Friday, April 25, 2025
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अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस पर हुआ विस्तार व्याख्यान का आयोजन

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at February 13, 2025 Tags: , , , ,

BOL PANIPAT – वीरवार 13 फरवरी 2025, आर्य कॉलेज के जनसंचार विभाग के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस के अवसर पर एक दिवसीय विस्तार व्याख्यान का आयोजन करवाया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर सुप्रसिद्ध वाइस ओवर आर्टिस्ट निशा शर्मा ने शिरक्त की। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने मुख्य वक्ता का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पौधा देकर स्वागत किया और साथ ही जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश गाहल्याण, प्राध्यापक शिवांक रावल, केशव शर्मा प्राध्यापिका ग़ज़ल पांचाल व सोनू अठावले को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने अपने संबोधान में बताया कि 2011 में यूनेस्को सदस्य देशों द्वारा और 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अनुमोदित 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की थी। डॉ. गुप्ता ने बताया कि 19 वीं शताब्दी से विकसित होते हुए रेडियो ने विज्ञान, संचार व ऑडियो कार्यक्रमों से होते हुए एफएम से लेकर वर्तमान में पोडकास्ट तक का सफर तय करते हुए लोगों के दिलों में अपनी छाप छोडी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज के समय में जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए रेडियो के क्षेत्र में रोजगार के बहुत सारे अवसर हैं, बस इसके लिए विद्यार्थियों को निरंतर अपने अपनी आवाज के साथ-साथ अपनी स्किल्स पर काम करने की आवश्यकता है।

मुख्य वक्ता निशा शर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि अगर हमे जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल करना है तो वह केवल और केवल कड़ी मेहनत और परिश्रम से ही संभव हो पाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी आवाज़ को बेहतर बनाने के लिए बहुत सी वॉयस एक्सर्साइज़ भी बताई कैसे हम अपनी आवाज़ में और ज्यादा निखार ला सकते है। उन्होंने बताया की एक अच्छी आवाज के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के वॉयस मॉड्यूलेशन पर नियंत्रण भी वॉयस-ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए प्राथमिक आवश्यकताएं होती हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया की भाषा और व्याकरण का अच्छा ज्ञान होना और उच्चारण पर उचित नियंत्रण होना एक अच्छा वॉयस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए कितना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की आज के दौर मे पढ़ाई के साथ-साथ स्किल्स का भी होना बहुत जरूरी है। अगर हम अपनी स्किल्स पर फोकस नहीं करेंगे तो हम भविष्य में आने वाले अवसरों से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा की अगर हमारे पास किसी काम को करने का जूनून और लगन है तो हम हर एक मंजिल को प्राप्त कर सकते है।

जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश गाहल्याण ने बताया कि जब 1987-88 में टेलीविजन घर-घर पहुंचने लगा और केबल की शुरूआत हुई तो लोगों के मन में ये धरणा बनना शुरू हो गई थी के अब रेडियो का समय खत्म हो गया है लेकिन 2001 में जब प्राइवेट एफ.एम शुरू हुआ तो लोगों की यह धारणा गलत साबित हुई। उन्होंने बताया की आज स्मार्ट फोन के समय में भी रेडियो पोडकास्ट व एफ.एम के माध्यम से लोगों का ज्ञान अर्जन व मनोरंजन कर रहा है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने यह भी बताया कि जनसंचार विभाग द्वारा कॉलेज प्रांगण में रेडियो प्रेरणा चलाया जा रहा है जिसमें पूरे कॉलेज प्रांगण स्पीकर लगाए गए हैं। कॉलेज के हर छाटे-बडे अवसर पर महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ-साथ हर त्यौहार पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।

कार्यक्रम में मंच संचालन प्राध्यापक केशव शर्मा ने किया।

इस अवसर पर जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश गाहल्याण, प्राध्यापक शिवांक रावल, केशव शर्मा, प्राध्यापिका ग़ज़ल पांचाल व सोनू अठावले मौजूद रहे।

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