हर विद्यालय में सैनिटरी पैडस वेंडिंग मशीन और निस्तारण मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए :- संजय कुमार
BOL PANIPAT : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और एम डी डी आफ इंडिया, स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चुलकाना में स्वास्थ्य सखी अभियान के तहत छात्राओं को किशोरी स्वास्थ्य और बाल विवाह के खिलाफ जानकारी दी गई।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार समालखा खंड के सभी सरपंचों, ग्राम सचिवों और पंचायत सदस्यों कार्यकर्ताओं के साथ खंड कार्यालय में बाल विवाह अधिनियम 2006 पर ट्रेनिंग का आयोजन।
सभी सरपंचों और ग्राम सचिवों, स्कूली छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों को अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देकर उनको बाल विवाह की रोकथाम करने और किसी भी बाल विवाह में शामिल न होने की शपथ दिलाई गई।
पानीपत के समालखा खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय तथा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चुलकाना में एम डी डी आफ इंडिया के जिला समन्वयक संजय कुमार द्वारा बाल विवाह मुक्त जिला बनाने को लेकर ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अक्तूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक निर्णय के दिशानिर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और एमडीडी ऑफ इंडिया, बाल विवाह निषेध अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग , शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है ताकि पानीपत जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
उपस्थित सरपंचों और ग्राम सचिवों, स्कूली छात्राओं एवं शिक्षकों को विस्तार से बाल विवाह के दुष्परिणामों तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम के बारे में बताया गया।
जिला समन्वयक संजय कुमार ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या उसको बढ़ावा देता है या उसमें सहायता करता है तो 112 नम्बर व 181नम्बर पर फोन करके सुचित करें। बाल विवाह करवाने वाले को 2 साल की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माना भी लग सकता है या दोनों भी हो सकते हैं। बाल विवाह रूपी बुराई को जड़ से खत्म करना जरूरी है , तभी लड़कियों के सपने साकार होंगै। बाल विवाह होने से लड़कियों का बचपन भी उनसे छिन जाता तथा जल्द शादी से लड़किया शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो जाती है,ऐसे में बाल विवाह के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है; तभी लड़कियां अपने बचपन को अपने इच्छा अनुसार जी पाएगी। इस मुहिम में सरपंचों, ग्राम पंचायत सदस्यों और सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे अपने गांवों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करें और उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर उनका लाभ दिलाएं ताकि बाल विवाह को खत्म किया जा सके।
सभी ने एक स्वर से शपथ ली कि वे किसी भी ऐसी शादी में शामिल नहीं होंगे जिसमें वर या वधु की उम्र कम हो और ऐसी शादियां रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे ताकि बच्चों के भविष्य को बचाया जा सके।
उन्होंने सभी सरपंचों और सचिवों को बाल विवाह के खिलाफ मैरिज रजिस्टर को नियमित करने और ग्राम स्तरीय बाल अधिकार सुरक्षा कमेटी का गठन करने को हर ग्राम परिषद की मीटिंग में एजेंडा बनाने के निर्देश दिए। महावटी सरपंच जयपाल, बिलासपुर सरपंच नवीन, कारकोली सरपंच मनीषा के अलावा सभी ग्राम सचिव आज ट्रेनिंग में उपस्थित रहे।
इसके अलावा चुलकाना के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एमडीडी ऑफ इंडिया से सामुदायिक कार्यकर्ता दीपिका ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ जागरूकता शिविर का आयोजन कर उन्हें बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई गई। एम डी डी ऑफ इंडिया पिछले कई वर्षों से बालाधिकारों को लेकर कार्यरत है और “न्याय तक पहुंच” कार्यक्रम के अंतर्गत बाल विवाह, बाल दुर्व्यवहार व बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए हुए है।
समालखा जनरल अस्पताल से एडोलसेंट हेल्थ काउंसलर सुमन ने छात्राओं को मासिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी और उन्हें साफ सफाई एवं पौष्टिक आहार संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोई भी किशोरी किसी भी समस्या और शंकाओं के समाधान के लिए उनसे मदद ले सकती है। उनका विभाग स्कूलों और गांवों में किशोरियों की किशोरावस्था के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर समय समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता है। एमडीडी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं द्वारा मनाना ईंट भट्टे पर किशोरियों और महिलाओं को माहवारी प्रबंधन पर जानकारी देकर सैनिटरी पैडस का वितरण भी किया गया।
प्रिंसिपल देवेंद्र राठी ने कहा कि एमडीडी ऑफ इंडिया की यह मुहिम बेहद सराहनीय है क्योंकि बाल विवाह लड़कियों की खिलाफ एक सामाजिक अपराध है और उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। हमें मिलकर इस कुरीति को जड़ से खत्म करना होगा। अध्यापक संजय गुप्ता, सुनीता, संध्या, बिंदिया और रीतू व चुलकाना गांव की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रही।
‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान 200 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों का गठबंधन है जो 2030 तक बाल विवाह के खात्मे के लिए पूरे देश में काम कर रहे हैं।
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