Saturday, May 17, 2025
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at January 31, 2024 Tags: , , , ,

BOL PANIPAT : खादी आश्रम, पानीपत के श्री सोमभाई हाल में खादी आश्रम, पानीपत एवं पानीपत नागरिक मंच के तत्वाधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि एवं शहीदी दिवस के उपलक्ष्य पर एक सभा हुई जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प भी लिया गया। सभा की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी निर्मल दत्त ने की तथा सभा का संचालन विद्या भारती माॅडर्न स्कूल की अध्यापिका अनिता मित्तल ने किया। इस अवसर पर नगर के रचनात्मक और सामाजिक संगठनों के कई नेता तथा कार्यकर्ता, नगर के प्रबुद्ध नागरिक तथा विद्यालयों के विद्यार्थी भी उपस्थित थे। सभा का प्रारम्भ बापू जी के प्रिय भजन ‘‘वैष्णव जन तो तेने कहिये पीर पराई जाने रे’’ से हुआ।
खादी आश्रम, पानीपत एवं नागरिक मंच की अध्यक्षा  निर्मल दत्त ने बोलते हुए कहा कि गांधी जी ने कहा था भारत की आत्मा गांवों में बसती है। उन्होंने अपने सपनों के भारत में गांव के विकास को प्रमुखता प्रदान कर के उससे देश की उन्नति की बात कही थी। गांधी जी ने अपने सपनों के भारत में अपनी व्यापक दृष्टि का परिचय देते हुए ग्रामीण विकास की तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति करके ग्राम स्वराज्य, पंचायत राज, खादी ग्रामोद्योग, महिलाओं की शिक्षा, गांव की सफाई, गांव का आरोग्य व समग्र विकास के माध्यम से एक स्वावलम्बी व सशक्त देश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था।
उन्होंने आगे बताया कि आजादी के पुरोधा व पथ प्रदर्शक महान व्यक्तित्व के धनी, सरलता, सौजन्यता और उदारता की मूर्ति व अहिंसा के कटु पक्षधर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि उस समय थे। भले ही 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे की गोली ने गांधी जी के शरीर की हत्या कर दी हो लेकिन उनकी अजर अमर व देवतुल्य आत्मा अब भी भारत और भारतीयों को गांधी दर्शन के रूप में अपने आत्मीय अहसास का अनुभव करा रही है। गांधी जी के द्वारा आजादी के यज्ञ में दिए गए अपने निष्कामों की आहुति से अच्छाई सच्चाई की ज्योति आज भी जगमगा रही है।
प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपती  राजेन्द्र सिंगला ने बोलते हुए बताया कि गांधी किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि एक विचार, सिद्धांत और जीवन प्रणाली का नाम है। गांधी जी चाहते थे कि हमारे समाज की रचना सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर हो। यदि हम सब लोग सत्य और अहिंसा का आचरण करने का निर्णय करें तो हमसे कोई गलती नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं तथा बच्चे न तो डरते हैं, न झूठ बोलते हैं, न गलत कार्य करते हैं इसलिए उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि अपने अन्दर जो शक्ति है उसे बाहर निकाले और देश को संवारने का काम करें।
 मुकेश कुमार शर्मा, सचिव, खादी आश्रम, पानीपत ने बताया कि महात्मा गांधी एक युगपुरुष थे, उन्होंने जहां एक ओर भारतवासियों में स्वाधीनता की भावना जागृत की। गांधी कोई दार्शनिक नहीं थे, वे एक सच्चे विचारक और संत थे। उनका सारा जीवन कर्ममय था, उनके जीवन का लक्ष्य केवल अंग्रेजी सत्ता से छुटकारा दिलाना नहीं था बल्कि भारत व सारे विश्व में सत्य और अहिंसा के आदर्शों का निर्माण करना था।
विद्या भारती मॉडर्न स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी ने बोलते हुए कहा कि आज से 100 वर्ष पूर्व जो हिन्द स्वराज में लिखा था वह आज सही प्रमाणित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि गांधी जी सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे। हमें आज के दिन यह प्रण लेना चाहिए कि हम गांधी जी के बताये हुए मार्ग पर चले।
प्रातः 11 बजे सभी द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया तथा सभा के अन्त में  निर्मल दत्त ने उपस्थित छात्र-छात्राओं और नागरिकों को राष्ट्र, समाज और स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता की शपथ भी दिलवाई।

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