चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए छात्रों को दिया प्रशिक्षण
-पाइट में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, आइआइटी और डीक्रस्ट की रही भूमिका
BOL PANIPAT : समालखा : विश्व इस समय चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर से गुजर रहा है। यह संभव हो रहा है आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के माध्यम से। छात्र जब तक प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा हासिल नहीं करेंगे, तब तक तकनीक को समझ नहीं सकेंगे। यह बात पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कही। दरअसल, पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पाइट) में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग ने आइहब दिव्यसम्पर्क, आइआइटी रूड़की और डीक्रस्ट मुरथल के सहयोग से बिल्डिंग द फ्यूचर : आइओटी, सेंसर्स और एमआइ/एमएल फॉर इंडस्ट्री 4.0 शीर्षक से पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम किया। यह विशेष पहल अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों के लिए की गई। छात्रों को चौथी औद्योगिक क्रांति की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित किया गया।
राकेश तायल ने बताया कि 210 छात्रों ने पंजीकरण कराया। इनमें से 110 छात्र एससी श्रेणी से थे। समाज के सभी बच्चे जब कुशल होंगे, तो निश्चित ही भारत विकसित होगा। बोर्ड सदस्य शुभम तायल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम अकादमिक और उद्योग के बीच की खाई को दूर करते हैं। छात्रों को आज के तकनीकी-प्रेरित रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान करते हैं। डीन डॉ. जेएस सैनी ने प्रैक्टिकल शिक्षा का महत्व बताया। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज अरोड़ा ने कहा कि छात्रों द्वारा विकसित किए गए प्रोजेक्ट इस बात का प्रमाण हैं कि इस तरह के केंद्रित प्रयासों से अपार संभावनाएं खोली जा सकती हैं। छात्रों ने स्मार्ट सिस्टम डिजाइन का कौशल प्राप्त किया। अश्विनी ने प्रोजेक्ट-आधारित अधिगम पर फोकस किया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. पूनम जगलान रहीं। आइहब डीक्रस्ट के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज दूहन और डॉ. विकास नेहरा ने भी प्रेरित किया।
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