पाइट में देश के प्रिंसिपल बोले- आजीवन सीखते रहने वाले ही आगे बढ़ते हैं.
-एजुलीडर समिट में अलग-अलग राज्यों से पहुंचे प्रिंसिपल, स्किलहब पर हुई चर्चा
BOL PANIPAT : समालखा – पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियिरंग एंड टेक्नॉलोजी (पाइट) में देशभर के प्रिंसिपलों ने कहा कि जो छात्र और शिक्षक आजीवन सीखते हैं, वही कामयाब होते हैं। शिक्षक समाज की नींव को मजबूत करते हैं। छात्र आगे चलकर देश का भविष्य बनते हैं। इसलिए सीखना बेहद आवश्यक है। दरअसल, अवसर था एजुलीडर्स समिट का। राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश से लेकर बिहार और अन्य राज्यों से पहुंचे प्रिंसिपल ने यह भी जाना कि स्कूल को कैसे स्किलहब बनाया जा सकता है।
पाइट के वाइस चेयरमैन ने कहा कि स्थिरता, नवाचार, मूल्य, समग्र विकास, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, और सहयोग इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय रहा। 15 राज्यों के 30 विभिन्न शहरों से आए लगभग 70 प्रिंसिपल व स्कूल शिक्षकों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर चर्चा की। नॉर्थ इंडिया में पाइट ऐसा कॉलेज रहा, जिसे सीबीएसई ने स्किल एजुकेशन रिसोर्स इंस्टीट्यूट के रूप में चुना। स्कूल के प्रिंसिपलों को कॉलेज में आमंत्रित किया। पतंजलि ग्रुप के स्कूल प्रोजेक्ट्स के निदेशक कुलभूषण कैन और डीपीएस ग्रेटर नोएडा की प्रधानाचार्या संध्या अवस्थी के बीच स्थायी भविष्य विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ। संध्या अवस्थी ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य को शैक्षिक प्रणालियों में एकीकृत किया जाना चाहिए। नैतिक मूल्यों और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ाना आवश्यक है। केवल तकनीकी नवाचार से सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती। हर आविष्कार समाज और पर्यावरण के हित में हो। तभी वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों का जीवन बेहतर हो सकेगा।
पाइट से स्टार्टअप सेल की प्रमुख डॉ. शक्ति अरोड़ा ने कहा कि इंडस्ट्री में जिस स्किल की डिमांड है, स्कूल व कॉलेज में वही पढ़ाया जाना चाहिए। फ्लिप्ड लर्निंग जैसे प्रयोग करने होंगे। पाइट के सचिव सुरेश तायल ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के मानसिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अपने लक्ष्य पर फोकस करें। सफलता जरूर मिलेगी। डीपीएस रिफाइनरी स्कूल से सुरेंद्र पी. सचदेवा, नव्या चिल्ड्रन स्कूल दिल्ली से ओशिमा माथुर, डीएवी स्कूल गुरुग्राम से प्राचार्य चारु, ब्ल्यू बेल मॉडल स्कूल गुरुग्राम से प्रिंसिपल अल्का सिंह और एजुकेशनल कंस्लटेंट मंजू राणा 360-डिग्री आइडिया जेनरेशन पर पैनल डिस्कशन किया।
पैनलिस्टों ने भगवान श्रीकृष्ण की तरह निष्पक्ष होने और समाज के कल्याण के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पहले खुद को बदलना चाहिए। शिक्षकों और छात्रों दोनों को आजीवन सीखते रहना चाहिए। उन्होंने यह भी चर्चा की कि शिक्षा को केवल डिजिटल उपकरणों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
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