एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में परम पूज्य राष्ट्र संत स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज का कल होगा शुभागमन एवं आशीर्वचन
-श्री एसडी एजुकेशन सोसाइटी (रजि.) पानीपत एवं संचालित संस्थाओं को प्राप्त हुआ स्वामी जी का परम सानिध्य
-स्वामी जी के हाथों ही हुआ था माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उपवास पूर्ण
BOL PANIPAT , 02 मार्च, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में परम पूज्य राष्ट्र संत स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज का कल शुभागमन एवं आशीर्वचन होगा जो पानीपत के प्रत्येक निवासी के लिए गर्व और उत्सव का विषय है । परम पूज्य स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज वर्तमान में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के कोषाध्यक्ष है । 22 जनवरी 2024 को जब अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था तब देश के करोड़ों लोगों ने इस महान संत के संबोधन को देखा और सुना । इन्होनें ही माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उपवास पूर्ण करवाया था । परम पूज्य राष्ट्र संत स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज का दशकों से जीवन सनातन धर्म को अर्पित और समर्पित है और इनके मार्गदर्शन में अनेक संस्थाएं, प्रकल्प और व्यवस्थाएं सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित है । परम पूज्य राष्ट्र संत स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज का कल कॉलेज प्रांगण में प्रात: 11 बजे शुभागमन है और उनके आगमन का मुख्य ध्येय हमारी शिक्षा को सनातन धर्म युक्त बनाना है । हमारे युवा संस्कार युक्त बने और अपने संस्कारों से कदापि भ्रमित न हो यही सन्देश स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज वर्तमान के युवा वर्ग में पैदा करना चाहते है । युवा आधुनिक शिक्षा अवश्य प्राप्त करे परन्तु वह अपने संस्कारों की जड़ों से जुड़ा रहे यही सन्देश स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज युवा वर्ग तक पहुंचाना चाहते है । आधुनिक शिक्षा के साथ साथ युवा धर्मानुकुल शिक्षा प्राप्त करे और शिक्षा सनातन धर्म संस्कार युक्त हो यही स्वामी जी की शिक्षा की परिकल्पना है । शिक्षा में सनातन धर्म समावेशी हो और आज का युवा संस्कार युक्त आधुनिक शिक्षित बने ऐसे विचार लेकर स्वामी जी कॉलेज प्रांगण में पधार रहे है । यहाँ इस बात का उल्लेख करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है परम पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन में अंसल सुशांत सिटी पानीपत में श्री बांके बिहारी मंदिर एवं मंदिर प्रांगण में श्री कृष्ण वेद विधालय संचालित है । संचित शुभ कर्मों के परिणाम स्वरूप पूज्य गुरुदेव के दर्शन एवं आशीर्वाद के शुभ अवसर पानीपत के समस्त नागरिकों को शुभकामना । आज का दिन कॉलेज और पानीपत जिले के लिए ऐतिहासिक और पावन होगा । समस्त एस डी एजुकेशन सोसाइटी और इसके पदाधिकारी स्वामी जी के पानीपत आगमन पर उत्सुक और गदगद है ।
डॉ अनुपम अरोड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से स्वामी जी द्वारा किये गए समाज और धर्म हित के कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि पूज्य स्वामी जी संन्यासपूर्ण अवस्था से ही भारतीय संस्कृति की विविध आवश्कताओं के अनुसार अनेक कार्य किसी भी शासकीय सहायता के बिना केवल जनाश्रय से सफलतापूर्ण चलाये है । बाल संस्कार कार्यों में स्वामीजी ने लर्नगीता डॉट कॉम के माध्यम से 182 देशों के 13 लाख से अधिक आबालवृद्धों को 13 भाषाओं में प्रतिदिन 2700 ऑनलाइन कक्षाओं द्वारा श्रीमदभागवतगीता की संथा एवं अर्थ निरूपण सिखाया है । विभिन्न पुरस्कारों और विभूतियों से अलंकृत स्वामी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज इस राष्ट्र का गौरव और पहचान है । स्वामी जी कहते है कि हमारे प्राचीन ऋषियों और मुनियों द्वारा बताए गए कुछ निर्देशों को समझना और आत्मसात करना हमें उस आत्म-लगाए गए बंधन से मुक्त कर सकता है जो हमें अपने व्यक्तित्व की पूरी सीमा को समझने से रोकता है । यह वह ज्ञान है जिसे स्वामीजी अपने अनुयायियों में भरना चाहते हैं ताकि उन्हें आध्यात्मिक प्राणी के रूप में अपने पूर्ण कद तक बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके जो बदले में सांसारिक उपलब्धियों की पराकाष्ठा को उनकी पहुँच में लाता है । इस बात को दोहराते हुए कि हमारे शास्त्रों में निहित ज्ञान के मोती समय और स्थान की बाधाओं को पार करते हैं स्वामीजी आधुनिक जीवनशैली में आत्म-अनुशासन और आत्म-संयम के महत्व पर जोर देते हैं – ख़ास तौर पर ऐसे मूल्य जो वर्तमान समय में कम होते जा रहे हैं और जिन्हें फिर से जगाने की आवश्यकता है । इस लक्ष्य की ओर, स्वामीजी अपने अनुयायियों को संतुलित जीवन जीने और स्वाध्याय का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं स्वामी जी कहते है कि हमें रामायण, भगवद गीता, महाभारत, उपनिषद आदि जैसे महाकाव्यों को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए ताकि हमारा मन सकारात्मक विचारों और दिव्यता के करीब बना रहे । स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरित होकर स्वामीजी का मिशन हमारे पूर्वजों के वैज्ञानिक विचारों और प्रथाओं में रुचि को पुनर्जीवित करना है । स्वामीजी अपना कर्तव्य एवं कर्मयोग इसे मानते हैं कि वे अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित करें और आध्यात्मिक जीवन शैली की ओर मोड़े । इस मिशन के तहत स्वामीजी भारत और विदेशों में लगातार भ्रमणशील रहते हैं, प्रवचन देते हैं, लोगों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं, उन्हें दुनिया को अलग और अधिक सकारात्मक रूप से देखने, मानवता की अच्छाई में विश्वास करने, प्रकृति के नियमों को समझने और तदनुसार अपनी जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं । स्वामीजी के मार्गदर्शन में स्वयंसेवकों का एक विशाल नेटवर्क – गीता परिवार – हमारे स्कूलों में भगवद गीता को बहुत सफलतापूर्वक पढ़ा रहा है । हमारे सैकड़ों स्कूली बच्चे अब न केवल श्रीमद्भगवद गीता के सभी 700 श्लोकों को कंठस्थ कर सकते हैं, बल्कि पवित्र ग्रंथ के समग्र संदेश को भी समझ सकते हैं । यह सबसे अच्छा उपहार है जो कोई अपने बच्चों को उनकी प्रारंभिक उम्र में दे सकता है । स्वामीजी द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त दान और निधियों को समाज के लाभ के लिए, उनके द्वारा स्थापित परियोजनाओं, संस्थाओं और संगठनों पर खर्च किया जाता है । ऐसे महान संत का कॉलेज और पानीपत में आगमन अपने आप में एक विलक्षण और विरल क्षण है ।
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