजर, ट्राइपॉड, गिंबल, बेसिक ट्राइपॉड, एडिटिंग सॉफ्टवेयर एवं ऐप्स, मोबाइल के लिए कैपकट, किनेमास्टर, माइक एवं लाइटिंग, लैवेलियर माइक, एलईडी लाइट्स और रिंग लाइट जैसे संसाधन होने चाहिए । रील मेकिंग में करियर की अपार संभावनाएं है । अगर हम अपनी रील्स को वायरल करना चाहते हैं तो हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ।  हमें ट्रेंडिंग टॉपिक्स को फॉलो करना चाहिए और हमें इन्स्टाग्राम के ट्रेंडिंग साउंड्स और टॉपिक्स पर वीडियो बनाना चाहिए । हमें अपनी वीडियो की क्वालिटी अच्छी रखनी चाहिए क्यूंकि साफ़ वीडियो और ऑडियो को अधिक लोग फॉलो करते है । हमें छोटे और मनोरंजक कंटेंट बनाने चाहिए जिनकी अवधि 15 से 30 सेकंड तक की हो क्यूंकि छोटी रील्स ही ज्यादा लोकप्रिय होती हैं । हमें अपना कैप्शन और हैशटैग सही चुनना चाहिए । फिर हमें निरंतर वीडियो अपलोड करना चाहिए क्यूंकि इससे फॉलोअर्स बढ़ते हैं । हमारा नया और अलग कंटेंट हमेशा ज्यादा पसंद किया जाता है ।

कपिल जैन मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शीतल दास जैन फाउंडेशन ने कहा कि साल 2022 में रिषभ कुमार और सुरेन्द्र कुमार के मन में भाव पैदा हुआ कि जिस तरह से उनके पिता के पास उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण कराने के लियें अधिक सुविधायें नहीं थी, तो ऐसे कितने बच्चे होंगे जो आज के समय में उच्च सिक्षा ग्रहण करना चाहते है लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे पढ़ नहीं पातें है । एसएसडीजे फाउंडेशन एक पारिवारिक ट्रस्ट है जो अपने स्वयं के फंड का उपयोग करता है और परिवार के सदस्यों द्वारा इसकी देखरेख की जाती है । यह किसी भी बाहरी फंडिंग की मांग नहीं करता है । इसका उद्देश्य उन उत्सुक, महत्वाकांक्षी, प्रतिभाशाली शिक्षार्थियों की पहचान करना है जो सामाजिक, आर्थिक या अन्य बाधाओं के कारण अपनी शैक्षणिक खोज से वंचित हो जाते हैं । फिर उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता और सलाह देकर उनकी मदद की जाती है । इसका लक्ष्य शिक्षा, विशेष कोचिंग, ट्यूशन सहायता और कौशल विकास प्रदान करना है ताकि जरूरतमंद बच्चों की क्षमता को बढ़ाया जा सके जिससे वे अपने अधिक संपन्न समकक्षों के बराबर प्रतिस्पर्धा कर पाए । समान लक्ष्य रखने वाले अन्य संगठनों के साथ साझेदारी सहित प्रभावशाली कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और उनमें भाग लेना भी इस संस्था का एक उद्देश्य है ।

डॉ मोनिका खुराना ने कहा कि अगर हम डिजिटल युग में क्रिएटिव करियर बनाना चाहते हैं तो रील मेकिंग स्किल बेहद महत्वपूर्ण है । चाहे हम एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना चाहते है या डिजिटल मार्केटिंग में काम करना चाहते है या सिर्फ शौक के लिए वीडियो बनाना चाहते है – रील मेकिंग कोर्स हम में हर जरूरी स्किल सिखाता है । अगर हम शुरुआत करना चाहते हैं तो हमें फ्री यू ट्यूब ट्यूटोरियल्स देखने चाहिए या किसी प्रोफेशनल कोर्स से जुड़ना चाहिए । धीरे-धीरे प्रैक्टिस और एक्सपेरिमेंट के जरिए हम एक सफल रील क्रिएटर बन सकते हैं ।

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