मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का कोविड अनाथ बच्चों को मिलेगा लाभ: उपायुक्त
BOL PANIPAT , 21 फरवरी। उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसे अनाथ बच्चों की हर तरह की मदद के लिए प्रदेशभर में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष तक 2500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बाल सेवा संस्थान में रहने वाले बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे , जिसमें 18 वर्ष की आयु तक 1500 रुपए जमा करवाने का प्रावधान किया गया है। इन बच्चों को सरकार ने अन्य खर्चों के लिए 12 हजार रुपये वार्षिक देने का निर्णय भी लिया है। किशोरियों को कस्तूरबा गांधी बाल विद्यालय में नि:शुल्क स्कूली शिक्षा दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त किशोरियों के खाते में 51 हजार रुपए जमा किए जाएंगे तथा विवाह के समय ब्याज सहित शगुन दिया जाएगा। बच्चों के माता – पिता अथवा उनमें से किसी एक के कोरोना के कारण निधन होने से जो बच्चे अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों के लालन – पालन पर बुरा असर पडना स्वाभाविक है। ऐसे अनाथ बच्चों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार उनकी देखभाल करेगी सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत यह प्रक्रिया पूरा करने के लिए ई – मेल पर भी आवेदन कर सकते हैं ।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा में नजदीकी केंद्रीय विद्यालय / निजी स्कूल में डे – स्कालर के रूप में दाखिला तथा निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आर.टी. ई के तहत फीस , वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार, 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, इत्यादि में दाखिला , निजी स्कूल में दाखिले के लिए पीएम केयर से आरटीई के तहत फीस, वर्दी , पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा दी जाएगी।
योजना के तहत 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना , बिना परिवार के बच्चों की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रतिमास 18 वर्ष तक की आयु तक , अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। इसी प्रकार 18 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान प्रतिवर्ष 12000 रुपये अन्य खर्चों के लिए भी सरकार द्वारा दिया जाएगा । 8 वीं से 12 वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को टेबलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
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