एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
-लगभग 500 विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने कार्यक्रम में लिया भाग
-जिस देश का प्रधानमन्त्री देश के बच्चों के प्रति इतना सवेदनशील एवं जिम्मेदार हो, यह उस देश के विकासशील से विकसित होने की गारंटी है: डॉ अनुपम अरोड़ा
BOL PANIPAT : 10 फरवरी. एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया जिसमें लगभग 500 विद्यार्थियों और एनएसएस स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया । उनके साथ प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा और स्टाफ सदस्यों ने भी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लिया । इस बार की ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली की सुंदर नर्सरी में किया गया जिसमें पीएम मोदी ने बच्चों से खुली और सहज बातचीत की । कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने ‘में परीक्षा पे चर्चा’ में शामिल हुए छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में पेड़ भी लगाया । पीएम मोदी ने कहा कि जैसे ये पेड़ लगाए है तो इन्हें पानी देने का क्या उपाय हो सकता है । उन्होंने कहा कि पेड़ के बगल में एक मिट्टी का मटका लगा देना चाहिए और उसमें एक महीने में पानी डालना चाहिए । सम्पूर्ण कार्यक्रम में व्यवस्था का जिम्मा कॉलेज एन एस एस स्वयंसेवकों ने निभाया ।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से एक छात्र ने पूछा कि उसे पेपर छूटने का डर रहता है । इस पर पीएम मोदी ने सलाह दी कि वह पिछले सालों के पेपर सॉल्व करें । इससे उसका डर खत्म हो जाएगा । उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को केवल उन सवालों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो महत्वपूर्ण हैं । खुद को मोटिवेट करने के लिए गोल्स बनाइए । उन्हें हासिल कर लेने के बाद खुद को रिवॉर्ड भी देना चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि कक्षा 10 और 12 के लगभग 40-50 प्रतिशत छात्र असफल होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यही उनका अंतिम लक्ष्य है । स्कूल में या जीवन में सफलता और असफलता के बीच अंतर को समझना जरूरी है । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिकेट के खिलाड़ी दिन के अंत में अपनी गलतियों पर विचार करते हैं और उन पर काम करते हैं । छात्रों को भी यही करना चाहिए । उनके अनुसार, आपके अंक आपको नहीं, बल्कि आपके जीवन को दिखाते हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को टेक्नोलॉजी के सही उपयोग के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी कोई खतरनाक तूफान नहीं है जो आपको गिरा देगा । इनोवेशन हमारी भलाई के लिए हैं । टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करें और अपने समय को बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचें । पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों को भी एक संदेश दिया । उन्होंने कहा कि हर बच्चा खास होता है और उनकी किसी दूसरे से तुलना मत करें । बच्चों के ऊपर प्रेशर मत डालिए ।

बच्चा खुद पहले से बेहतर करने और बनने की कोशिश करता है । परीक्षा से पहले स्ट्रेस के सवाल पर पीएम मोदी ने पूछा कि यह मुसीबत शुरू कहां से होती है । तनाव और डिप्रेशन होने के लक्षण नजर आने लगते हैं । अपने मन की दुविधाओं को लोगों के साथ बांटना सीखें । इससे मन शांत रहता है । साथ ही घर के किसी भी सदस्य से बात करें । क्रिकेटरों का उदाहरण देते हुए पीएम ने छात्रों को दबाव पर ध्यान न देने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि जिस तरह बल्लेबाज स्टेडियम में नारे और शोर को अनदेखा करके गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है उसी तरह छात्रों को भी दबाव के बारे में सोचने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए । कार्यक्रम के दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि अच्छा नेता कैसे बनें तो पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि टीमवर्क और धैर्य अच्छे नेता बनने के मुख्य गुण हैं । पीएम मोदी ने कहा कि अपने साथियों का समर्थन करना और उनकी परिस्थितियों को समझना महत्वपूर्ण है । नेतृत्व किसी पर थोपा नहीं जा सकता । एक छात्र के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर बच्चे में कुछ न कुछ खासियत जरूर होती है । कोई पढ़ाई में अच्छा होता है तो किसी की और चीज में अच्छा होता है । साथ ही पीएम मोदी ने उस छात्र से उसकी खासियत के बारे में भी चर्चा की । परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान बिहार के एक छात्र ने पीएम मोदी से लीडरशिप से जुड़ा सवाल पूछा जिस पर पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि बिहार का छात्र हो और राजनीति से जुड़ा सवाल न हो यह हो ही नहीं सकता । पीएम मोदी ने बताया आपके विश्वास से लीडरशिप को बल मिलता है । प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में परीक्षा के दौरान स्ट्रेस और रिजल्ट के बारे में बात की । उन्होंने बच्चों से पूछा कि वे इससे कैसे निपटते हैं । पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान केरल की एक स्टूडेंट की हिंदी से काफी प्रभावित हुए । परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को खाने-पीने के बारे में अहम टिप्स दिए । उन्होंने बताया कि बच्चों को अपने भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए कम से कम 32 बार । उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को कौन से खाद्य पदार्थ खाना चाहिए और किनसे बचना चाहिए । इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कब और क्या खाना उचित है ।
डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि जिस देश का प्रधानमन्त्री देश के बच्चों के प्रति इतना सवेदनशील एवं जिम्मेदार हो, यह उस देश के विकासशील से विकसित होने की गारंटी है । उन्होनें छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे मोबाइल का सदुपयोग करें । लगातार मोबाइल के इस्तेमाल से न सिर्फ हम मानसिक रूप से बीमार होते है बल्कि इससे हमारा शारीरिक विकास भी प्रभावित होंता है । अवसाद और चिंता का एक कारण मोबाइल का अंधाधुंध इस्तेमाल भी है । तकनीक ने यदि एक तरफ हमारा जीवन आसान किया है तो दूसरी तरफ इसने कई परेशानियां भी पैदा की है ।
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