डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग से 1 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पांचवा आरोपी राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार।
-ठगी गई राशि में से अब तक 27.50लाख रूपए बरामद कर पीड़ित के खाते में वापिस करवाए जा चुके है।
BOL PANIPAT : 05 अप्रैल 2025, पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह आईपीएस के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने सलारगंज बाजार निवासी बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले गिरोह के पांचवे आरोपी को शुक्रवार को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान अरविंद निवासी विकास नगर हिरापुर वैशाली नगर जयपुर राजस्थान के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपी ने बताया उसने गिरोह के शामिल आरोपियों के कहने पर अन्य युवक को झूठ बोलकर उसका बंधन बैंक में खाता खुलवाकर गिरोह के साथी आरोपियों को 10 हजार रूपए में बेचा था। आरोपी ने खाता बेचकर हासिल की नगदी खाने पीने में खर्च कर दी। बुजुर्ग से ठगी गई राशि में से 2 लाख रूपए इस खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपियों उक्त खाते से नगदी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर निकाल ली थी। पूछताछ में बाद आरोपी को पुलिस बेल पर छोड़ा गया। गिरोह के अन्य आरोपियों को भी जल्द की गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
थाना साइबर क्राइम प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने बीते दिनों बुजुर्ग से जिटिल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर आरोपी टीपू सुलतान को गुरूग्राम जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। आरोपी प्रकाश चोधरी को राजस्थान के जोधपुर से आरोपी मोहसिन सिदकी को दिल्ली से व अरोपी पंकज को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
पूछताछ में आरोपी टीपू सुलतान निवासी सफीपुर हुसैनपुर मुजफ्फरनगर यूपी हाल गुरूग्राम सेक्टर 25 गुरूग्राम ने बताया था वह डीबीएस बैंक में काम करता है। आरोपी ने डीबीएस बैंक में जनता गैरेज के नाम से बंद पड़े एक करंट अकाउंट की मेल आईडी व फोन नंबर बदलकर आरोपी मोहसिन सिदकी निवासी बाडा हिंदू राव दिल्ली को उक्त खाता 5 लाख रूपए में बेचा था।
ओरोपी मोहसिन सिदकी ने उक्त खाता आरोपी प्रकाश चौधरी निवासी डांगीवास जौधपुर व राजस्थान निवासी एक अन्य साथी आरोपी को दिया था। आरोपी प्रकाश चौधर ने उक्त खाते की जानकारी आगे गिरोह के अन्य सदस्यों को दे दी।
बुजुर्ग से ठगी गई राशि में से डीबीएस बैंक के उक्त खाते में 65 लाख रूपए गए थे। पुलिस ने खाते में बचे 15 लाख 33 हजार रूपए पीड़ित के खाते में वापिस करवा दिए थे।
प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि आरोपी मोसिन सिदकी को बैंक खाते की एवज में पांच लाख रूपए व आरोपी प्रकाश चौधरी को 50 हजार रूपए मिले थे। दोनों आरोपियों ने ज्यादातर पैसे खर्च कर दिए। वही आरोपी टीपू सुलतान ने पूरी राशि खर्च कर दी थी।
आरोपी पंकज निवासी चंद्र विहार फैजलपुर ईस्ट दिल्ली ने पूछताछ में बताया था उसने गिरोह में शामिल आरोपियों के कहने पर आईसीआईसीआई बैंक के खाता को लॉगइन कर जानकारी आगे दी थी। इसके लिए उसे 20 हजार रूपए कमीशन मिला था। जो पैसे उसने खाने पीने में खर्च कर दिये थे।
बुजुर्ग से ठगी गई राशि में से 12 लाख रूपए आईसीआईसीआई बैंक के उक्त खाता में ट्रांसफर हुए थे। शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत खाते को फ्रिज करवा राशि पीड़ित के खाते में वापिस मंगवा दी थी।
पुलिस ने चारों आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त 2 मोबाइल फोन व 11 हजार 500 बरामद कर पूछताछ के बाद चारों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश कर जहा से उन्हें जेल भेजने के बाद गिरोह में शामिल फरार अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
यह है मामला
थाना साइबर क्राइम में सलारगंज बाजार निवासी मुकेश गर्ग ने पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि 7 दिसम्बर 2024 को दोपहर करीब 12:15बजे उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा वह आरबीआई से बोल रहा है। कहा तुम्हारे नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमें आपके दस्तावेज का इस्तेमाल हुआ है। इससे 2 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी हुई है। 8 दिसम्बर को देर शाम करीब 10रू09 बजे उसके पास वॉटसअप पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा वह मुंबई पुलिस से बोल रहा है। आपके नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमे आपके दस्तावेज प्रयोग हुए है। जिसके लिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। उसने करीब 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल कर बंधक बनाकर रखा। उसने कहा इससे बचना है तो एक करोड़ रूपए दे दो। उसने डरकर यह राशि ट्रांसफर करा दी। जब उसने यह बात अपने आस पास के लोगों को बताई तो उसे अहसास हुआ की उसके साथ ठगी हुई है। अज्ञात आरोपियों ने सरकारी अधिकारी बनकर उससे धोखाधड़ी कर 1 करोड़ रूपए की ठगी कर ली।
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