Sunday, April 27, 2025
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एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के खिलाडियों ने कुरुक्षेत्र विश्वविधालय इंटर कॉलेज पेनचाक सिलाट चैंपियनशिप 2025 में झटके चार गोल्ड समेत नौं मैडल

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at April 3, 2025 Tags: , , , ,

चार खिलाड़ी आल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी पेनचाक सिलाट चैंपियनशिप के लिए चयनित

पेनचाक सिलाट में सफलता का राज़ लचीलेपन, सजगता, ताकत और चपलता में छिपा है: डॉ अनुपम अरोड़ा  

BOL PANIPAT , 03 अप्रैल,

एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के खिलाड़ियों ने कुरुक्षेत्र विश्वविधालय इंटर कॉलेज पेनचाक सिलाट चैंपियनशिप 2025 में चार गोल्ड मैडल समेत कुल नौं मैडल झटक कर कॉलेज और जिले का मान बढाया । नेहा और कमल ने 55 किलोग्राम भारवर्ग में रजत और चेतना ने 60 किलोग्राम भारवर्ग, जतिन सैनी ने 65 किलोग्राम भारवर्ग और चरणजीत ने 90 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक हासिल किये । इनके साथ निशांत, मोहित, प्रशांत और प्रशांत कुमार (तुंग्गल विधा) ने में आल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी पेनचाक सिलाट चैंपियनशिप के लिए कुरुक्षेत्र विश्विधालय की टीम में चयनित होकर विश्वविधालय स्तर पर गोल्ड मेडल्स हासिल किये जो कॉलेज के गर्व का विषय रहा । इस चैंपियनशिप का आयोजन 1 अप्रैल को कुरुक्षेत्र विश्वविधालय में हुआ । 

निशांत, मोहित, प्रशांत, प्रशांत कुमार, नेहा, चेतना, कमल, जतिन सैनी और चरणजीत का कॉलेज पहुँचने पर स्वागत एसडी पीजी कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ सुशीला बेनीवाल, प्रो रेखा, प्रो नीलम, प्रो आनंद, प्रो अंकुश मलिक, ग्राउंड्स मैन प्रताप और अन्य प्राध्यापकों ने किया । ये खिलाड़ी इससे पहले भी राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तरीय और इंटर कॉलेज टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन के दम पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते आ रहे है ।

कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल ने अपने सन्देश में कहा कि खेलों में भाग लेने के हमें अनेकों फायदे मिलते है । इससे हमारा रूप और व्यक्तित्व बनता और निखरता है । खेल के मैदान और मुकाबले में हर खिलाड़ी यदि लगन के साथ भाग ले तो जीत अवश्य मिलती है । माता-पिता आज भी चाहतें हैं कि उनका बेटा या बेटी खिलाड़ी की जगह डाक्टर-इंजिनियर बने परन्तु इन खिलाड़ियों ने खेल के महत्व को समाज में स्थापित किया है । कॉलेज ऐसे खिलाडियों का निरंतर मार्गदर्शन करता रहेगा । तनाव और अवसाद से भरी आज की आधुनिक जीवन शैली में खेल ही हमें स्वस्थ और तनावमुक्त रख सकतें है । 

प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने निशांत, मोहित, प्रशांत, प्रशांत कुमार, नेहा, चेतना, कमल, जतिन सैनी और चरणजीत की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि इन खिलाड़ीयों की उपलब्धि अत्यंत गौरवपूर्ण है । इनकी जीत से न सिर्फ ये सभी खिलाड़ी जीवन में सफलता की सीढियां चढ़ेंगे बल्कि इनसे दूसरे विद्यार्थियों को भी भरपूर प्रेरणा मिलेगी । आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है और इसमें भाग लेना मात्र ही हर खिलाड़ी का स्वप्न होता है । निशांत, मोहित, प्रशांत और प्रशांत कुमार ने तो मैडल प्राप्त करके एक नई बुलंदी को छुआ है । ये सारे खिलाड़ी जल्द अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करे यही उनकी कामना है । पेनचाक सिलाट में शामिल खेल लचीलेपन, सजगता, ताकत, धीरज और चपलता की मांग करते है ।  

डॉ सुशीला बेनीवाल ने कहा कि पेनचाक सिलाट शब्दावली का इस्तेमाल 1950 के दशक में इंडोनेशियाई आजादी के बाद आम प्रचलन में आया । यह कई तरह के मार्शल आर्ट्स के लिए सामान्य रूप से प्रयोग होने वाला शब्द है । यह पूर्ण रूप से शारीरिक युद्ध है जिसमें हमला, उठापटक, फेंकने के अलावा हथियारों का प्रयोग भी शामिल रहता है । पेनचाक सिलाट में शरीर के हर हिस्से का उपयोग किया जाता है और यह हमले के अधीन होता है । इसका अभ्यास न केवल शारीरिक रक्षा के लिए बल्कि मनोवैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है ।   

इस अवसर पर स्टाफ सदस्यों में डॉ एसके वर्मा, डॉ मुकेश पुनिया, दीपक मित्तल आदि मौजूद रहे ।

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