श्री शक्तिपीठ संकट मोचन हनुमान मन्दिर, वार्ड नं. 9 का 57वाँ वार्षिकोत्सव प्रारंभ हुआ।
BOL PANIPAT : श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में श्री शक्तिपीठ संकट मोचन हनुमान मन्दिर, वार्ड नं. 9 का 57वाँ वार्षिकोत्सव प्रारंभ हुआ। तपोवर हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण श्री गीताभागवत व्यास डा. श्री स्वामी दिव्यानंद जी महाराज जी के सान्निध्य में सर्वप्रथम ध्वजारोहण एवं दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि महेन्द्र सेठी ने किया। ध्वजारोहण के साथ शहनाई की मधुर धुनों के बीच पावन कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। श्री हनुमान चालीसा के अंतर्गत चौपाई ‘राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा’ की व्याख्या करते हुए स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज ने बताया कि श्री हनुमान जी के पास रामनाम की औषधि है, श्री हनुमान जी हमेशा अपने प्रभु श्रीराम जी की सेवा में तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म का पहला लक्षण ही धीरज को धारण करना है। इसके विपरीत यदि उतावलेपन में कोई निर्णय लिया तो फिर पछताना पड़ता है। जो बातें पवित्रता के कारण कहीं गई थी वहां स्त्री पुरूष का भेद खड़ा कर दिया। पूजा के नाम पर प्रातः सायं के नाम पर विवाद खड़े करना भी बेतुकी बातें हैं। हनुमान जी को तत्व से पहचानना चाहिए। साधारण लोगों की सोच है कि हनुमान जी प्रातः राम सेवा पूजा में होते हैं इसलिए उनकी पूजा प्रातःकाल नहीं करना चाहिए। तब ऐसे लोगों से पूछो हनुमान जी दोपहर को क्या करते हैं वे तो प्रतिपल राम सेवा पूजा में तल्लीन रहते हैं। जब अवध में उनको कोई भी सेवा नहीं मिली थी तो उन्होंने जम्हाई लेते समय चुटकी बजाने वाली ही सेवा ले ली। इस अवसर पर एम.डी. स्कूल के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति दी। इस अवसर पर प्रधान हेमन्त लखीना, पंकज सेठी, अशोक चुघ, संत लाल जुनेजा, महेश जुनेजा, वेद सेठी, महिंद्र जुनेजा, श्रवण लखीना, पंकज ढींगड़ा, अमित जुनेजा, अश्वनी लखीना, रवींद्र गांधी, प्रिंसिपल कुसुम धीमान आदि उपस्थित थे।
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