Sunday, April 20, 2025
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डॉ. रामजीलाल (पूर्वप्राचार्य, दयालसिंहकॉलेज, करनाल) द्वारा डॉ. भीमरावअंबेडकर – अतुलनीय भारत निर्माता के सन्दर्भ में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया

By LALIT SHARMA , in Uncategorized , at February 24, 2025

BOL PANIPAT : 24 फ़रवरी, 2025: स्थानीय आई.बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पानीपत के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आज एक विशेष आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें “डॉ. भीमराव अंबेडकर – अतुलनीय भारत निर्माता” विषय पर गहन चर्चा हुई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. रामजी लाल (पूर्व प्राचार्य, दयाल सिंह कॉलेज, करनाल) ने अपने विचार व्यक्त किए।

कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शशि प्रभा मलिक ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल भारत के संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि वे एक समाज सुधारक, शिक्षाविद् और महान चिंतक भी थे। उन्होंने जीवन भर शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। उनकी विचारधारा केवल संविधान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक विकसित, सशक्त और समानता पर आधारित समाज के निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन भी करती है।

डॉ. रामजी लाल ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण, भाषा, आरक्षण, नायक पूजा और राष्ट्र-निर्माण में आम आदमी का योगदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के योद्धा और भारत में लोकतंत्र को मजबूती देने वाले महान विचारक थे । उन्होंने यह भी बताया कि आज के समय में अंबेडकर के विचारों को समझना और अपनाना पहले से भी अधिक आवश्यक हो गया है। आज के युवा अगर उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात कर लें, तो एक प्रगतिशील और न्यायसंगत समाज का निर्माण संभव है। कॉलेज में ऐसे व्याख्यान आयोजित करना न केवल छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन्हें अपने सामाजिक दायित्वों को समझने की दिशा में भी प्रेरित करता है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ. किरण मदान ने की । अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी अपने मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वे शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार मानते थे और हमेशा समाज के वंचित वर्गों को शिक्षित करने के लिए प्रयासरत रहे। आज हमारे समाज में समानता, सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की जो चर्चा होती है, वह अंबेडकर के विचारों से ही प्रेरित है। हमें न केवल उनके विचारों को समझने की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारने का भी संकल्प लेना चाहिए।”

इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक खुशबू, राहुल,  विकास, मोहित और पूजा भी उपस्थित रहे । इसके साथ डॉ. पूनम मदान, डॉ. अर्पणा गर्ग, प्रो. सोनिया, डॉ. निधि, प्रो. हिमांशी भी विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित रहीं ।

कार्यक्रम में लगभग 160 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासाएँ व्यक्त करते हुए महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका डॉ. रामजी लाल ने विस्तारपूर्वक उत्तर दिया। चर्चा के दौरान संविधान, सामाजिक समानता और डॉ. अंबेडकर के विचारों की वर्तमान प्रासंगिकता पर विशेष जोर दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. किरण मदान ने सभी अतिथियों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सभी उपस्थित जनों ने इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया।

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